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एक जिला जहां कभी लाल आतंक का था खौफनाक साया, जानिए कैसे एक अधिकारी ने बदली वहां की तस्वीर

कहा जाता है कि मन में कुछ करने की तमन्ना हो तो पत्थर पर भी फूल उगाए जा सकते हैं. यह बात लातेहार में चरितार्थ होता दिख रहा है. अपने पिछड़ेपन और उग्रवादी गतिविधियों के लिए बदनाम लातेहार आज विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. आईएएस अधिकारी अबु इमरान की पहल से लातेहार की पहचान बदलने लगी है.

Abu Imran has changed the picture of Latehar
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Published : Apr 6, 2022, 4:10 PM IST

Updated : Apr 6, 2022, 10:45 PM IST

लातेहार: कभी पिछड़ापन और उग्रवादी गतिविधियां लातेहार की पहचान हुआ करती थीं. स्थिति यह थी कि अगर दूसरे शहर से किसी को लातेहार आना हो तो वह 10 बार सोचता था. यह जिला इतना बदनाम हो गया था कि लोग यहां आना तो दूर इसके नाम से भी डरने लगे थे. इसका खामियाजा भी लातेहार को भुगतना पड़ता था. लातेहार में विकास कार्य की गति काफी धीमी हो गई थी. सरकारी स्तर पर जो विकास कार्य स्वीकृत भी होते थे, उन्हें पूरा करने में प्रशासन को काफी परेशानी होती थी. लेकिन एक उपायुक्त ने यहां की पूरी तस्वीर बदल दी आज लातेहार में विकास की बयार बह रही है.

कुछ साल पहले तक लातेहार की स्थिति ये थी कि इसे जिले का दर्जा तो मिल गया था, लेकिन विकास की गति ठहरी हुई थी. जिला बनने के बावजूद यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल जैसी सुविधाओं का घोर अभाव था. लातेहार सदर अस्पताल जिले में एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र था लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं था. सदर अस्पताल में इलाज कम और रेफर ज्यादा किए जाते थे.

ये भी पढ़ें: प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा ये सरकारी स्कूल, प्रिंसिपल ने बदली तस्वीर

जिले के विकास को पटरी पर लाकर लातेहार की पहचान बदलने का प्रयास पूर्व के अधिकारियों ने पूरी ईमानदारी से किया था. लेकिन उन अधिकारियों को अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल पाई. हालांकि सभी उपायुक्तों ने अपने स्तर से और अपने अपने तरीके से लातेहार को नया रूप देने का प्रयास जरूर किया था. इन उपायुक्तों में कमल किशोर सोन और राहुल पुरवार का नाम आज भी यहां के लोग अक्सर लेते हैं. इन दोनों के अलावा अन्य उपायुक्तों ने भी अपने अपने तरीके से लातेहार की पहचान बदलने का प्रयास किया था. लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी थी, जो अक्सर बाधक बन कर सामने खड़ी हो जाती थी.

देखें पूरी खबर



उपायुक्त अबु इमरान का प्रयास हुआ सफल: इसी बीच वर्ष 2020 में लातेहार उपायुक्त के रूप में आईएएस अधिकारी अबु इमरान पदस्थापित हुए. अपनी पदस्थापना के बाद से ही उपायुक्त ने लातेहार के पिछड़ेपन को दूर करते हुए यहां स्वास्थ्य, शिक्षा ,पर्यटन और खेल जैसी सुविधाओं को विकसित करने के लिए रोडमैप तैयार किया. उपायुक्त अबु इमरान पहले लातेहार के एसडीएम के पद पर भी काम कर चुके थे. पहले के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे पहले लातेहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने की योजना तैयार की. उपायुक्त के प्रयास से लातेहार सदर अस्पताल को संपूर्ण सुविधा संपन्न बना दिया गया. सदर अस्पताल में अत्याधुनिक आईसीयू वार्ड का निर्माण किया गया. इसके अलावा वर्षों से बेकार पड़े आदिम जनजाति अस्पताल को सुविधा युक्त बनाते हुए वहां भी बच्चों का आईसीयू तैयार किया गया. इसके अलावा लगभग सभी प्रखंडों में बने अस्पतालों को सुविधा संपन्न किया गया.

खेल, पर्यटन और शिक्षा को मिला बढ़ावा: उपायुक्त के प्रयास से लातेहार जिले में खेल, शिक्षा और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला. लातेहार में खेल को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्ट्स कंपलेक्स का निर्माण किया गया. जहां सभी तरह के इंडोर गेम की व्यवस्था की गई. बिलियर्ड्स जैसे खेल की भी व्यवस्था स्पोर्ट्स कंपलेक्स में की गई. राज्य का पहला स्टेट लेवल बिलियर्ड्स चैंपियनशिप का आयोजन भी लातेहार में किया गया. पर्यटन के क्षेत्र में जहां नेतरहाट और बेतला नेशनल पार्क को और सुविधा संपन्न बनाया गया. वहीं अन्य प्रखंडों में भी छोटे-छोटे पर्यटक स्थलों को विकसित किया गया. लातेहार जिला मुख्यालय में जहां एक भी पर्यटन स्थल नहीं थे, वहां ललमठिया डैम और सिटी पार्क की सुविधा बहाल की गई. वहीं पुराने धरोहर नवागढ़ किले को भी सुविधा संपन्न किया गया. इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिला वही लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होने लगे.

