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आदिम जनजाति बहुल गांव में दोना पत्तल उद्योग बंद, अब बेरोजगारी झेल रहे ग्रामीण

लोहरदगा में बहुल गांव के आदिम जनजाति के लोग बेरोजगारी की स्थिति झेल रहे हैं. 8 साल पहले स्वरोजगार योजना के लिए यहां के आदिम जनजाति परिवारों को दोना-पत्तल तैयार करने की मशीन उपलब्ध कराई गई थी. लेकिन बाजार में बेहतर मूल्य नहीं मिलने पर इसे बंद कर दिया गया. जिसके वजह से उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

बंद पड़ा दोना पत्तल उद्योग
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Published : Apr 12, 2019, 3:04 PM IST

Updated : Apr 13, 2019, 2:43 PM IST

लोहरदगा: जिले के आदिम जनजाति बहुल सेमरडीह गांव में स्वरोजगार की महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ रही है. दोना-पत्तल उद्योग आज बंद पड़ चुका है. 8 साल पहले इस योजना के लिए यहां के आदिम जनजाति परिवारों को दोना-पत्तल तैयार करने की मशीन उपलब्ध कराई गई थी. जब बाजार में इसे बेहतर मूल्य नहीं मिलने लगा और ठीक से बाजार भी नहीं मिल पाया तो ग्रामीणों ने इस काम को बंद कर दिया.

जानकारी देते राजेश बिरहोर, ग्रामीण

ये भी पढ़ें-रामनवमी को लेकर पलामू में हाई अलर्ट, अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात

आदिम जनजाति परिवार के लोग फिर से बेरोजगारी की स्थिति झेल रहे हैं. इनके पास काम करने को कुछ भी नहीं है. इस मामले में जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक का कहना है कि वो फिर से उन्हें जागरुक कर रोजगार को जीवित करेंगे. इसके लिए केंद्र के अधिकारी उनसे मिलकर उनकी समस्याओं को जानेंगे. साथ ही प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा.

बता दें कि सरकार ने आदिम जनजातियों के विकास को लेकर स्वरोजगार की योजनाओं का संचालन किया था. सरकार का उद्देश्य था कि आदिम जनजाति के लोग वन उत्पाद को एक रोजगार के रूप में उपयोग में लाते हुए आर्थिक उन्नति करें. लेकिन सरकार की ये महत्वपूर्ण योजना बेहतर नेतृत्व और मार्गदर्शन के अभाव में आज बंद पड़ चुकी है.

लोहरदगा: जिले के आदिम जनजाति बहुल सेमरडीह गांव में स्वरोजगार की महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ रही है. दोना-पत्तल उद्योग आज बंद पड़ चुका है. 8 साल पहले इस योजना के लिए यहां के आदिम जनजाति परिवारों को दोना-पत्तल तैयार करने की मशीन उपलब्ध कराई गई थी. जब बाजार में इसे बेहतर मूल्य नहीं मिलने लगा और ठीक से बाजार भी नहीं मिल पाया तो ग्रामीणों ने इस काम को बंद कर दिया.

जानकारी देते राजेश बिरहोर, ग्रामीण

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आदिम जनजाति परिवार के लोग फिर से बेरोजगारी की स्थिति झेल रहे हैं. इनके पास काम करने को कुछ भी नहीं है. इस मामले में जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक का कहना है कि वो फिर से उन्हें जागरुक कर रोजगार को जीवित करेंगे. इसके लिए केंद्र के अधिकारी उनसे मिलकर उनकी समस्याओं को जानेंगे. साथ ही प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा.

बता दें कि सरकार ने आदिम जनजातियों के विकास को लेकर स्वरोजगार की योजनाओं का संचालन किया था. सरकार का उद्देश्य था कि आदिम जनजाति के लोग वन उत्पाद को एक रोजगार के रूप में उपयोग में लाते हुए आर्थिक उन्नति करें. लेकिन सरकार की ये महत्वपूर्ण योजना बेहतर नेतृत्व और मार्गदर्शन के अभाव में आज बंद पड़ चुकी है.

Intro:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_ROJGAR KA HAL
स्टोरी- आदिम जनजाति बहुल गांव में दोना पत्तल उद्योग का हाल बुरा, बेरोजगारी झेल रहे ग्रामीण
.. बाजार नहीं मिलने से दोना पत्तल उद्योग से ग्रामीणों ने मुंह मोड़ा सरकार भी नहीं दे रहे ध्यान
बाइट- राजेश बिरहोर, ग्रामीण
बाइट- पूनम बिरहोर, ग्रामीण
बाइट- महाप्रबंधक, जिला उधोग केंद्र
एंकर- सरकार ने आदिम जनजातियों के विकास को लेकर स्वरोजगार की योजनाओं का संचालन किया था. सरकार का उद्देश्य था कि आदिम जनजाति परिवार के लोग वन उत्पाद को एक रोजगार के रूप में उपयोग में लाते हुए अपने जीवन में आर्थिक उन्नति लाएं. इसके विपरीत लोहरदगा जिले के आदिम जनजाति बहुल सेमरडीह गांव में स्वरोजगार की महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ रही है. दोना-पत्तल उद्योग आज बंद पड़ चुका है. 8 साल पहले इस योजना के लिए यहां के आदिम जनजाति परिवारों को दोना-पत्तल तैयार करने की मशीन उपलब्ध कराई गई थी. इस मशीन के माध्यम से दोना-पत्तल तैयार कर बाजार में बेचना था. जब बाजार में इसे बेहतर मूल्य नहीं मिलने लगा और ठीक से बाजार भी नहीं मिल पाया तो ग्रामीणों ने इस काम को बंद कर दिया. आज यह रोजगार बंद हो चुका है. आदिम जनजाति परिवार के लोग फिर से बेरोजगारी की स्थिति झेल रहे हैं. इनके पास काम करने को कुछ भी नहीं है. इस मामले में जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक का कहना है कि हम फिर से उन्हें जागरुक कर रोजगार को जीवित करेंगे. इसके लिए केंद्र के अधिकारी उनसे मिलकर उनकी समस्याओं को जानेंगे. साथ ही प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा. बहरहाल सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना बेहतर नेतृत्व और मार्गदर्शन के अभाव में आज बंद पड़ चुकी है.


Body:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_ROJGAR KA HAL
स्टोरी- आदिम जनजाति बहुल गांव में दोना पत्तल उद्योग का हाल बुरा, बेरोजगारी झेल रहे ग्रामीण
.. बाजार नहीं मिलने से दोना पत्तल उद्योग से ग्रामीणों ने मुंह मोड़ा सरकार भी नहीं दे रहे ध्यान


Conclusion:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_ROJGAR KA HAL
स्टोरी- आदिम जनजाति बहुल गांव में दोना पत्तल उद्योग का हाल बुरा, बेरोजगारी झेल रहे ग्रामीण
.. बाजार नहीं मिलने से दोना पत्तल उद्योग से ग्रामीणों ने मुंह मोड़ा सरकार भी नहीं दे रहे ध्यान
Last Updated : Apr 13, 2019, 2:43 PM IST
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