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लातेहार: गेहूं कटाई के लिए नहीं मिल रहे मजदूर, खेतों में ही बर्बाद हो रहे फसल - लातेहार में कोरोना वायरस

लातेहार में लॉकडाउन के कारण गेहूं के फसल की कटाई के लिए किसानों को मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान खेतों में बर्बाद हो रहे अपने फसलों को देखकर खून के आंसू रोने को मजबूर हैं.

Workers are not getting to harvest wheat in latehar
गेहूं के फसल
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Published : Apr 11, 2020, 4:22 PM IST

लातेहार: कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशान है, लेकिन इस वायरस का सबसे अधिक नुकसान किसानों को हो रहा है. लॉकडाउन के कारण किसानों को गेहूं के पके हुए फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में फलक खेत में बर्बाद हो रहा है.

जानकारी देते किसान

दरअसल, मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक गेहूं के फसलों की कटाई होती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण गेहूं के फसल की कटाई के लिए किसानों को मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान खेतों में बर्बाद हो रहे अपने फसलों को देखकर खून के आंसू रोने को मजबूर हैं. किसान रंजीत कुमार और शशि लाल उरांव ने कहा कि मजदूर नहीं मिलने के कारण गेहूं की कटाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: चाईबासा मंडल कारा से 100 बंदियों को किया गया शिफ्ट, भेजा गया रांची होटवार जेल

धान नुकसान के बाद गेहूं से थी उम्मीद

लातेहार जिले में इस वर्ष समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसानों को धान के फसल में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि इस वर्ष उन्हें गेहूं के उत्पादन में कुछ मुनाफा जरूर होगा. लेकिन लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिलने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. इससे किसान हताश हैं.

लातेहार: कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशान है, लेकिन इस वायरस का सबसे अधिक नुकसान किसानों को हो रहा है. लॉकडाउन के कारण किसानों को गेहूं के पके हुए फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में फलक खेत में बर्बाद हो रहा है.

जानकारी देते किसान

दरअसल, मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक गेहूं के फसलों की कटाई होती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण गेहूं के फसल की कटाई के लिए किसानों को मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान खेतों में बर्बाद हो रहे अपने फसलों को देखकर खून के आंसू रोने को मजबूर हैं. किसान रंजीत कुमार और शशि लाल उरांव ने कहा कि मजदूर नहीं मिलने के कारण गेहूं की कटाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

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धान नुकसान के बाद गेहूं से थी उम्मीद

लातेहार जिले में इस वर्ष समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसानों को धान के फसल में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि इस वर्ष उन्हें गेहूं के उत्पादन में कुछ मुनाफा जरूर होगा. लेकिन लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिलने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. इससे किसान हताश हैं.

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