शिक्षा के रोडमैप को सरकार ने भी सराहा: लातेहार में शिक्षा के साधनों की भारी कमी थी. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए यहां के छात्रों को बाहर जाने की मजबूरी होती थी. ऐसे में उपायुक्त अबु इमरान में एक सकारात्मक प्रयास करते हुए यहां के होनहार छात्रों को लातेहार में ही प्रोफेशनल कोचिंग संस्थानों से मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की सुविधा उपलब्ध करा दी. लातेहार जिला मुख्यालय में दो स्थानों पर प्रोफेशनल कोचिंग संस्थानों के द्वारा सेंटर चलाकर होनहार छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा रहा है. उपायुक्त के इस प्रयास की सराहना राज्य सरकार ने भी करते हुए इसे राज्य भर में लागू करने की योजना तैयार की है. इसके अलावा लातेहार में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सभी प्रकार की पुस्तक उपलब्ध कराते हुए सिटी लाइब्रेरी की स्थापना की गई है. यहां बच्चे मुफ्त में पढ़ाई करते हैं.

जनप्रतिनिधि करते हैं प्रशंसा: लातेहार के जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव और नगर पंचायत उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि लातेहार काफी पिछड़ा हुआ जिला था. लेकिन पिछले 2 वर्षों में लातेहार में अपेक्षा से अधिक विकास हुआ. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगर विकास की गति इसी प्रकार रही तो लातेहार जल्द ही राज्य के बेहतर जिलों में एक होगा.

अबु इमरान का क्या है कहना: लातेहार उपायुक्त अबु इमरान इस संबंध में कहते हैं कि विकास एक दिन में नहीं होता, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है जो निरंतर चलता है. उन्होंने कहा कि पहले के अधिकारियों जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने जो विकास की आधारशिला रखी उसी का नतीजा है कि आज लातेहार अपनी नई पहचान बना रहा है. उन्होंने कहा कि लातेहार में विकास की पूरी संभावना है. यह जिला हर क्षेत्र में आगे बढ़ेगा. लातेहार जिला अपनी नई पहचान बनाने के लिए आतुर है. जिले में हो रहे विकास कार्य जल्द ही लातेहार को हर क्षेत्र में आगे लेकर जाएंगे. उम्मीद है कि लातेहार जिला आने वाले कुछ वर्षों में राज्य के बेहतर जिलों में से एक होगा.

लातेहार: कभी पिछड़ापन और उग्रवादी गतिविधियां लातेहार की पहचान हुआ करती थीं. स्थिति यह थी कि अगर दूसरे शहर से किसी को लातेहार आना हो तो वह 10 बार सोचता था. यह जिला इतना बदनाम हो गया था कि लोग यहां आना तो दूर इसके नाम से भी डरने लगे थे. इसका खामियाजा भी लातेहार को भुगतना पड़ता था. लातेहार में विकास कार्य की गति काफी धीमी हो गई थी. सरकारी स्तर पर जो विकास कार्य स्वीकृत भी होते थे, उन्हें पूरा करने में प्रशासन को काफी परेशानी होती थी. लेकिन एक उपायुक्त ने यहां की पूरी तस्वीर बदल दी आज लातेहार में विकास की बयार बह रही है.

कुछ साल पहले तक लातेहार की स्थिति ये थी कि इसे जिले का दर्जा तो मिल गया था, लेकिन विकास की गति ठहरी हुई थी. जिला बनने के बावजूद यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल जैसी सुविधाओं का घोर अभाव था. लातेहार सदर अस्पताल जिले में एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र था लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं था. सदर अस्पताल में इलाज कम और रेफर ज्यादा किए जाते थे.

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जिले के विकास को पटरी पर लाकर लातेहार की पहचान बदलने का प्रयास पूर्व के अधिकारियों ने पूरी ईमानदारी से किया था. लेकिन उन अधिकारियों को अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल पाई. हालांकि सभी उपायुक्तों ने अपने स्तर से और अपने अपने तरीके से लातेहार को नया रूप देने का प्रयास जरूर किया था. इन उपायुक्तों में कमल किशोर सोन और राहुल पुरवार का नाम आज भी यहां के लोग अक्सर लेते हैं. इन दोनों के अलावा अन्य उपायुक्तों ने भी अपने अपने तरीके से लातेहार की पहचान बदलने का प्रयास किया था. लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी थी, जो अक्सर बाधक बन कर सामने खड़ी हो जाती थी.

