लातेहारः सांसद प्रतिनिधि जयवर्धन सिंह की हत्या के बाद भाजपाइयों ने झारखंड की हेमंत सरकार पर सवाल उठाने लगे. भाजपा राज्यसभा सांसद समीर उरांव, प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू और पूर्व विधायक हरिकृष्ण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. वहीं इस हत्याकांड को पुलिस की मिलीभगत से की गई हत्या करार दिया है.
लातेहार में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज्सयभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि जयवर्धन सिंह की हत्या ने साबित कर दिया कि हेमंत सोरेन की सरकार के आते ही अपराधी पूरी तरह निरंकुश हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जयवर्धन सिंह पर गोली चलने के थोड़ी देर बाद ही वहां पुलिस की गाड़ी पहुंचती है. लोग पुलिस को रोकने का प्रयास भी करते हैं, लेकिन पुलिस वहां रुके बिना आगे बढ़ जाती है. पुलिस घटना के लगभग आधा घंटा बाद घटनास्थल पर पहुंचती है. जबकि घटनास्थल से थाना की दूरी मात्र 50 मीटर है. इससे स्पष्ट होता है कि घटना की जानकारी पहले से ही पुलिस को थी और पुलिस वाले के मिलीभगत से ही अपराधियों ने बेखौफ हो कर घटना को अंजाम दिया.
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उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में सफेदपोशों का भी हाथ है. ऐसे में सीबीआई की जांच होने के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा. वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि घटना के बाद पुलिस की वाहन वहां पहुंचती है और बिना रुके चली जाती है. इतने समय में अपराधी को भागने का पूरा समय मिल जाता है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को यदि अविलंब गिरफ्तार नहीं किया गया तो भाजपा के कार्यकर्ता लातेहार से लेकर राजधानी तक सरकार को एक कदम भी चलने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में बरवाडीह के थानेदार की भी भूमिका गंभीर है. इसकी भी जांच करते हुए दोषी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जयवर्धन सिंह की हत्या के बाद भाजपाई सरकार को घेरने में जुट गए हैं. हालांकि घटना के 20 घंटे बीत जाने के बाद भी अपराधियों के विषय में अभी तक पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है.