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बरवाडीह मध्य विद्यालय की बदहाली शिक्षा विभाग की खोल रही पोल, दो कमरे में पढ़ते हैं दो 200 बच्चे

बरवाडीह में मध्य विद्यालय की बदहाली क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए समस्या का विषय बना हुआ है. विद्यालय में दो कमरे में दो सौ बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. इस बात की जानकारी के बावजूद शिक्षा विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

मध्य विद्यालय
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Published : Aug 10, 2019, 1:25 PM IST

लातेहार: राज्य की शिक्षा विभाग भले ही सभी सुदूरवर्ती इलाकों तक शिक्षा की मूलभूत सुविधा और व्यवस्था मुहैया कराने के लाख दावे करे पर लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड में हकीकत कुछ और ही है. प्रखंड मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर उक्कामाड़ पंचायत में संचालित उक्कामाड़ मध्य विद्यालय की बदहाली समस्या का विषय बना हुआ है.

देखें पूरी खबर


दो कमरे में पढ़ते हैं दो सौ बच्चे
विद्यालय में पढ़ने वाले लगभग 200 बच्चों के लिए दो कमरे हैं, वहीं अन्य पुराने दो कमरे पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं. इसके कारण एक ही कमरे में दो-तीन क्लास एक साथ संचालित किए जाते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई तो बाधित होती है. वहीं जर्जर भवन होने के कारण जान का खतरा भी बना रहता है क्योंकि कई बार छत और दीवार से प्लास्टर टूट कर गिर भी चुका है. इसके अलावा विद्यालय में शिक्षकों की भी घोर कमी है. प्रधानाध्यापक और दो पारा शिक्षक को लेकर मात्र 3 शिक्षक के भरोसे कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है. इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी पूरी तरीके से असर पड़ता है.


बच्चों ने अच्छे भवन के निर्माण की मांग की
इस अव्यवस्था को देखते हुए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई अच्छी हो इसके लिए सरकार विद्यालय में अच्छे भवन के साथ-साथ शिक्षकों की पदस्थापना करें और विद्यालय को सुरक्षित रखने के लिए चार दिवारी बनाए. वहीं विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुषमा कुमारी की मानें तो विद्यालय में शिक्षक और कमरे के साथ सुरक्षा के लिए चार दिवारी का घोर अभाव है. इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को भी दी गई है. वहीं मामले के संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय में चारदीवारी और कमरों के साथ-साथ शिक्षक की जरूरत है जिसको लेकर जिले के अधिकारियों को जल्द से जल्द अवगत कराया जाएगा.

लातेहार: राज्य की शिक्षा विभाग भले ही सभी सुदूरवर्ती इलाकों तक शिक्षा की मूलभूत सुविधा और व्यवस्था मुहैया कराने के लाख दावे करे पर लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड में हकीकत कुछ और ही है. प्रखंड मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर उक्कामाड़ पंचायत में संचालित उक्कामाड़ मध्य विद्यालय की बदहाली समस्या का विषय बना हुआ है.

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दो कमरे में पढ़ते हैं दो सौ बच्चे
विद्यालय में पढ़ने वाले लगभग 200 बच्चों के लिए दो कमरे हैं, वहीं अन्य पुराने दो कमरे पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं. इसके कारण एक ही कमरे में दो-तीन क्लास एक साथ संचालित किए जाते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई तो बाधित होती है. वहीं जर्जर भवन होने के कारण जान का खतरा भी बना रहता है क्योंकि कई बार छत और दीवार से प्लास्टर टूट कर गिर भी चुका है. इसके अलावा विद्यालय में शिक्षकों की भी घोर कमी है. प्रधानाध्यापक और दो पारा शिक्षक को लेकर मात्र 3 शिक्षक के भरोसे कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है. इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी पूरी तरीके से असर पड़ता है.


बच्चों ने अच्छे भवन के निर्माण की मांग की
इस अव्यवस्था को देखते हुए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई अच्छी हो इसके लिए सरकार विद्यालय में अच्छे भवन के साथ-साथ शिक्षकों की पदस्थापना करें और विद्यालय को सुरक्षित रखने के लिए चार दिवारी बनाए. वहीं विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुषमा कुमारी की मानें तो विद्यालय में शिक्षक और कमरे के साथ सुरक्षा के लिए चार दिवारी का घोर अभाव है. इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को भी दी गई है. वहीं मामले के संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय में चारदीवारी और कमरों के साथ-साथ शिक्षक की जरूरत है जिसको लेकर जिले के अधिकारियों को जल्द से जल्द अवगत कराया जाएगा.

Intro:लातेहार :- राज्य का शिक्षा विभाग भले ही आज सभी सरकारी स्कूलों में सुदूरवर्ती इलाकों तक शिक्षा की मूलभूत सुविधा और व्यवस्था मुहैया कराने के लाख दावे करें पर लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड में हकीकत कुछ और ही है । प्रखंड मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर का उक्कामाड़ पंचायत में संचालित उक्कामाड़ मध्य विद्यालय आज अपनी अव्यवस्था और बदहाली का रोना रो रहा है । जहां विद्यालय में पढ़ने वाले लगभग 200 बच्चों के लिए दो कमरे हैं वहीं अन्य पुराने दो कमरे पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं जिसके बाद भी कमरों के अभाव में जर्जर भवन के साथ एक ही कमरे में दो और तीन क्लास एक साथ संचालित किए जाते हैं जिससे जहां बच्चों की पढ़ाई तो बाधित होती है वही जर्जर भवन होने के कारण जान का खतरा भी बना रहता है क्यो की कई बार छत औऱ दीवार से प्लास्टर टूट कर गिर भी चुका है । वहीं विद्यालय में शिक्षकों की भी घोर कमी है जहां प्रधानाध्यापक और दो पारा शिक्षक को लेकर मात्र 3 शिक्षक के भरोसे कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी पूरी तरीके से असर पड़ता है । उधर विद्यालय नदी के तट पर बने होने के कारण बरसात में अभिभावकों और शिक्षकों को चार दिवारी नहीं होने के कारण बच्चों के खेलते खेलते नदी में चले जाने का भय आए दिन लगा रहता है इस अवस्था को देखते हुए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे भी चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई अच्छी हो इसके लिए सरकार विद्यालय में अच्छे भवन के साथ साथ शिक्षकों की पदस्थापना करें और विद्यालय को सुरक्षित रखने के लिए चार दिवारी बनाए ।वहीं विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुषमा कुमारी की मानें तो विद्यालय में शिक्षक कमरे के साथ सुरक्षा के लिए चार दिवारी का घोर अभाव है जिसकी जानकारी विभाग को भी दी गई है वहीं मामले के संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने मामले की जानकारी होने की बात कही और कहा कि विद्यालय में चारदीवारी और कमरों के साथ-साथ शिक्षक की जरूरत है जिसको लेकर जिले के अधिकारियों को जल्द से जल्द अवगत कराकर।

बाईट 1 रवि कुमार छात्र

बाईट 2 किशोर कुमार सिंह छात्र

बाईट 3 सुषमा कुमारी प्रभारी प्रधानध्यापक

वाईट 4 कमलेश कुमार सिंह प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी


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