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CM के आगमन के बाद कोने गांव में दिखने लगा बदलाव, शहीद के वंशजों ने जताया सरकार का आभार

लातेहार के कोने गांव में पिछले दिनों CM Hemant Soren पहुंचे थे. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद कोने गांव में मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है. इसको लेकर पदाधिकारी गांव में कैंप भी कर रहे हैं.

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Published : Dec 4, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Dec 4, 2021, 11:53 AM IST

Basic facilities being developed in Kone village
मुख्यमंत्री आगमन के बाद लातेहार के कोने गांव में दिखने लगा बदलाव

लातेहारः Chief Minister Hemant Soren पिछले दिनों कोने गांव पहुंचे थे. इस गांव से लौटने के बाद अब बदलाव दिखने लगा है. वर्षों से जिस विकास की उम्मीद गांव के लोगों ने लगा रखी थी, उसकी नींव अब गांव में रखी जा रही है. इससे गांव के लोग काफी खुश हैं. गांव में विकास कार्य की गति तेज होने पर शहीद नीलांबर-पीतांबर के वंशजों ने सरकार को आभार जताने के साथ-साथ ईटीवी भारत की भी प्रशंसा की है.

यह भी पढ़ेंःगुमनामी के अंधेरे में लातेहार का यह गांव, अंग्रेजी शासन काल में स्वतंत्रता सेनानियों ने लिया था शरण


लातेहार सदर प्रखंड के कोने गांव शहीद नीलांबर-पीतांबर का गांव है. इस गांव के बारे में कहा जाता है कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जब स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ी थी तो अंग्रेजों ने भी उनके प्रति अपनी दमनकारी नीति को चरम पर पहुंचा दिया था. इस स्थिति में शहीद पीतांबर की गर्भवती पत्नी छुपते-छुपाते लातेहार के कोने गांव पहुंची थी, जहां ग्रामीणों ने उन्हें शरण दिया था, उसके बाद इसी गांव में शहीद पीतांबर के वंशज रहने लगे.

देखें वीडियो



अब हो रहा गांव में मूलभूत सुविधाओं का विकास
शहीद के वंशजों को शरण देने वाले कोने गांव का अपेक्षित विकास आजादी के बाद भी नहीं हुआ था. ईटीवी भारत ने कुछ दिनों पहले इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इसके बाद उपायुक्त अबु इमरान ने आश्वस्त किया था कि कोने गांव का विकास किया जाएगा. इसी बीच कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद सारे विकास कार्य बंद हो गए. लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप कम हुआ तो विकास की गति तेज कर दी गई है. प्रशासनिक पहल पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोने गांव पहुंचकर शहीद के वंशजों से मिले और गांव के विकास की नींव रखी.

गांव में कैंप कर रहे अधिकारी

मुख्यमंत्री के आगमन के बाद वरीय पदाधिकारी गांव का लगातार दौरा विकास की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शहीद पीतांबर के वंशज कोमल सिंह खैरवार ने कहा कि ईटीवी भारत ने हमारी समस्याओं को गंभीरता से दिखाया. इसका परिणाम है कि मुख्यमंत्री गांव पहुंचे और समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद से मूलभूत सुविधाओं को विसकित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंःलातेहार के कोने गांव सोमवार को पहुंचेगी झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री शहीद नीलांबर पीतांबर के वंशजों से करेंगे मुलाकात

प्राथमिकता के आधार पर समस्या का निदान
शहीद पीतांबर के प्रपौत्र रामानंद सिंह खैरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी सुध ली, यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गांव में पहुंच कर पवित्र किया है. शहीद के गांव पवित्र होने से राज्य खुद-ब-खुद पवित्र हो जाएगा. लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री के आगमन के बाद शहीद पीतांबर के वंशजों ने जिन समस्याओं का उल्लेख किया, उन सभी समस्याओं का समाधान डीसी अबु इमरान के नेतृत्व में प्राथमिकता के आधार किया जा रहा है.

लातेहारः Chief Minister Hemant Soren पिछले दिनों कोने गांव पहुंचे थे. इस गांव से लौटने के बाद अब बदलाव दिखने लगा है. वर्षों से जिस विकास की उम्मीद गांव के लोगों ने लगा रखी थी, उसकी नींव अब गांव में रखी जा रही है. इससे गांव के लोग काफी खुश हैं. गांव में विकास कार्य की गति तेज होने पर शहीद नीलांबर-पीतांबर के वंशजों ने सरकार को आभार जताने के साथ-साथ ईटीवी भारत की भी प्रशंसा की है.

यह भी पढ़ेंःगुमनामी के अंधेरे में लातेहार का यह गांव, अंग्रेजी शासन काल में स्वतंत्रता सेनानियों ने लिया था शरण


लातेहार सदर प्रखंड के कोने गांव शहीद नीलांबर-पीतांबर का गांव है. इस गांव के बारे में कहा जाता है कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जब स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ी थी तो अंग्रेजों ने भी उनके प्रति अपनी दमनकारी नीति को चरम पर पहुंचा दिया था. इस स्थिति में शहीद पीतांबर की गर्भवती पत्नी छुपते-छुपाते लातेहार के कोने गांव पहुंची थी, जहां ग्रामीणों ने उन्हें शरण दिया था, उसके बाद इसी गांव में शहीद पीतांबर के वंशज रहने लगे.

देखें वीडियो



अब हो रहा गांव में मूलभूत सुविधाओं का विकास
शहीद के वंशजों को शरण देने वाले कोने गांव का अपेक्षित विकास आजादी के बाद भी नहीं हुआ था. ईटीवी भारत ने कुछ दिनों पहले इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इसके बाद उपायुक्त अबु इमरान ने आश्वस्त किया था कि कोने गांव का विकास किया जाएगा. इसी बीच कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद सारे विकास कार्य बंद हो गए. लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप कम हुआ तो विकास की गति तेज कर दी गई है. प्रशासनिक पहल पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोने गांव पहुंचकर शहीद के वंशजों से मिले और गांव के विकास की नींव रखी.

गांव में कैंप कर रहे अधिकारी

मुख्यमंत्री के आगमन के बाद वरीय पदाधिकारी गांव का लगातार दौरा विकास की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शहीद पीतांबर के वंशज कोमल सिंह खैरवार ने कहा कि ईटीवी भारत ने हमारी समस्याओं को गंभीरता से दिखाया. इसका परिणाम है कि मुख्यमंत्री गांव पहुंचे और समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद से मूलभूत सुविधाओं को विसकित किया जा रहा है.

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प्राथमिकता के आधार पर समस्या का निदान
शहीद पीतांबर के प्रपौत्र रामानंद सिंह खैरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी सुध ली, यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गांव में पहुंच कर पवित्र किया है. शहीद के गांव पवित्र होने से राज्य खुद-ब-खुद पवित्र हो जाएगा. लातेहार प्रखंड विकास पदाधिकारी मेघनाथ उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री के आगमन के बाद शहीद पीतांबर के वंशजों ने जिन समस्याओं का उल्लेख किया, उन सभी समस्याओं का समाधान डीसी अबु इमरान के नेतृत्व में प्राथमिकता के आधार किया जा रहा है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 11:53 AM IST
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