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लातेहारः आर्थिक समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए वरदान बना मानसून, लहलहाई धान की फसल

लातेहार में सही समय पर आए मानसून से किसानों के खेतों में धान की फसल लहलहा रही हैं. किसानों का कहना है कि हमेशा मानसून सही समय पर ना आने पर खेत सूखे पड़े रह जाते थे, लेकिन इस वर्ष निर्धारित लक्ष्य से शत प्रतिशत धान की खेती हुई.

paddy crop
लहलहाई धान की फसल
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Published : Aug 26, 2020, 1:19 PM IST

लातेहारः कहते हैं कि प्रकृति जब कोई तकलीफ देती है तो साथ-साथ उसकी दवा भी उपलब्ध करा देती है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों लातेहार जिले में देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन में आर्थिक समस्या से जूझ रहे जिले के किसानों के लिए घर लौटे मजदूर और मानसून वरदान बन गए हैं. जिले में इस साल बंपर खेती होने की संभावना जग गई है.

देखें पूरी खबर
किसानों के हौसलों को ताकतलॉकडाउन के कारण किसानों के साथ-साथ पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. पलायन कर अपनी रोजी रोजगार तलाशने वाले मजदूर इस वर्ष गांव में ही रहने को मजबूर हो गए. इस विकट परिस्थिति को ग्रामीणों ने चैलेंज के रूप में लिया और इसे अपने लिए वरदान बना दिया. सही समय पर आए मानसून ने किसानों के हौसलों को ताकत दी है. वहीं, लॉकडाउन में फंसे मजदूरों ने भी खेती में भरपूर सहयोग दिया. इसका परिणाम हुआ कि लातेहार जिला जो हमेशा धान उत्पादन में लक्ष्य से काफी पीछे रह जाता था, वह पिछले 10 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए धान की खेती को निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक कर लिया.मानसून और मजदूर बने सहयोगीइस संबंध में किसान अजय यादव ने कहा कि इस वर्ष मानसून के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में मजदूर भी मिले. इस कारण धान की खेती सही समय पर हो गई. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में इतनी अच्छी खेती कभी नहीं हुई थी. यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस बार लातेहार जिले में धान की बंपर खेती होगी. वहीं, विपिन कुमार ने कहा कि इस वर्ष उम्मीद से भी बेहतर धान की खेती हुई है.

इसे भी पढ़ें- शर्मनाक: सात वर्षीय भतीजी के साथ मौसा ने किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार

खेत रह जाते थे सूखे
इससे पूर्व लातेहार में हमेशा मानसून और मजदूर की कमी किसानों के समक्ष विकराल रूप धारण किए हुए रहती थी. सही समय पर मानसून ना आने और मजदूरों के नहीं मिलने के कारण कई खेत सूखे पड़े रह जाते थे, लेकिन इस वर्ष मॉनसून के साथ-साथ मजदूरों के भी मिलने के कारण लगभग सभी खेतों में धान की फसल लहलहा रही हैं.

शत प्रतिशत हुई धान की खेती
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी आरएस सिंह ने कहा कि इस वर्ष लातेहार जिले में निर्धारित लक्ष्य से शत प्रतिशत धान की खेती हुई है. उन्होंने कहा कि सही समय पर मानसून आने और लॉकडाउन में मजदूरों के वापस लौटने के कारण खेती अच्छी हुई है. उन्होंने कहा कि जिले में इस वर्ष 30,000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था, जो शत-प्रतिशत पूर्ण हो गया.

लातेहारः कहते हैं कि प्रकृति जब कोई तकलीफ देती है तो साथ-साथ उसकी दवा भी उपलब्ध करा देती है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों लातेहार जिले में देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन में आर्थिक समस्या से जूझ रहे जिले के किसानों के लिए घर लौटे मजदूर और मानसून वरदान बन गए हैं. जिले में इस साल बंपर खेती होने की संभावना जग गई है.

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किसानों के हौसलों को ताकतलॉकडाउन के कारण किसानों के साथ-साथ पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. पलायन कर अपनी रोजी रोजगार तलाशने वाले मजदूर इस वर्ष गांव में ही रहने को मजबूर हो गए. इस विकट परिस्थिति को ग्रामीणों ने चैलेंज के रूप में लिया और इसे अपने लिए वरदान बना दिया. सही समय पर आए मानसून ने किसानों के हौसलों को ताकत दी है. वहीं, लॉकडाउन में फंसे मजदूरों ने भी खेती में भरपूर सहयोग दिया. इसका परिणाम हुआ कि लातेहार जिला जो हमेशा धान उत्पादन में लक्ष्य से काफी पीछे रह जाता था, वह पिछले 10 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए धान की खेती को निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक कर लिया.मानसून और मजदूर बने सहयोगीइस संबंध में किसान अजय यादव ने कहा कि इस वर्ष मानसून के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में मजदूर भी मिले. इस कारण धान की खेती सही समय पर हो गई. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में इतनी अच्छी खेती कभी नहीं हुई थी. यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस बार लातेहार जिले में धान की बंपर खेती होगी. वहीं, विपिन कुमार ने कहा कि इस वर्ष उम्मीद से भी बेहतर धान की खेती हुई है.

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खेत रह जाते थे सूखे
इससे पूर्व लातेहार में हमेशा मानसून और मजदूर की कमी किसानों के समक्ष विकराल रूप धारण किए हुए रहती थी. सही समय पर मानसून ना आने और मजदूरों के नहीं मिलने के कारण कई खेत सूखे पड़े रह जाते थे, लेकिन इस वर्ष मॉनसून के साथ-साथ मजदूरों के भी मिलने के कारण लगभग सभी खेतों में धान की फसल लहलहा रही हैं.

शत प्रतिशत हुई धान की खेती
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी आरएस सिंह ने कहा कि इस वर्ष लातेहार जिले में निर्धारित लक्ष्य से शत प्रतिशत धान की खेती हुई है. उन्होंने कहा कि सही समय पर मानसून आने और लॉकडाउन में मजदूरों के वापस लौटने के कारण खेती अच्छी हुई है. उन्होंने कहा कि जिले में इस वर्ष 30,000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था, जो शत-प्रतिशत पूर्ण हो गया.

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