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कैसे पढ़ेंगी बेटियां? इस स्कूल में 2 शिक्षक के भरोसे 300 छात्राएं - daughter study

लातेहार के एक मात्र बालिका उच्च विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी के कारण छात्राओं को पढ़ने में काफी दिक्कत हो रही है. स्कूल में बेहतर शिक्षा नहीं मिलने के कारण उन्हें प्राइवेट कोचिंग का सहारा लेना पड़ रहा है.

विद्यालय में शिक्षकों की कमी
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Published : Jul 13, 2019, 2:26 PM IST

Updated : Jul 13, 2019, 2:32 PM IST

लातेहार: केंद्र और राज्य सरकार भले ही बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रही हो. लेकिन जिले के बरवाडीह प्रखंड के लिए ये बाते सिर्फ कागजी नारों तक सीमित नजर आ रही है, क्योंकि प्रखंड के एकमात्र बालिका उच्च विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है.

देखें पूरी खबर

लातेहार की लगभग 300 छात्राएं बालिका उच्च विद्यालय में उन्हें अपना पठन-पाठन करती हैं. उन्हें पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक ही स्कूल में हैं जो सामान्य विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाती हैं, जबकि यहां 11 शिक्षकों का पद है. टीचर की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान, गणित जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को मजबूरन निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है. मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय की अन्य विधि व्यवस्था चौपट हो रही है.

प्रिंसिपल का कहना है कि उन्होंने कई बार विभाग को पत्र लिखा लेकिन नतीजा सिफर रहा. जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार कागजों में बेटी पढ़ाओ का नारा देने में लगी हुई है जबकि धरातल पर आलम कुछ और ही है.

लातेहार: केंद्र और राज्य सरकार भले ही बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रही हो. लेकिन जिले के बरवाडीह प्रखंड के लिए ये बाते सिर्फ कागजी नारों तक सीमित नजर आ रही है, क्योंकि प्रखंड के एकमात्र बालिका उच्च विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है.

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लातेहार की लगभग 300 छात्राएं बालिका उच्च विद्यालय में उन्हें अपना पठन-पाठन करती हैं. उन्हें पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक ही स्कूल में हैं जो सामान्य विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाती हैं, जबकि यहां 11 शिक्षकों का पद है. टीचर की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान, गणित जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

वहीं, शिक्षकों की कमी के कारण प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को मजबूरन निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है. मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई के साथ-साथ विद्यालय की अन्य विधि व्यवस्था चौपट हो रही है.

प्रिंसिपल का कहना है कि उन्होंने कई बार विभाग को पत्र लिखा लेकिन नतीजा सिफर रहा. जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार कागजों में बेटी पढ़ाओ का नारा देने में लगी हुई है जबकि धरातल पर आलम कुछ और ही है.

Intro:लातेहार :- केंद्र और राज्य की सरकार भले बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही हो पर जिले के बरवाडीह प्रखण्ड के लिए ये बाते सिर्फ कागज़ी नारो तक है क्यों कि प्रखंड़ के एकमात्र बालिका उच्च विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की उनकी असली शिक्षका का अधिकार नही मिल रहा है लगभग 300 छात्राओं इस स्कूल में उन्हें पढ़ाने के लिए मात्र सामान्य विज्ञान और अंग्रेजी 2 शिक्षक हैं जबकि 11 शिक्षकों का पद इस विद्यालय में है जिसके कारण इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को विज्ञान , गणित जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है जिसके कारण प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को मजबूरन निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है और वह अपनी पढ़ाई को जारी रखते हैं वही विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की की माने तो शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई के साथ साथ विद्यालय की अन्य विधि व्यवस्था चौपट हो रही है जबकि कई बार विभाग को पत्राचार भी किया जा चुका है जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार कागजों में बेटी पढ़ाओ का नारा देने में लगी हुई है जबकि धरातल पर आलम कुछ और ही है ।

बाईट 1 सुषमा कुमारी छात्रा

बाईट 2 सोनम कुमारी छात्रा

बाईट 3 नुसरत अंजुम शिक्षिका

बाईट 4 सन्तोष तिर्की प्रधानध्यापक


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Last Updated : Jul 13, 2019, 2:32 PM IST
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