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लोहरदगाः प्रवासी लोगों के वापसी के मद्देनजर प्रशासन ने सभी तैयारियां की, शहर से लेकर गांवों में किए गए इंतजाम - coroan effect in jharkhand

गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में फंसे लोहरदगा के छात्र और मजदूर भी घर वापसी करेंगे, जिससे संक्रमण की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसके लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं.

इंतजाम
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Published : Apr 30, 2020, 12:48 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 2:01 PM IST

लोहरदगाः लॉकडाउन में सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों और दूसरे राज्य में फंसे विद्यार्थियों को वापस लाने को लेकर पहल शुरू कर दी गई है. आने वाले समय में निश्चित रूप से परिस्थितियां बदलेगी. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है.

पढ़ें पूरी खबर.

इन तमाम परिस्थितियों को लेकर लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग में जोरदार तैयारी की है. शहर से लेकर गांव तक इंतजाम किए गए हैं. लोहरदगा सदर अस्पताल को पूरी तरह से कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है. इसके अलावा इसे 50 बेड के अस्पताल से बढ़ाकर अब 100 बेड का अस्पताल तैयार कर दिया गया है.

गांवों में भी भवन तैयार

स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन परिस्थितियों को लेकर गंभीर है. भीड़ बढ़ने के साथ ही संक्रमण का खतरा भी निश्चित रूप से बढ़ेगा. वजह साफ है कि लोहरदगा के हजारों मजदूर वर्तमान में दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं.

इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी भी दूसरे प्रदेशों में फंसकर रह गए हैं. इन लोगों के वापस आने की स्थिति में संक्रमण के खतरे के साथ-साथ भीड़ बढ़ने का खतरा भी बढ़ेगा.

लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों पर भी खतरा मंडराने लगा है. परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन ने अपनी ओर से तैयारियों को पुख्ता कर लिया है, जहां सदर अस्पताल को पूरी तरह से 100 बेड के कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है.

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भवनों को चिन्हित करते उन्हें क्वॉरंटाइन सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है. इसके लिए लगातार डीसी आकांक्षा रंजन, सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर शम्भून्नाथ चौधरी भ्रमण कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना वायरस के मिले दो नए मरीज, राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 107

ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भवनों को तैयार करते हुए उन्हें कोविड-19 अस्पताल के रूप में तैयार करने का काम किया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार भी कहते हैं कि हम आने वाली परिस्थितियों को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. 24 घंटे स्वास्थ्य कर्मी काम कर रहे हैं.

लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से तैयारियों को मजबूत कर लिया है. प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों के दूसरे प्रदेश से लोहरदगा लौटने की स्थिति में उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए यह तैयारी की जा रही है.

सदर अस्पताल को 50 बेड से बढ़ाकर 100 बेड के कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भवनों को क्वॉरंटाइन सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है.

लोहरदगाः लॉकडाउन में सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों और दूसरे राज्य में फंसे विद्यार्थियों को वापस लाने को लेकर पहल शुरू कर दी गई है. आने वाले समय में निश्चित रूप से परिस्थितियां बदलेगी. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है.

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इन तमाम परिस्थितियों को लेकर लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग में जोरदार तैयारी की है. शहर से लेकर गांव तक इंतजाम किए गए हैं. लोहरदगा सदर अस्पताल को पूरी तरह से कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है. इसके अलावा इसे 50 बेड के अस्पताल से बढ़ाकर अब 100 बेड का अस्पताल तैयार कर दिया गया है.

गांवों में भी भवन तैयार

स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन परिस्थितियों को लेकर गंभीर है. भीड़ बढ़ने के साथ ही संक्रमण का खतरा भी निश्चित रूप से बढ़ेगा. वजह साफ है कि लोहरदगा के हजारों मजदूर वर्तमान में दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं.

इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी भी दूसरे प्रदेशों में फंसकर रह गए हैं. इन लोगों के वापस आने की स्थिति में संक्रमण के खतरे के साथ-साथ भीड़ बढ़ने का खतरा भी बढ़ेगा.

लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों पर भी खतरा मंडराने लगा है. परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन ने अपनी ओर से तैयारियों को पुख्ता कर लिया है, जहां सदर अस्पताल को पूरी तरह से 100 बेड के कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है.

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भवनों को चिन्हित करते उन्हें क्वॉरंटाइन सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है. इसके लिए लगातार डीसी आकांक्षा रंजन, सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर शम्भून्नाथ चौधरी भ्रमण कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना वायरस के मिले दो नए मरीज, राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 107

ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भवनों को तैयार करते हुए उन्हें कोविड-19 अस्पताल के रूप में तैयार करने का काम किया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार भी कहते हैं कि हम आने वाली परिस्थितियों को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. 24 घंटे स्वास्थ्य कर्मी काम कर रहे हैं.

लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से तैयारियों को मजबूत कर लिया है. प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों के दूसरे प्रदेश से लोहरदगा लौटने की स्थिति में उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए यह तैयारी की जा रही है.

सदर अस्पताल को 50 बेड से बढ़ाकर 100 बेड के कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भवनों को क्वॉरंटाइन सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है.

Last Updated : Apr 30, 2020, 2:01 PM IST
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