लातेहार: झारखंड में कोरोना की तीसरी (third wave of corona in jharkhand) लहर पैर पसार रही है. इस बीच नए साल 2022 के पहले दिन अधिकांश लोग सैर सपाटा और पिकनिक मनाने में मशगूल रहे. लेकिन लातेहार की जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया नए साल के जश्न मनाने के बदले आदिम जनजातियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण के प्रति जागरूक करने में लगी रहीं. जिला शिक्षा पदाधिकारी सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों से मिलीं और उन्हें टीकाकरण के प्रति जागरूक किया.
झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona in jharkhand) अब दिखने लगी है. इससे बचने के लिए पूरे जिले में कोरोना टीकाकरण (corona vaccination) तेज कर दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो टीका लेने से वंचित हैं. ऐसे में जब तक टीकाकरण का कार्य शत प्रतिशत पूरा ना हो जाए तब तक कोरोना वायरस (corona vaccination) से जंग में जीत पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहेगा. कई लोग अभी भी जागरूकता के अभाव में टीकाकरण करवाने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों को जागरूक करने में पूरा प्रशासनिक महकमा जुड़ा हुआ है.
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बिरहोर के गांव पहुंची डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया शनिवार को बिरहोर के गांव विंगड़ा पहुंची. गांव में स्थित बिरहोर टोला में रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों को डीईओ ने टीकाकरण के प्रति जागरूक किया. शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि टीकाकरण ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है. ऐसे में जीवन बचाने के लिए सभी को कोरोना का टीका लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस टीकाकरण का कोई नुकसान नहीं है. जो लोग टीकाकरण करा चुके हैं वह लोग कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भी सक्षम हो गए हैं.
ग्रामीणों में भी दिखा असर
इस दौरान ग्रामीणों में भी असर देखा गया. गांव की महिला सुमन बिरहोर ने बताया कि साहब लोग आकर जब टीकाकरण के फायदे की जानकारी दी तो उन लोगों ने टीका ले लिया. लेकिन जिन्होंने टीका नहीं लिया था उन लोगों को टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस दौरान गांव के बच्चों का भी उत्साह बढ़ाया. उन्होंने बच्चों से शिक्षा से संबंधित जानकारी ली वही बच्चों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया.