लातेहार: सरकार एक ओर जहां गांव-गांव को पक्की सड़क से जोड़कर ग्रामीणों का जीवन सुविधाजनक बनाने की बात कहती है. वहीं दूसरी ओर लातेहार सदर प्रखंड के जारम गांव के निकट बन रहा सुकरी नदी पर पुल आज तक अधूरा रहने से ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं.
दरअसल लगभग 15 साल पहले सुकरी नदी पर पुल निर्माण का कार्य आरंभ किया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने पुल का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. उसके बाद पुल निर्माण का कार्य भी काफी तेजी से आरंभ हुआ. पुल बनता देख ग्रामीण भी काफी उत्साहित थे, लेकिन इसी बीच नक्सलियों के फरमान के कारण पुल का निर्माण रुक गया. उसके बाद से पुल का निर्माण अधूरा में लटक गया. जिससे ग्रामीणों के उत्साह और उम्मीद पर भी पानी फिर गया.
बरसात में बढ़ जाती है परेशानी
पुल नहीं बनने के कारण जारम, माराबार, बिजलीदाग, ततहा, समेत आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों को बरसात आते ही परेशानी बढ़ जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल पिछले 15 साल पहले बनना आरंभ हुआ था लेकिन पुल का निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया. ऐसे में बरसात आने के बाद नदी के उस पार वाले गांव टापू में तब्दील हो जाते है. ऐसे में अगर कोई बीमार पड़ गया तो उसका इलाज भी संभव नहीं हो पाता है.
कई लोगों की हो चुकी है डूब कर मौत
ग्रामीणों ने कहा कि नदी में जब बाढ़ आ जाती है तो इसकी धार काफी तेज होती है. ऐसे में अति आवश्यक होने पर कई बार ग्रामीण नदी को पार करने का प्रयास करते हैं. ऐसे में अब तक कई ग्रामीणों की मौत डूबने से हो चुकी है. पिछले साल भी एक आदिम जनजाति का व्यक्ति नदी में डूब गया था.
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अधूरे पुल की होगी जांच
इधर, इस संबंध में पूछने पर लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने कहा कि पुल क्यों अधूरा पड़ा हुआ है, इसकी जांच करवा कर वरीय अधिकारियों को सूचित करेंगे. यही प्रयास होगा कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण पूरा हो सके.