लातेहारः कहते हैं कि प्रकृति जब कोई तकलीफ देती है तो साथ-साथ उसकी दवा भी उपलब्ध करा देती है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों लातेहार जिले में देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन में आर्थिक समस्या से जूझ रहे जिले के किसानों के लिए घर लौटे मजदूर और मानसून वरदान बन गए हैं. जिले में इस साल बंपर खेती होने की संभावना जग गई है.
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खेत रह जाते थे सूखे
इससे पूर्व लातेहार में हमेशा मानसून और मजदूर की कमी किसानों के समक्ष विकराल रूप धारण किए हुए रहती थी. सही समय पर मानसून ना आने और मजदूरों के नहीं मिलने के कारण कई खेत सूखे पड़े रह जाते थे, लेकिन इस वर्ष मॉनसून के साथ-साथ मजदूरों के भी मिलने के कारण लगभग सभी खेतों में धान की फसल लहलहा रही हैं.
शत प्रतिशत हुई धान की खेती
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी आरएस सिंह ने कहा कि इस वर्ष लातेहार जिले में निर्धारित लक्ष्य से शत प्रतिशत धान की खेती हुई है. उन्होंने कहा कि सही समय पर मानसून आने और लॉकडाउन में मजदूरों के वापस लौटने के कारण खेती अच्छी हुई है. उन्होंने कहा कि जिले में इस वर्ष 30,000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था, जो शत-प्रतिशत पूर्ण हो गया.