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लातेहार: बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, किसानों पर गहराया आर्थिक संकट

लातेहार जिले में बीती रात हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. जबरदस्त ओलावृष्टि के कारण अन्नदाता अब खून के आंसू रो रहे हैं. किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

फसलों को भारी नुकसान
फसलों को भारी नुकसान
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Published : Apr 22, 2020, 2:53 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 5:55 PM IST

लातेहार: कोरोना महामारी में संकट का सामने किसानों के सामने अनेक समस्याएं खड़ी है. एक ओर लॉकडाउन के कारण खेतों में तैयार फसल किसान काट नहीं पा रहे हैं तो दूसरी ओर बेमौसम बारिश उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है. ऐसे में किसान दोहरी मार से जूझ रहे हैं. दरअसल मंगलवार की रात लातेहार के परसही समेत अन्य गांवों में हुई जबरदस्त ओलावृष्टि और बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसानों ने कहा, सहायता नहीं मिली तो आत्महत्या ही बचेगा एक मात्र उपाय.

देखें पूरी खबर

प्रकृति की मार ने लातेहार के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी. इस नुकसान से हताश किसानों के मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे हैं. दरअसल परसही गांव के अधिकांश ग्रामीण खेती के भरोसे ही अपनी आजीविका चलाते हैं. गांव के किसान साल भर अपने खेतों में सब्जी के साथ साथ अन्य फसलों का भी उत्पादन करते हैं, परंतु लगातार मौसम उनके साथ दगा कर रहा है.

मंगलवार की रात गांव में भारी ओलावृष्टि हुई. इस कारण फसलों को काफी अधिक नुकसान हुआ. फसलों के इस नुकसान से किसान इतने निराश हो गए हैं कि उनके मन में आत्महत्या जैसे ख्याल भी आने लगे.

किसान विनोद सिंह ने कहा कि फसलों के नुकसान के साथ-साथ उनका जिंदगी बर्बाद हो गयी. यदि कोई सहायता नहीं मिली तो वे आत्महत्या कर लेंगे.

सभी प्रकार की फसलों को नुकसान

बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने सभी प्रकार की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीणों के खेत में लगे तरबूज, खीरा, ककड़ी, भिंडी, बोदी, मूंग, चना, मक्का, नेनुआ, कद्दू समेत सभी प्रकार की फसल बर्बाद हो गई.

यह भी पढ़ेंः साहिबगंज में ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश, किसानों में चिंता बढ़ी

किसान रामराज सिंह ने कहा कि वे लोग कर्ज लेकर खेती कर रहे थे. इससे पहले भी बारिश ने उनके फसलों को नष्ट कर दिया था. दोबारा कर्ज लेकर खेती आरंभ की, परंतु दूसरी बार भी ओलावृष्टि के कारण फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. यदि प्रशासन द्वारा उन्हें मदद नहीं पहुंचाई गई तो कर्ज भी चुकाना उनके लिए मुश्किल होगा. ऐसे में आत्महत्या ही उनके पास एकमात्र उपाय बचेगा.

20 लाख रुपए से अधिक का नुकसान

इधर ग्रामीणों द्वारा फसलों के हुए नुकसान की जानकारी जब मुखिया गुंजर उरांव को हुई तो वे तत्काल गांव पहुंचे और फसलों का जायजा लिया. मुखिया ने कहा कि पूरे इलाके के किसानों का लगभग 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. वे प्रशासन से अविलंब किसानों को राहत पहुंचाने की मांग करेंगे.

लातेहार: कोरोना महामारी में संकट का सामने किसानों के सामने अनेक समस्याएं खड़ी है. एक ओर लॉकडाउन के कारण खेतों में तैयार फसल किसान काट नहीं पा रहे हैं तो दूसरी ओर बेमौसम बारिश उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है. ऐसे में किसान दोहरी मार से जूझ रहे हैं. दरअसल मंगलवार की रात लातेहार के परसही समेत अन्य गांवों में हुई जबरदस्त ओलावृष्टि और बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसानों ने कहा, सहायता नहीं मिली तो आत्महत्या ही बचेगा एक मात्र उपाय.

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प्रकृति की मार ने लातेहार के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी. इस नुकसान से हताश किसानों के मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे हैं. दरअसल परसही गांव के अधिकांश ग्रामीण खेती के भरोसे ही अपनी आजीविका चलाते हैं. गांव के किसान साल भर अपने खेतों में सब्जी के साथ साथ अन्य फसलों का भी उत्पादन करते हैं, परंतु लगातार मौसम उनके साथ दगा कर रहा है.

मंगलवार की रात गांव में भारी ओलावृष्टि हुई. इस कारण फसलों को काफी अधिक नुकसान हुआ. फसलों के इस नुकसान से किसान इतने निराश हो गए हैं कि उनके मन में आत्महत्या जैसे ख्याल भी आने लगे.

किसान विनोद सिंह ने कहा कि फसलों के नुकसान के साथ-साथ उनका जिंदगी बर्बाद हो गयी. यदि कोई सहायता नहीं मिली तो वे आत्महत्या कर लेंगे.

सभी प्रकार की फसलों को नुकसान

बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने सभी प्रकार की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीणों के खेत में लगे तरबूज, खीरा, ककड़ी, भिंडी, बोदी, मूंग, चना, मक्का, नेनुआ, कद्दू समेत सभी प्रकार की फसल बर्बाद हो गई.

यह भी पढ़ेंः साहिबगंज में ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश, किसानों में चिंता बढ़ी

किसान रामराज सिंह ने कहा कि वे लोग कर्ज लेकर खेती कर रहे थे. इससे पहले भी बारिश ने उनके फसलों को नष्ट कर दिया था. दोबारा कर्ज लेकर खेती आरंभ की, परंतु दूसरी बार भी ओलावृष्टि के कारण फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. यदि प्रशासन द्वारा उन्हें मदद नहीं पहुंचाई गई तो कर्ज भी चुकाना उनके लिए मुश्किल होगा. ऐसे में आत्महत्या ही उनके पास एकमात्र उपाय बचेगा.

20 लाख रुपए से अधिक का नुकसान

इधर ग्रामीणों द्वारा फसलों के हुए नुकसान की जानकारी जब मुखिया गुंजर उरांव को हुई तो वे तत्काल गांव पहुंचे और फसलों का जायजा लिया. मुखिया ने कहा कि पूरे इलाके के किसानों का लगभग 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. वे प्रशासन से अविलंब किसानों को राहत पहुंचाने की मांग करेंगे.

Last Updated : Apr 22, 2020, 5:55 PM IST
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