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उपायुक्त अबु इमरान का प्रयास हुआ सफल: इसी बीच वर्ष 2020 में लातेहार उपायुक्त के रूप में आईएएस अधिकारी अबु इमरान पदस्थापित हुए. अपनी पदस्थापना के बाद से ही उपायुक्त ने लातेहार के पिछड़ेपन को दूर करते हुए यहां स्वास्थ्य, शिक्षा ,पर्यटन और खेल जैसी सुविधाओं को विकसित करने के लिए रोडमैप तैयार किया. उपायुक्त अबु इमरान पहले लातेहार के एसडीएम के पद पर भी काम कर चुके थे. पहले के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे पहले लातेहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने की योजना तैयार की. उपायुक्त के प्रयास से लातेहार सदर अस्पताल को संपूर्ण सुविधा संपन्न बना दिया गया. सदर अस्पताल में अत्याधुनिक आईसीयू वार्ड का निर्माण किया गया. इसके अलावा वर्षों से बेकार पड़े आदिम जनजाति अस्पताल को सुविधा युक्त बनाते हुए वहां भी बच्चों का आईसीयू तैयार किया गया. इसके अलावा लगभग सभी प्रखंडों में बने अस्पतालों को सुविधा संपन्न किया गया.

खेल, पर्यटन और शिक्षा को मिला बढ़ावा: उपायुक्त के प्रयास से लातेहार जिले में खेल, शिक्षा और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला. लातेहार में खेल को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्ट्स कंपलेक्स का निर्माण किया गया. जहां सभी तरह के इंडोर गेम की व्यवस्था की गई. बिलियर्ड्स जैसे खेल की भी व्यवस्था स्पोर्ट्स कंपलेक्स में की गई. राज्य का पहला स्टेट लेवल बिलियर्ड्स चैंपियनशिप का आयोजन भी लातेहार में किया गया. पर्यटन के क्षेत्र में जहां नेतरहाट और बेतला नेशनल पार्क को और सुविधा संपन्न बनाया गया. वहीं अन्य प्रखंडों में भी छोटे-छोटे पर्यटक स्थलों को विकसित किया गया. लातेहार जिला मुख्यालय में जहां एक भी पर्यटन स्थल नहीं थे, वहां ललमठिया डैम और सिटी पार्क की सुविधा बहाल की गई. वहीं पुराने धरोहर नवागढ़ किले को भी सुविधा संपन्न किया गया. इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिला वही लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होने लगे.

शिक्षा के रोडमैप को सरकार ने भी सराहा: लातेहार में शिक्षा के साधनों की भारी कमी थी. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए यहां के छात्रों को बाहर जाने की मजबूरी होती थी. ऐसे में उपायुक्त अबु इमरान में एक सकारात्मक प्रयास करते हुए यहां के होनहार छात्रों को लातेहार में ही प्रोफेशनल कोचिंग संस्थानों से मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की सुविधा उपलब्ध करा दी. लातेहार जिला मुख्यालय में दो स्थानों पर प्रोफेशनल कोचिंग संस्थानों के द्वारा सेंटर चलाकर होनहार छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा रहा है. उपायुक्त के इस प्रयास की सराहना राज्य सरकार ने भी करते हुए इसे राज्य भर में लागू करने की योजना तैयार की है. इसके अलावा लातेहार में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सभी प्रकार की पुस्तक उपलब्ध कराते हुए सिटी लाइब्रेरी की स्थापना की गई है. यहां बच्चे मुफ्त में पढ़ाई करते हैं.

जनप्रतिनिधि करते हैं प्रशंसा: लातेहार के जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव और नगर पंचायत उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि लातेहार काफी पिछड़ा हुआ जिला था. लेकिन पिछले 2 वर्षों में लातेहार में अपेक्षा से अधिक विकास हुआ. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगर विकास की गति इसी प्रकार रही तो लातेहार जल्द ही राज्य के बेहतर जिलों में एक होगा.

अबु इमरान का क्या है कहना: लातेहार उपायुक्त अबु इमरान इस संबंध में कहते हैं कि विकास एक दिन में नहीं होता, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है जो निरंतर चलता है. उन्होंने कहा कि पहले के अधिकारियों जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने जो विकास की आधारशिला रखी उसी का नतीजा है कि आज लातेहार अपनी नई पहचान बना रहा है. उन्होंने कहा कि लातेहार में विकास की पूरी संभावना है. यह जिला हर क्षेत्र में आगे बढ़ेगा. लातेहार जिला अपनी नई पहचान बनाने के लिए आतुर है. जिले में हो रहे विकास कार्य जल्द ही लातेहार को हर क्षेत्र में आगे लेकर जाएंगे. उम्मीद है कि लातेहार जिला आने वाले कुछ वर्षों में राज्य के बेहतर जिलों में से एक होगा.

Last Updated : Apr 6, 2022, 10:45 PM IST
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