लातेहारः जिले की साक्षरता दर मात्र 65 प्रतिशत के करीब है. इनमें महिलाओं की साक्षरता दर काफी कम है. स्थिति यह है कि 60 प्रतिशत महिलाएं ही साक्षर हैं. निरक्षरता की इतनी बड़ी खाई के बीच विकास की रफ्तार को तेज करना मुश्किल काम है. खासकर, निरक्षर महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर सरकारी योजनाओं से जोड़ना काफी कठिन है. यही वजह है कि निरक्षरता के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग विकास योजनाओं के लाभ से वंचित हैं.
यह भी पढ़ेंःनिरक्षरों को आखर ज्ञान कराने हर गांव में अब 'पढ़ना-लिखना', आधी आबादी पर ज्यादा जोर
जिले के संपूर्ण विकास के लिए संपूर्ण साक्षरता अति आवश्यक है. इसको लेकर उपायुक्त ने जिले को निरक्षरता के अभिशाप से मुक्ति दिलाने को लेकर एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है. इस ब्लू प्रिंट के तहत आगामी 2 अक्टूबर तक जिले के सभी निरक्षर को साक्षर बनाने की योजना तैयार की गई है. उपायुक्त ने इस योजना के नोडल पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को बनाया है. जिले में कार्य कर रहे साक्षरता कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और आम बुद्धिजीवियों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित किया है, ताकि जिले में कोई भी व्यक्ति या महिला निरक्षर नहीं रहे. जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर जिले के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ साथ आम लोगों को निरक्षरों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी है. चिन्हिंत निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा. इस काम में साक्षरता कार्यकर्ताओं के साथ साथ स्वयंसेवी भी लगाए गए हैं.
जिले में लगभग एक लाख 24 हजार निरक्षर चिन्हित किए गए हैं. सभी निरक्षर को 2 अक्टूबर तक साक्षर बनाने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है. चिन्हित निरक्षरों को अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है. इसके साथ ही जनता दरबार या फिर सरकारी कार्यालय में आकर अंगूठा लगाने वाले लोगों को कार्यालय में ही बैठाकर अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है, ताकि साक्षर हो सके. उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि जिले को संपूर्ण साक्षर बनाने के लिए मुहिम चलाई गई है. इस मुहिम में सभी लोगों की मदद जरूरी है. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर तक सभी निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.