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Lohardaga News: तीरंदाज दीप्ति की लक्ष्य साधने की उम्मीद अभी बाकी है, सीएम से भी मिला है भरोसा

लोहरदगा की तीरंदाज दीप्ति कुमारी को मदद का भरोसा तो खूब मिला है, परंतु आज तक मदद नहीं मिल पाई है. वो तीरंदाजी के प्रति अपने जुनून से दूर रहने को विवश है. मुख्यमंत्री से भी उन्होंने मुलाकात की है. मुख्यमंत्री ने भी मदद का भरोसा दिया है. हालांकि देखने वाली बात है कि कब तक उन्हें यह मदद मिल पाती है, या है इस बार भी बस सपना ही रह जाएगा.

CM Hemant Soren assured help to archer Deepti in lohardaga
CM Hemant Soren assured help to archer Deepti in lohardaga
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Published : Apr 30, 2023, 1:18 PM IST

Updated : Apr 30, 2023, 1:54 PM IST

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लोहरदगा: खेल के माध्यम से देश को पदक दिलाने की चाहत के साथ कोशिश कर रही थी, परंतु अचानक से धनुष टूटने से झटका लग गया. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. यह उम्मीद थी कि कहीं ना कहीं से कुछ ना कुछ मदद जरूर मिलेगी, परंतु अब तक ऐसा हो नहीं पाया है. लोहरदगा के राजा बंगला की रहने वाली दीप्ति कुमारी अभी भी उसी उम्मीद के सहारे सरकारी मदद का इंतजार कर रही है. दीप्ति ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है. जहां से उसे मदद का भरोसा भी मिला है.

ये भी पढ़ेंः धनुष के साथ टूट गया तीरंदाज दीप्ति का सपना, आज सड़क पर चाय बेच रहीं नेशनल प्लेयर

धनुष मिल जाए तो सीनियर कैटेगरी में खेलने की है उम्मीदः लोहरदगा के राजा बंगला की रहने वाली तीरंदाज दीप्ति कुमारी तीरंदाजी के प्रति अपने जज्बे को अभी भी जिंदा रखे हुए हैं. उसे उम्मीद है कि उसे कहीं ना कहीं से धनुष जरूर मिलेगा. हालांकि अब तक कहीं से मदद नहीं मिल पाई है. भरोसा तो कई लोगों ने दिया है. दीप्ति कहती है कि यदि धनुष मिल जाए तो वह सीनियर कैटेगरी में अभी भी खेल सकती हैं. इसी उम्मीद के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 27 अप्रैल को झारखंड मंत्रालय में लोहरदगा के राजाबंगला निवासी तीरंदाजी खिलाड़ी दीप्ति कुमारी ने मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री को उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा था.

मुख्यमंत्री के समक्ष उसने कहा था कि तीरंदाजी खेल में वे नेशनल खिलाड़ी रह चुकी हैं. सरायकेला खरसावां आर्चरी अकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि मेरी मां स्वयं सहायता समूह से सात लाख रुपए कर्ज लेकर चार लाख पचास हजार रुपए में धनुष खरीदी थी. यूएस खेलने जाने के क्रम में कोलकोता में उसका धनुष टूट गया और वो यूएसए जाने से वंचित रह गई. दीप्ति कुमारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा था कि उसे आशंका है कि वह साजिश की शिकार हुई थी. उसकी मां सदमा से बीमार रहने लगी है.

कर्ज चुकाने के लिए रांची अरगोड़ा में चाय की दुकान खोली थी. कुछ दिनों बाद रांची नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान में दुकान उजड़ गई. जिसके बाद वह घर वापस आ गई और उसकी आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं है. उसने हिम्मत नहीं हारी है. हौसला है, खेलने का सपना है, गोल्ड लाने का भी. एक दिन झारखंड का मान जरूर बढ़ाऊंगी. देश का परचम दुनिया में लहराउंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खिलाड़ी दीप्ती कुमारी की बातों को आत्मीयता से सुना था. मुख्यमंत्री ने दीप्ति कुमारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र तथा उनके द्वारा विभिन्न तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में लिए गए हिस्सेदारी और जीते हुए मेडल की सूची भी देखी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दीप्ती कुमारी के संघर्ष को सराहा था. उन्होंने दीप्ति कुमारी को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें हरसंभव मदद करेगी.

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लोहरदगा: खेल के माध्यम से देश को पदक दिलाने की चाहत के साथ कोशिश कर रही थी, परंतु अचानक से धनुष टूटने से झटका लग गया. फिर भी हिम्मत नहीं हारी. यह उम्मीद थी कि कहीं ना कहीं से कुछ ना कुछ मदद जरूर मिलेगी, परंतु अब तक ऐसा हो नहीं पाया है. लोहरदगा के राजा बंगला की रहने वाली दीप्ति कुमारी अभी भी उसी उम्मीद के सहारे सरकारी मदद का इंतजार कर रही है. दीप्ति ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है. जहां से उसे मदद का भरोसा भी मिला है.

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धनुष मिल जाए तो सीनियर कैटेगरी में खेलने की है उम्मीदः लोहरदगा के राजा बंगला की रहने वाली तीरंदाज दीप्ति कुमारी तीरंदाजी के प्रति अपने जज्बे को अभी भी जिंदा रखे हुए हैं. उसे उम्मीद है कि उसे कहीं ना कहीं से धनुष जरूर मिलेगा. हालांकि अब तक कहीं से मदद नहीं मिल पाई है. भरोसा तो कई लोगों ने दिया है. दीप्ति कहती है कि यदि धनुष मिल जाए तो वह सीनियर कैटेगरी में अभी भी खेल सकती हैं. इसी उम्मीद के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 27 अप्रैल को झारखंड मंत्रालय में लोहरदगा के राजाबंगला निवासी तीरंदाजी खिलाड़ी दीप्ति कुमारी ने मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री को उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा था.

मुख्यमंत्री के समक्ष उसने कहा था कि तीरंदाजी खेल में वे नेशनल खिलाड़ी रह चुकी हैं. सरायकेला खरसावां आर्चरी अकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि मेरी मां स्वयं सहायता समूह से सात लाख रुपए कर्ज लेकर चार लाख पचास हजार रुपए में धनुष खरीदी थी. यूएस खेलने जाने के क्रम में कोलकोता में उसका धनुष टूट गया और वो यूएसए जाने से वंचित रह गई. दीप्ति कुमारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा था कि उसे आशंका है कि वह साजिश की शिकार हुई थी. उसकी मां सदमा से बीमार रहने लगी है.

कर्ज चुकाने के लिए रांची अरगोड़ा में चाय की दुकान खोली थी. कुछ दिनों बाद रांची नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान में दुकान उजड़ गई. जिसके बाद वह घर वापस आ गई और उसकी आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं है. उसने हिम्मत नहीं हारी है. हौसला है, खेलने का सपना है, गोल्ड लाने का भी. एक दिन झारखंड का मान जरूर बढ़ाऊंगी. देश का परचम दुनिया में लहराउंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खिलाड़ी दीप्ती कुमारी की बातों को आत्मीयता से सुना था. मुख्यमंत्री ने दीप्ति कुमारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र तथा उनके द्वारा विभिन्न तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में लिए गए हिस्सेदारी और जीते हुए मेडल की सूची भी देखी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दीप्ती कुमारी के संघर्ष को सराहा था. उन्होंने दीप्ति कुमारी को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें हरसंभव मदद करेगी.

Last Updated : Apr 30, 2023, 1:54 PM IST
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