लातेहार: जिले के बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के पोखरीकला गांव स्थित उर्दू विद्यालय भवन की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया. इस घटना में विद्यालय की कक्षा में पढ़ाई कर रहे तीन बच्चों को गंभीर चोट आई है. सभी बच्चों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है.
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उर्दू मध्य विद्यालय में हुई घटनाः दरअसल, पोखरी कला गांव में स्थित उर्दू मध्य विद्यालय के भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गई है. रविवार को बच्चे स्कूल आए थे और कक्षा में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे. इसी दौरान अचानक छत का प्लास्टर बच्चों के ऊपर गिर गया. गनीमत यह रही कि जिस जगह बच्चे बैठे थे उसके ठीक बगल में प्लास्टर का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा था. यदि प्लास्टर सीधे बच्चों पर गिरता तो बड़ी घटना हो सकती थी. बच्चों पर प्लास्टर का आंशिक हिस्सा गिरा. जिससे बच्चों के सिर और चेहरे पर चोट आई है.
स्कूल में मची अफरा-तफरीः इधर, घटना के बाद स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. स्कूल के शिक्षक ने आनन-फानन में घायल बच्चों को कक्षा से बाहर निकाला. स्कूल गांव के बीच में रहने के कारण बच्चों के अभिभावकों को भी घटना की जानकारी मिल गई. इसके बाद बड़ी संख्या अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए. वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद उप मुखिया सुल्तान अंसारी भी स्कूल पहुंचकर मामले की जानकारी ली. जिन बच्चों को चोट आई थी उन बच्चों को उप मुखिया सुल्तान अंसारी और स्कूल के शिक्षकों की मदद से तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है. वहीं घटना के बाद अभिभावकों में भारी आक्रोश भी देखा जा रहा है.
चार कमरे में पढ़ते हैं 955 छात्र-छात्राएंः उप मुखिया सुल्तान अंसारी और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अख्तर अंसारी ने बताया कि स्कूल में मात्र चार कमरे हैं, लेकिन नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 955 है. उन्होंने बताया कि स्कूल की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इस कारण यहां नया भवन नहीं बन पा रहा है. वर्तमान में स्कूल भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर है. जर्जर कमरों में पढ़ने वाले बच्चों पर हमेशा जोखिम बना रहता है. स्कूल के बरामदे में बैठकर पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर भी हमेशा छत गिरने का डर बना रहता है. उन्होंने बताया कि स्थिति की जानकारी जिले के अधिकारियों को भी है. कई बार अधिकारी यहां आकर पूरी जानकारी भी लेकर गए हैं, लेकिन आज तक इस पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि मामले में हस्तक्षेप कर स्कूल भवन निर्माण के लिए समस्या का समाधान करें.
मास्टर साहब के सिर पर भी मंडराता है खतराः ऐसी बात नहीं है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के सिर पर ही सिर्फ खतरा मंडराता है. यहां के शिक्षक और प्रधानाध्यापक के सिर पर भी हमेशा खतरा बना रहता है. स्कूल के कार्यालय भवन की भी स्थिति अत्यंत जर्जर है. जहां प्रधानाध्यापक बैठते हैं उस करमे की छत भी काफी जर्जर है. यहां भी प्लास्टर कभी भी गिर सकता है और बड़ी घटना भी हो सकती है. इधर, स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में भय का माहौल बन गया है. कई अभिभावकों ने कहा कि हम बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं , लेकिन यहां तो हमारे बच्चों की जान पर जोखिम का खतरा बना रहता है.