लोहरदगाः शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन से हर दिन हजारों यात्री सफर करते हैं. लोहरदगा के अलावा गुमला जिले के यात्रियों के लिए भी यह प्रमुख रेलवे स्टेशन है. यहां से यात्री चंदवा, पलामू, सासाराम, गढ़वा, रांची के लिए भी सफर करते हैं. कुल मिलाकर यह रेलवे स्टेशन हर दिन हजारों यात्रियों के आवागमन का गवाह बनता है. इसके बावजूद यहां पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पर्याप्त उपाय नजर नहीं आते.
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कुछ एक यात्रियों और रेलवे स्टेशन में काउंटर चलाने वाले दुकानदारों को मास्क पहने जरूर देखा जा सकता है, परंतु रेलवे में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों, यहां तक कि रेलवे कर्मचारियों के पास भी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर मास्क तक उपलब्ध नहीं है. रेलवे यात्री कहते हैं कि वर्तमान परिस्थिति से उन्हें काफी डर लग रहा है. सभी को कोरोना वायरस से बचाव को लेकर व्यक्तिगत उपाय जरूर करना चाहिए.
वायरस से बचाव को लेकर समुचित उपाय नहीं
लोहरदगा रेलवे स्टेशन में हर समय भीड़भाड़ बनी रहती है. यहां पर दूसरे प्रदेश से लोग भी पहुंचते हैं. लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार जिले के मजदूर जब रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में पलायन करते हैं तो वे वापस अपने घर भी लौटते हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों का भी आना जाना लगा रहता है. इसके अलावा बड़ी संख्या में रांची जाने वाले यात्रियों की संख्या भी है. इन तमाम व्यस्तताओं और भीड़भाड़ के बावजूद यहां पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर समुचित उपाय नजर नहीं आते. यहां तक कि रेलवे कर्मचारियों के पास भी मास्क तक नहीं है. हालांकि रेलवे प्रबंधन का कहना है कि वे लगातार रेल यात्रियों को जागरूक करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
लोगों को कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है. यह दुर्भाग्य की बात है कि दूसरों को जागरूक करने वाला रेलवे प्रशासन खुद ही अपने बचाव को लेकर सक्षम दिखाई नहीं देता है. रेल यात्रियों के लिए ऐसी परेशानी कहीं ना कहीं दुखद तो है ही. तमाम परिस्थितियों कोरोना वायरस के संक्रमण को आमंत्रित कर रही है. यदि जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में स्थिति भयावह हो सकती है.