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Pear Cultivation at Netarhat: वादियों की खुश्बू और नाशपाती की मिठास, स्वाद के कायल हैं आम और खास - खेती की सरकारी स्तर पर योजना

लातेहार के नेतरहाट की नाशपाती का देशभर में निर्यात होता है. यहां के नाशपाती की मिठास आम से लेकर खास लोगों तक को खूब भाती है. सरकारी स्तर पर योजना इसकी खेती की जाती है. जहां से हजारों टन नाशपाती का उत्पादन होता है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
लातेहार
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Published : Jul 11, 2022, 7:35 AM IST

Updated : Jul 11, 2022, 8:29 AM IST

लातेहारः वैसे तो छोटनागपुर की रानी (Queen of Chotanagpur) कहे जाने वाले नेतरहाट की पहचान इसकी खूबसूरत वादियों और नैसर्गिक सौंदर्य के लिए है. लेकिन नाशपाती की खेती भी नेतरहाट की एक अलग पहचान है. जुलाई के महीने में नेतरहाट की वादियों में नाशपाती की मिठास ऐसी फैल जाती है जो देश के कोने कोने में पहुंचकर लोगों का स्वाद बदल देती है.

इसे भी पढ़ें- देश के कोने-कोने में पहुंचती है नेतरहाट की नाशपाती, मिठास के कायल हैं लोग


नेतरहाट की वादियां नाशपाती की खेती के लिए काफी अनुकूल है. ऐसे में यहां सरकारी स्तर से लेकर निजी स्तर तक बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती की जाती है. यही वजह है कि जुलाई और अगस्त के महीने में नेतरहाट में हजार टन से भी अधिक नाशपाती का उत्पादन होता है और इसका बड़े पैमाने पर व्यवसाय भी किया जाता है. जुलाई के महीने में नाशपाती का फल पूरी तरह तैयार हो जाता है, उसके बाद इसकी बिक्री आरंभ होती है.

देखें पूरी खबर

सरकारी स्तर पर भी होती है खेतीः नेतरहाट में सरकारी स्तर पर भी बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती की जाती है. नेतरहाट में सरकारी स्तर पर लगभग 100 एकड़ भूमि में नाशपाती की खेती की जा रही है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर खेती के लिए सरकारी स्तर पर और भी योजना बनाई गयी है. सरकारी भूमि पर लगाए गए नाशपाती की बिक्री निविदा के माध्यम से की जाती है. उसके बाद जो भी निविदादाता होता है, वह सरकारी बागान में लगी नाशपाती को तोड़कर उसे देश के कोने कोने तक भेजते हैं. इस संबंध में व्यवसायी फिरोज ने बताया कि टेंडर के माध्यम से नाशपाती की खेती की नीलामी की जाती है और नीलामी के बाद ही इसकी तोड़ाई और बिक्री की जाती है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
नाशपाती का बागान

देशभर में नेतरहाट की नाशपाती का निर्यातः वैसे तो नेतरहाट की नाशपाती की मांग देश के कोने कोने तक है. लेकिन सबसे अधिक इसकी बिक्री झारखंड और बिहार के विभिन्न बड़े शहरों के अलावा पश्चिम बंगाल में होती है. नाशपाती की खरीदारी के बाद बड़े व्यवसायियों के द्वारा बेहतर क्वालिटी के नाशपाती को देश के दूसरे बड़े शहरों में पहुंचाया जाता है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
नाशपाती जमा करते मजदूर

मजदूरों को मिलता है बेहतर रोजगारः नाशपाती की खेती का सीजन आने के बाद यहां के मजदूरों को एक माह तक अपने घर में ही काफी अच्छा रोजगार मिल जाता है. नाशपाती की तोड़ाई के कार्य में स्थानीय मजदूरों का लगाया जाता है. जिससे मजदूरों को एक माह तक रोजगार उपलब्ध होता है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों के द्वारा भी नाशपाती की खेती की जाती है. स्थानीय लोगों से भी व्यापारी नाशपाती खरीद कर ले जाते हैं. जिससे लोकल लोगों को भी अच्छा मुनाफा हो जाता है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
नाशपाती से रोजगार अपार


नेतरहाट की खूबसूरत और हसीन वादियां नाशपाती की खेती के लिए काफी अनुकूल है. इसी कारण से नेतरहाट की नाशपाती की मिठास कुछ अलग ही एहसास कराती है. जरूरत इस बात की है कि सरकार नाशपाती की खेती को और संरक्षण दे ताकि इसका बेहतर विकास हो सके.

