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लातेहार के पेशरार उपस्वास्थ्य केंद्र की हकीकत, जान हथेली पर लेकर सांप, बिच्छू संग लोग कराते हैं इलाज - Deputy Commissioner Abu Imran

लातेहार के पेशरार पंचायत स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन काफी जर्जर है. स्थिति यह है कि छत का प्लास्टर गिरते रहता है और बारिश के दिनों में पानी भी टपकता है. इससे इलाज कराने पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी होती है.

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जर्जर उपस्वास्थ्य केंद्र पर इजाल कराने को मजबूर हैं ग्रामीण
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Published : Aug 30, 2021, 12:28 PM IST

Updated : Aug 30, 2021, 9:09 PM IST

लातेहारः जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में से एक है पेशरार पंचायत. जहां लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र है. इस स्वास्थ्य केंद्र में आसपास के गांवों के 5000 से अधिक लोग इलाज कराने पहुंचते हैं. इलाज कराने वो पहुंचते हैं, लेकिन इलाज कराते वक्त बस इसी बात की फिक्र रहती है कि वो सही सलामत अस्पताल से निकल जाए. इस खौफ की वजह अस्पताल भवन का काफी जर्जर होना है, जो हादसे को निमंत्रण देता रहता है.

यह भी पढ़ेंःहाल-बेहालः जर्जर भवन में चल रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खतरे में लोगों की जान

अस्पताल भवन की छत और दीवार कई जगहों पर टूट चुके हैं. छत में लगे प्लास्टर हमेशा उखड़ कर गिरते रहता है. स्थिति यह है कि बारिश होने पर छत से दिनभर पानी टपकते रहता है. इससे मरीजों के साथ साथ अस्पतालकर्मियों को बैठने की जगह नहीं मिलती है.

देखें पूरी खबर
नहीं है एप्रोच सड़क

पेशरार उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का आलम यह है कि आज तक यहां एप्रोच सड़क नहीं बनी है. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को पगडंडियों का सहारा लेना पड़ रहा है. इससे मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. ग्रामीण मणिलाल उरांव और मोहम्मद शफीक कहते हैं कि अस्पताल भवन जर्जर होने से हमेशा सांप और बिच्छू निकलते रहता है. इसके साथ ही छत का प्लास्टर भी अक्सर गिरते रहता है. इस स्थिति में हमेशा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शीघ्र नई बिल्डिंग बनाएं, ताकि ग्रामीणों को भटकना नहीं पड़े.

डर के साये में करते हैं काम

जर्जर भवन होने के बावजूद नर्स कलावती कुमारी रोजाना अस्पताल पहुंचती हैं, लेकिन उसके मन में भी हमेशा डर बना रहता है. कलावती कुमारी कहती हैं कि सबसे परेशानी प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को होती है. जर्जर छत होने की वजह से महिलाएं रहती नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में शौचालय और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव बताते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का इलाज कराना खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेंगे और नया अस्पताल भवन बनवाने की मांग करेंगे.

जर्जर भवनों का बनाया जा रहा प्राक्कलन

उपायुक्त अबु इमरान कहते है कि जिले के कुछ उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति जर्जर है. इन जर्जर स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए विभागीय सचिव से निर्देश मिला है और प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है. फिलहाल, संबंधित मुखिया को निर्देश दिया गया है कि पंचायत के पैसे से अस्पताल भवनों को दुरुस्त कराएं.

लातेहारः जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में से एक है पेशरार पंचायत. जहां लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र है. इस स्वास्थ्य केंद्र में आसपास के गांवों के 5000 से अधिक लोग इलाज कराने पहुंचते हैं. इलाज कराने वो पहुंचते हैं, लेकिन इलाज कराते वक्त बस इसी बात की फिक्र रहती है कि वो सही सलामत अस्पताल से निकल जाए. इस खौफ की वजह अस्पताल भवन का काफी जर्जर होना है, जो हादसे को निमंत्रण देता रहता है.

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अस्पताल भवन की छत और दीवार कई जगहों पर टूट चुके हैं. छत में लगे प्लास्टर हमेशा उखड़ कर गिरते रहता है. स्थिति यह है कि बारिश होने पर छत से दिनभर पानी टपकते रहता है. इससे मरीजों के साथ साथ अस्पतालकर्मियों को बैठने की जगह नहीं मिलती है.

देखें पूरी खबर
नहीं है एप्रोच सड़क

पेशरार उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का आलम यह है कि आज तक यहां एप्रोच सड़क नहीं बनी है. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को पगडंडियों का सहारा लेना पड़ रहा है. इससे मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. ग्रामीण मणिलाल उरांव और मोहम्मद शफीक कहते हैं कि अस्पताल भवन जर्जर होने से हमेशा सांप और बिच्छू निकलते रहता है. इसके साथ ही छत का प्लास्टर भी अक्सर गिरते रहता है. इस स्थिति में हमेशा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शीघ्र नई बिल्डिंग बनाएं, ताकि ग्रामीणों को भटकना नहीं पड़े.

डर के साये में करते हैं काम

जर्जर भवन होने के बावजूद नर्स कलावती कुमारी रोजाना अस्पताल पहुंचती हैं, लेकिन उसके मन में भी हमेशा डर बना रहता है. कलावती कुमारी कहती हैं कि सबसे परेशानी प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को होती है. जर्जर छत होने की वजह से महिलाएं रहती नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में शौचालय और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव बताते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का इलाज कराना खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेंगे और नया अस्पताल भवन बनवाने की मांग करेंगे.

जर्जर भवनों का बनाया जा रहा प्राक्कलन

उपायुक्त अबु इमरान कहते है कि जिले के कुछ उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति जर्जर है. इन जर्जर स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए विभागीय सचिव से निर्देश मिला है और प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है. फिलहाल, संबंधित मुखिया को निर्देश दिया गया है कि पंचायत के पैसे से अस्पताल भवनों को दुरुस्त कराएं.

Last Updated : Aug 30, 2021, 9:09 PM IST
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