लातेहारः जिले के गारू थाना क्षेत्र अंतर्गत पहाड़कोच गांव के निकट जंगल में एक वृद्ध ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए जंगली भालुओं के झुंड से लड़कर अपनी जान बचाई. हालांकि भालुओं से हुई इस लड़ाई में ग्रामीण मंगल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया है.
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ग्रामीण मंगल सिंह कुछ अन्य ग्रामीणों के साथ मंगलवार को अपने गांव पहाड़कोच के निकट में स्थित जंगल में खुखड़ी चुनने गए थे. इसी दौरान जंगल में उनका सामना जंगली भालुओं से हो गया. जंगली भालू अपने चार बच्चों के साथ जंगल में घूम रहा था. मंगल सिंह को देखते ही जंगली भालू ने उन पर हमला कर दिया. जब तक मंगल सिंह कुछ समझ पाते तब तक भालू ने उन पर हमला कर उनके चेहरे को बुरी तरह जख्मी कर दिया था. परंतु मंगल सिंह ने भी हार नहीं मानी और हाथ में लाठी लेकर भालू से भिड़ गए, लगभग 15 मिनट तक लाठी के सहारे भालू से लड़ते रहे और मदद के लिए जोर-जोर से आवाज लगाते रहे. मंगल सिंह के चिल्लाने की आवाज सुनकर उनके साथ जंगल में गए अन्य लोग भी वहां पहुंचे और हल्ला मचाने लगे. इधर शोर सुनने के बाद और मंगल सिंह के द्वारा लाठी से प्रहार करने के कारण भालू मंगल सिंह को छोड़कर अपने बच्चों के साथ जंगल में भाग गया.
घायल को पहुंचाया गया अस्पतालः ग्रामीण मंगल सिंह के साथ जंगल में गए राजू सिंह ने बताया कि भालू के हमले से मंगल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बावजूद इन्होंने साहस का परिचय देते हुए जंगली भालू से 15 मिनट तक लड़ाई की और अपनी जान बचाई. उन्होंने कहा कि शोर सुनने के बाद जब वे लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो मंगल सिंह भालू से लड़ रहे थे. बाद में भालू जंगल की ओर भाग गया इसके बाद अन्य ग्रामीणों की मदद से मंगल सिंह को गारू अस्पताल पहुंचाया गया. गारू अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद इन्हें लातेहार सदर अस्पताल रेफर किया गया, परंतु उनकी स्थिति गंभीर रहने के कारण लातेहार से रिम्स रेफर कर दिया गया.
गहरे जख्म के कारण स्थिति नाजुकः इस संबंध में लातेहार सदर अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर शंभू नाथ चौधरी ने बताया कि भालू के हमले के कारण घायल मंगल सिंह के चेहरे समेत शरीर के अन्य भाग में गहरे जख्म के गहरे निशान हैं. जिस कारण उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. उन्होंने बताया कि घायल ग्रामीण की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया है. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली और घायल को इलाज के लिए सहायता राशि उपलब्ध करने की बात कही.