लातेहार: भाजपा नेता राजेंद्र साहू हत्याकांड का खुलासा शनिवार को पुलिस ने कर दिया है. पैसे के लेनदेन को लेकर टीएसपीसी के उग्रवादियों ने राजेंद्र साहू की हत्या की है. पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दोनों शूटर और हत्याकांड की योजना बनाने में संलिप्त दो अन्य उग्रवादियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने हत्याकांड में शामिल हथियार भी बरामद कर लिए हैं.
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दरअसल, 12 अगस्त को भाजपा नेता राजेंद्र साहू को टीएसपीसी के उग्रवादियों ने गोली मार दी थी. जिसके बाद इलाज के दौरान 14 अगस्त को रांची में उनका निधन हो गया. हत्याकांड के बाद एसपी अंजनी अंजन ने एसडीपीओ अजीत कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मामले की छानबीन शुरू की. एसआईटी की टीम ने एक सप्ताह के अंदर हत्याकांड का उद्भेदन कर दिया. पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले शूटर जितेंद्र विश्वकर्मा, शिवपूजन सिंह के अलावे हत्याकांड की योजना में संलिप्त अश्विनी कुमार सिंह और कुलदीप गंझू को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इनके पास से चार पिस्तौल, 30 जिंदा गोली समेत कई अन्य सामग्री भी बरामद कर किया है.
पैसे के लेनदेन को लेकर हुई हत्या: इस संबंध में प्रेस वार्ता करते हुए एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि हत्याकांड के छानबीन के दौरान पुलिस को सुराग मिला कि नक्सली संगठन टीएसपीसी के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर राजेंद्र साहू का पहले से ही कुछ विवाद चल रहा था. टीएसपीसी के जोनल कमांडर आक्रमण जी के द्वारा पूर्व में भी राजेंद्र साहू पर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया था. मामले की छानबीन के दौरान पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ शुरू की तो पता चला कि जोनल कमांडर आक्रमण जी के कहने पर ही राजेंद्र साहू की रेकी की जा रही थी.
इसके बाद पुलिस ने अभियान चलाकर घटना को अंजाम देने वाले शूटर जितेंद्र विश्वकर्मा और शिवपूजन सिंह को गढ़वा से गिरफ्तार कर लिया. वहीं गढ़वा निवासी अश्विनी कुमार सिंह ने भी इस घटना को अंजाम देने में अपराधियों की मदद की थी. उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं बालूमाथ निवासी कुलदीप को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सभी आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
एक सप्ताह से कर रहे थे रेकी: टीएसपीसी के जोनल कमांडर आक्रमण जी के निर्देश पर गढ़वा के शूटर पिछले एक सप्ताह से बालूमाथ में ही कुलदीप गंझू के घर में रहकर राजेंद्र साहू पर नजर रखे हुए थे. हालांकि, राजेंद्र साहू पर हमला करने की उनकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी. 12 अगस्त को जब वे लोग राजेंद्र साहू की रेकी कर रहे थे तो राजेंद्र साहू उनका पीछा करने लगे. इसी दौरान मौका मिलने पर अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. अपराधियों को इसके लिए आक्रमण जी से 50 हजार रुपए भी मिले थे.