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Cyber crime: साइबर अपराधियों का शिकार बन रहे किसान, प्रशासन ने किया सतर्क

लोहरदगा में साइबर अपराधी किसानों को अपना शिकार बना रहे हैं. किसान को फोन कॉल कर पैसों का लालच देकर ओटीपी हासिल करते हैं और फिर बैंक एकाउंट के सारे पैसे गायब कर देते हैं. अब जिला प्रशासन किसानों को सतर्क कर रहा है.

Cyber criminals in lohardaga
साइबर अपराधियों का शिकार बन रहे किसान
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Published : Nov 30, 2021, 1:59 PM IST

लोहरदगा: जिले में किसानों की बड़ी आबादी है जो धान की खेती करती है. इस किसानों को धान की अच्छी कीमत भी मिल जाती है. इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से धान क्रय केंद्र संचालित किया जा रहा है. निबंधित किसान धान क्रय केंद्र पर पहुंचकर अपनी फसल बेचते हैं. लेकिन इन किसानों पर साइबर अपराधियों की नजर पड़ गई है. साइबर अपराधी किसानों को अपना शिकार बनाकर ठग रहे हैं. किसानों से ठगी का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन के सतर्क हो गया है. जिला प्रशासन की ओर से किसानों को सावधान करने को लेकर सतर्कता अभियान चलया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंःलोहरदगाः सरकार की योजना के नाम पर साइबर ठगी का शिकार हुआ किसान, पुलिस से लगाई मदद की गुहार


सरकारी धान क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए निबंधन प्रक्रिया जारी है. क्रय केंद्र पर धान बिक भी रहा है और किसान निबंधन भी करवा रहे हैं. इसी बीच जिले के किसानों को 9002214675 फोन नंबर से कॉल आ रहे हैं. कॉल रिसीव करने के बाद कहा जाता है कि आपको प्रशासन और सरकार की ओर से धान का 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. यह पैसा लेना है तो मोबाइल पर गया ओटीपी नबंर बताए. भोले भाले किसान साइबर अपराधियों के चक्कर में पड़कर ओटीपी बता देते हैं. इसके बाद बैंक एकाउंट से पैसा गायब हो जा रहा है. ठगी के शिकार हुए किसानों ने जिला प्रशासन से शिकायत की है.

देखें वीडियो



प्रशासन ने किसानों को किया अलर्ट
जिला प्रशासन ने साफ तौर पर किसानों से कहा कि सरकार या प्रशासन इस तरह का कोई भी फोन कॉल किसानों को नहीं करता है. यह साइबर अपराधियों की करतूत है. अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की टीम किसानों को आ रहे फोन नंबर को पता लगाने में जुट गई है. इसको लेकर टक्निकल टीम की भी मदद ली जा रही है. उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि किसी भी कॉल पर ओटीपी नहीं बताए.

लोहरदगा: जिले में किसानों की बड़ी आबादी है जो धान की खेती करती है. इस किसानों को धान की अच्छी कीमत भी मिल जाती है. इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से धान क्रय केंद्र संचालित किया जा रहा है. निबंधित किसान धान क्रय केंद्र पर पहुंचकर अपनी फसल बेचते हैं. लेकिन इन किसानों पर साइबर अपराधियों की नजर पड़ गई है. साइबर अपराधी किसानों को अपना शिकार बनाकर ठग रहे हैं. किसानों से ठगी का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन के सतर्क हो गया है. जिला प्रशासन की ओर से किसानों को सावधान करने को लेकर सतर्कता अभियान चलया जा रहा है.

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सरकारी धान क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए निबंधन प्रक्रिया जारी है. क्रय केंद्र पर धान बिक भी रहा है और किसान निबंधन भी करवा रहे हैं. इसी बीच जिले के किसानों को 9002214675 फोन नंबर से कॉल आ रहे हैं. कॉल रिसीव करने के बाद कहा जाता है कि आपको प्रशासन और सरकार की ओर से धान का 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. यह पैसा लेना है तो मोबाइल पर गया ओटीपी नबंर बताए. भोले भाले किसान साइबर अपराधियों के चक्कर में पड़कर ओटीपी बता देते हैं. इसके बाद बैंक एकाउंट से पैसा गायब हो जा रहा है. ठगी के शिकार हुए किसानों ने जिला प्रशासन से शिकायत की है.

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प्रशासन ने किसानों को किया अलर्ट
जिला प्रशासन ने साफ तौर पर किसानों से कहा कि सरकार या प्रशासन इस तरह का कोई भी फोन कॉल किसानों को नहीं करता है. यह साइबर अपराधियों की करतूत है. अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की टीम किसानों को आ रहे फोन नंबर को पता लगाने में जुट गई है. इसको लेकर टक्निकल टीम की भी मदद ली जा रही है. उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि किसी भी कॉल पर ओटीपी नहीं बताए.

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