लोहरदगा: भूगर्भ जलस्तर को बनाए रखने और बरसात के पानी को संरक्षित करने को लेकर सरकार की ओर से महत्वपूर्ण योजना का संचालन किया गया. इस योजना का नाम है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम. यह बेहद महत्वपूर्ण योजना है. पानी बचाने की योजना है, लेकिन इस योजना को दुर्भाग्यपूर्ण रूप से भ्रष्टाचार का दीमक लग गया है. योजना के नाम पर पानी में पानी का पैसा जा रहा है. इस बात से विभाग बेफिक्र है. सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है. मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं, परंतु हालात साफ तौर पर बताते हैं कि किस तरह से सरकारी राशि की बर्बादी की जा रही है और योजना के नाम पर कागजी कोरम पूरा हो रहा है.
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पाइप का पता नहीं, योजना के नाम पर कागजी कार्रवाई
लोहरदगा में मनरेगा के तहत रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना का क्रियान्वयन किया गया है. योजना यूं तो बहुत छोटी है, पूरे जिले में योजना में कुल खर्च की बात करें तो 43 लाख 83000 रुपए इस योजना में खर्च किए गए हैं. इस योजना के तहत जिले में 319 योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया. धरातल पर यदि योजनाओं की पड़ताल करें तो हकीकत कुछ और ही नजर आती है. विभाग का दावा है कि 240 से ज्यादा योजनाएं पूरी हो चुकी हैं. योजनाओं की सूची के आधार पर जब जांच की जाती है तो सच्चाई सामने आ जाती है. कहीं पर योजना में पाइप का ही पता नहीं है, जबकि कहीं परियोजना के नाम पर महज कागजी कार्रवाई की गई है. कुल मिलाकर इस योजना का पैसा बर्बाद हो गया है. उदाहरण के रूप में ईटीवी भारत की टीम ने लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के बेटहठ पंचायत में योजना की पड़ताल की तो हकीकत सामने थी. योजना के नाम पर महज कागजी कार्रवाई नजर आई.