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लातेहार में दिखा कोरोना वायरस का खौफ, मृत बच्चे के शव को दफनाने से ग्रामीणों ने किया इनकार

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Published : Jun 18, 2020, 6:37 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 9:54 AM IST

लातेहार में कोरोना के खौफ के कारण ग्रामीणों ने एक मृत बच्चे का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. मामले की सूचना मिलने के बाद अधिकारी घटनास्थल पहुंच कर मृत बच्चे की कोरोना टेस्ट करवाई और अंतिम संस्कार भी करवाया.

Corona in latehar
कोरोना वायरस का खौफ

लातेहार: जिले में बुधवार को कोरोना वायरस के भय का खौफनाक मंजर देखने को मिला. सदर थाना क्षेत्र के कदीमा गांव में एक प्रवासी मजदूर के बच्चे की मौत हो गई, लेकिन कोरोना के खौफ के कारण गांव के लोगों ने बच्चे का अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया.

देखिए पूरी खबर

दरअसल, गांव की महिला मजदूर अपने बच्चों के साथ लगभग एक सप्ताह पहले त्रिपुरा से वापस लौटी थी. महिला मजदूर का पति कहीं दूसरे जगह काम करने गया था और लॉकडाउन में ही फंसा हुआ था. इसी बीच बुधवार को महिला मजदूर के 3 वर्षीय बेटे की मौत हो गई. घर में किसी पुरुष सदस्य के नहीं होने के कारण उसने आसपास के ग्रामीणों से बच्चे के अंतिम संस्कार करवाने की गुहार लगाई, लेकिन ग्रामीणों ने कोरोना के भय के कारण बच्चे का अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया. इस संबंध में ग्रामीण नंद देव यादव ने कहा कि बच्चे की मौत बुखार और खांसी से हुई है. ऐसे में उन्हें डर है कि बच्चा कोरोना वायरस से पीड़ित था. इसी कारण वे लोग उसका शव नहीं उठा रहे हैं. वहीं, ग्रामीण मदन यादव ने कहा कि बच्चा बुखार से पीड़ित था. कई बार उन लोगों ने महिला से कहा कि बच्चे का इलाज करवा लें.

ये भी पढ़ें: झारखंड कैबिनेट में 25 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, 5 लाख से ज्यादा के टर्नओवर पर देना होगा टैक्स

अधिकारी पहुंचे घटनास्थल
मामले की जानकारी होने के बाद लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक तत्काल पीड़ित महिला के घर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए कोविड-19 केयर सेंटर से मेडिकल टीम बुलाई और मृत बच्चे का सैंपल जांच के लिए भेजा. लगभग 6 बजे शाम में जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक और मुखिया संजय उरांव ने बच्चे का अंतिम संस्कार करवाया.

लातेहार: जिले में बुधवार को कोरोना वायरस के भय का खौफनाक मंजर देखने को मिला. सदर थाना क्षेत्र के कदीमा गांव में एक प्रवासी मजदूर के बच्चे की मौत हो गई, लेकिन कोरोना के खौफ के कारण गांव के लोगों ने बच्चे का अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया.

देखिए पूरी खबर

दरअसल, गांव की महिला मजदूर अपने बच्चों के साथ लगभग एक सप्ताह पहले त्रिपुरा से वापस लौटी थी. महिला मजदूर का पति कहीं दूसरे जगह काम करने गया था और लॉकडाउन में ही फंसा हुआ था. इसी बीच बुधवार को महिला मजदूर के 3 वर्षीय बेटे की मौत हो गई. घर में किसी पुरुष सदस्य के नहीं होने के कारण उसने आसपास के ग्रामीणों से बच्चे के अंतिम संस्कार करवाने की गुहार लगाई, लेकिन ग्रामीणों ने कोरोना के भय के कारण बच्चे का अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया. इस संबंध में ग्रामीण नंद देव यादव ने कहा कि बच्चे की मौत बुखार और खांसी से हुई है. ऐसे में उन्हें डर है कि बच्चा कोरोना वायरस से पीड़ित था. इसी कारण वे लोग उसका शव नहीं उठा रहे हैं. वहीं, ग्रामीण मदन यादव ने कहा कि बच्चा बुखार से पीड़ित था. कई बार उन लोगों ने महिला से कहा कि बच्चे का इलाज करवा लें.

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अधिकारी पहुंचे घटनास्थल
मामले की जानकारी होने के बाद लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक तत्काल पीड़ित महिला के घर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए कोविड-19 केयर सेंटर से मेडिकल टीम बुलाई और मृत बच्चे का सैंपल जांच के लिए भेजा. लगभग 6 बजे शाम में जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक और मुखिया संजय उरांव ने बच्चे का अंतिम संस्कार करवाया.

Last Updated : Jun 18, 2020, 9:54 AM IST
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