लातेहारः वैसे तो छोटनागपुर की रानी (Queen of Chotanagpur) कहे जाने वाले नेतरहाट की पहचान इसकी खूबसूरत वादियों और नैसर्गिक सौंदर्य के लिए है. लेकिन नाशपाती की खेती भी नेतरहाट की एक अलग पहचान है. जुलाई के महीने में नेतरहाट की वादियों में नाशपाती की मिठास ऐसी फैल जाती है जो देश के कोने कोने में पहुंचकर लोगों का स्वाद बदल देती है.

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नेतरहाट की वादियां नाशपाती की खेती के लिए काफी अनुकूल है. ऐसे में यहां सरकारी स्तर से लेकर निजी स्तर तक बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती की जाती है. यही वजह है कि जुलाई और अगस्त के महीने में नेतरहाट में हजार टन से भी अधिक नाशपाती का उत्पादन होता है और इसका बड़े पैमाने पर व्यवसाय भी किया जाता है. जुलाई के महीने में नाशपाती का फल पूरी तरह तैयार हो जाता है, उसके बाद इसकी बिक्री आरंभ होती है.

देखें पूरी खबर

सरकारी स्तर पर भी होती है खेतीः नेतरहाट में सरकारी स्तर पर भी बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती की जाती है. नेतरहाट में सरकारी स्तर पर लगभग 100 एकड़ भूमि में नाशपाती की खेती की जा रही है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर खेती के लिए सरकारी स्तर पर और भी योजना बनाई गयी है. सरकारी भूमि पर लगाए गए नाशपाती की बिक्री निविदा के माध्यम से की जाती है. उसके बाद जो भी निविदादाता होता है, वह सरकारी बागान में लगी नाशपाती को तोड़कर उसे देश के कोने कोने तक भेजते हैं. इस संबंध में व्यवसायी फिरोज ने बताया कि टेंडर के माध्यम से नाशपाती की खेती की नीलामी की जाती है और नीलामी के बाद ही इसकी तोड़ाई और बिक्री की जाती है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
नाशपाती का बागान

देशभर में नेतरहाट की नाशपाती का निर्यातः वैसे तो नेतरहाट की नाशपाती की मांग देश के कोने कोने तक है. लेकिन सबसे अधिक इसकी बिक्री झारखंड और बिहार के विभिन्न बड़े शहरों के अलावा पश्चिम बंगाल में होती है. नाशपाती की खरीदारी के बाद बड़े व्यवसायियों के द्वारा बेहतर क्वालिटी के नाशपाती को देश के दूसरे बड़े शहरों में पहुंचाया जाता है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
नाशपाती जमा करते मजदूर

मजदूरों को मिलता है बेहतर रोजगारः नाशपाती की खेती का सीजन आने के बाद यहां के मजदूरों को एक माह तक अपने घर में ही काफी अच्छा रोजगार मिल जाता है. नाशपाती की तोड़ाई के कार्य में स्थानीय मजदूरों का लगाया जाता है. जिससे मजदूरों को एक माह तक रोजगार उपलब्ध होता है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों के द्वारा भी नाशपाती की खेती की जाती है. स्थानीय लोगों से भी व्यापारी नाशपाती खरीद कर ले जाते हैं. जिससे लोकल लोगों को भी अच्छा मुनाफा हो जाता है.

Pear cultivation at Netarhat in Latehar
नाशपाती से रोजगार अपार


नेतरहाट की खूबसूरत और हसीन वादियां नाशपाती की खेती के लिए काफी अनुकूल है. इसी कारण से नेतरहाट की नाशपाती की मिठास कुछ अलग ही एहसास कराती है. जरूरत इस बात की है कि सरकार नाशपाती की खेती को और संरक्षण दे ताकि इसका बेहतर विकास हो सके.

Last Updated : Jul 11, 2022, 8:29 AM IST
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