लातेहारः जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में जिस लड़की के अपहरण को लेकर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था. लातेहार पुलिस द्वारा लापता लड़की सकुशल बरामद कर ली गयी है. इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है.
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क्या है घटनाक्रमः 7 अक्टूबर को बालूमाथ थाना में एक व्यक्ति के द्वारा अपनी नाबालिग पुत्री के अपहरण की प्राथमिकी की दर्ज कराई गयी. शिकायत में ये कहा गया था कि कुछ स्थानीय लड़कों के द्वारा उनकी बेटी का अपहरण किया गया है. इस मामले को लेकर लड़की के परिजन और कुछ लोगों ने जमकर हंगामा भी किया और बालूमाथ में कई घंटे तक सड़क जाम भी कर दिया था. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जिन लड़कों पर प्राथमिकी की दर्ज हुई थी उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. जब लड़कों से कुछ विशेष जानकारी नहीं मिल पाई तो एसपी ने मामले की छानबीन के लिए पुलिस इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया. एसआइटी के द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से अनुसंधान आरंभ किया गया तो इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए, घटना के संबंध में सीन रिक्रिएट भी किया गया. इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि लड़की का अपहरण उसके घर के पास से नहीं हुआ.
नाराज होकर घर से भागी थी लड़कीः इस संबंध में जानकारी देते हुए लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस को यह पता चला कि लड़की अपने घर से नाराज चल रही थी. घर के लोग उसे स्कूल जाने से मना करते थे और छोटी-छोटी बातों पर डांट फटकार भी करते थे. यह भी कहते थे कि दसवीं के बाद उसकी शादी कर देंगे. इन तानों से परेशान और नाराज होकर वह अपने एक दोस्त की मदद से घर से भागने का प्लान बनाया. उसके बाद लड़की भाग कर रांची चली गई और एक व्यक्ति के मकान में रहने लगी. मामले की छानबीन के दौरान पुलिस की टीम ने लड़की को रांची से सकुशल बरामद कर लिया. एसपी ने बताया कि लड़की को अपने घर में छुपा कर रखने वाले रांची निवासी कामेश्वर प्रजापति को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. एसपी ने बताया कि लड़की को परिजनों को सौंप दिया गया है.
इलाके में था तनाव का माहौलः परिजनों के द्वारा लड़की के अपहरण का आरोप लगाए जाने के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया था. यह घटना पुलिस के लिए एक सिरदर्द बन गई थी. कुछ ग्रामीणों और लड़की के परिजनों के द्वारा कई बार सड़क जाम भी किया गया. वहीं इसके विरोध में बालूमाथ बाजार को भी एक दिन के लिए बंद भी रखा गया था. इस घटनाक्रम के बाद वहां की स्थिति काफी तनावपूर्ण थी पर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित रखा और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं होने दी.
इस मामले के उद्भेदन में डीएसपी दिलू लोहरा, प्रशिक्षण डीएसपी प्रदीप साहू, पुलिस इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार, थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार महतो, थाना प्रभारी शुभम कुमार, सब इंस्पेक्टर कैलाश बाड़ा, धीरज कुमार, नीतीश कुमार, कुबेर साह, दुती कृष्ण महतो की भूमिका महत्वपूर्ण रही.