लातेहार: पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए भाकपा माओवादी के कुख्यात जोनल कमांडर नागेंद्र उरांव उर्फ डॉक्टर तथा दस्ता सदस्य गोदन कोरवा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार जोनल कमांडर नागेंद्र उरांव पलामू के पाकी का रहने वाला है. जबकि दस्ता सदस्य गोदन कोरबा गढ़वा भंडरिया का रहने वाला है. जोनल कमांडर नागेंद्र कई विध्वंसक घटनाओं को अंजाम दिया था. जिसमें तीन अलग-अलग घटनाओं में कुल 22 पुलिस के जवान शहीद हो गए थे. इसकी गिरफ्तारी से माओवादियों को बड़ा झटका लगा है.
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दरअसल, लातेहार एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ के एरिया में नक्सली किसी घटना को अंजाम देने के लिए एक बार फिर से सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हैं. इस सूचना के बाद एसपी के निर्देश पर विशेष छापामारी दल का गठन किया गया. छापामारी दल के द्वारा चिन्हित स्थान की घेराबंदी कर छापामारी आरंभ की गई. इसी दौरान पुलिस ने जंगल में दो लोगों को संदिग्ध अवस्था में देखा. पुलिस को देखते ही दोनों संदिग्ध व्यक्ति जंगल की ओर भागने लगे परंतु पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. दोनों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई और इनकी शिनाख्त की गई तो पता चला कि गिरफ्तार लोगों में एक भाकपा माओवादी का दुर्दांत जोनल कमांडर नागेंद्र उरांव है. जबकि दूसरा दस्ता सदस्य है.
माओवादियों के गुरिल्ला दस्ता का कमांडर था नागेंद्र: एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि गिरफ्तार जोनल कमांडर नागेंद्र माओवादियों के गुरिल्ला दस्ता का कमांडर था. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से यह माओवादियों के मारक दस्ते का प्रमुख था. एसपी ने बताया कि वर्ष 2013 कटिया में जिस माओवादी हमले में 12 जवानों की मौत हुई थी. उस हमले में यह शामिल था. इस हमले के बाद शहीद हुए पुलिस के जवानों के शरीर में आईडी फिट किया गया था. इसके अलावा वर्ष 2018 में माओवादी दस्ते ने खपरी महुआ में पुलिस की टीम पर हमला किया था जिसमें 6 जवान शहीद हुए थे. इस हमले में नागेंद्र मुख्य भूमिका में था. इसके अलावा चंदवा थाना क्षेत्र में वर्ष 2019 में माओवादियों ने हमला कर 4 जवानों को शहीद कर दिया था इस हमले में भी नागेंद्र मुख्य भूमिका निभा रहा था. इसके अलावा कई अन्य हिंसक वारदातों में नागेंद्र मुख्य रूप से शामिल था. इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस पिछले कई वर्षों से लगातार प्रयास कर रही थी.
14 वर्ष की उम्र में बना था माओवादी: बताया जाता है कि गिरफ्तार माओवादी नागेंद्र उरांव मात्र 14 वर्ष की उम्र में माओवादियों के दस्ते में शामिल हो गया. वह काफी आक्रमक था. इस कारण इसे माओवादियों के गुरिल्ला दस्ता का कमांडर बनाया गया था. माओवादी इसे डॉक्टर के नाम से भी पुकारते थे. नक्सलियों का यह इलाज भी करता था. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार माओवादी से पूछताछ की गई तो पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इनकी भूमिका रही सराहनीय: एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि माओवादियों की गिरफ्तारी में गारू थाना प्रभारी राजीव भगत, थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव, सरज कुमार, मोहम्मद शाहिद अंसारी, तारापद महतो तथा अन्य पुलिस के अधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही.