लातेहार: गर्मी के आगाज के साथ ही देश भर में प्रसिद्ध बेतला नेशनल पार्क में जानवरों के लिए पेयजल संकट गहराने लगा. हालांकि वन विभाग के द्वारा जानवरों की प्यास बुझाने के लिए कृत्रिम जल स्रोतों में टैंकर के माध्यम से पानी भरा जा रहा है. जिससे जानवरों को काफी राहत भी मिल रही है.
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दरअसल, बेतला नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में जंगली जानवर निवास करते हैं. पार्क में जानवरों के लिए कई प्राकृतिक जल स्रोत हैं. जहां जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाते हैं. लेकिन, गर्मी के आगाज के साथ ही जल स्रोत सूखने लगते हैं और जानवरों को पेयजल की घोर संकट हो जाती है. इस बार भी बेतला नेशनल पार्क के अधिकांश जल स्रोत या तो सूख गए हैं या फिर सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से वन विभाग के द्वारा जानवरों की प्यास बुझाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी लगातार की जा रही है. इस वर्ष भी पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में जानवरों के लिए बनाए गए कृत्रिम जल स्रोतों में टैंकर के माध्यम से पानी भरा जा रहा है. इस संबंध में वन कर्मी ने बताया कि पार्क में बनाए गए पानी के टब में टैंकर के माध्यम से प्रतिदिन पानी भरा जाता है. जिससे यहां के जानवर अपनी प्यास बुझा सके.
पार्क में बने हैं 40 कृत्रिम जल स्रोत: इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि गर्मी में जब प्राकृतिक जलस्रोत सूख जाते हैं तो जानवरों के सामने पेयजल की संकट आ जाती है. लेकिन वन विभाग के द्वारा जानवरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि बेतला नेशनल पार्क के विभिन्न इलाकों में लगभग 40 वाटर टब का निर्माण किया गया है. जहां टैंकर के माध्यम से प्रतिदिन पानी भरा जाता है. इसके अलावा प्राकृतिक जल स्रोतों के पास सोलर आधारित मोटर पंप लगाए गए हैं. जहां से दिन भर पानी निकलता है और यह पानी प्राकृतिक जल स्रोतों में जमा होते हैं. उन्होंने कहा कि इस एरिया में अभी 6 और सोलर आधारित मोटर पंप लगाने की योजना है. उन्होंने बताया कि पार्क में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने से जानवरों को काफी राहत मिलती है और उन्हें पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता है.
बेतला पार्क के इलाके में बड़ी संख्या में जानवर करते हैं प्रवास: बेतला नेशनल पार्क के इलाके में बड़ी संख्या में जंगली जानवर प्रवास करते हैं. इनमें सबसे अधिक संख्या जंगली हाथी, हिरन, जंगली भैंसा, बंदर, लंगूर की है. इसके अलावे कई अन्य प्रकार के पशु पक्षी भी यहां रहते हैं.