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स्कूल के किले तो बनवा दिए लेकिन शिक्षक पद की स्वीकृति नहीं दी, पढ़ाने की जिम्मेवारी किसकी? - लातेहार सदर प्रखंड का आदर्श गांव कोने

लातेहार के आदर्श गांव कोने में शिक्षा की व्यवस्था चरमरा गई है. जिले के मध्य विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं हैं. जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा. मामले में डीसी ने कहा इस पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा की अव्यवस्था
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Published : Nov 18, 2019, 9:13 PM IST

लातेहार: कहा जाता है शिक्षा ही समाज के विकास का पहला साधन है. सरकार भी शिक्षा के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती है, लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. ऐसे ही गांव में शामिल है लातेहार सदर प्रखंड का आदर्श गांव कोने.

देखें स्पेशल स्टोरी

विभागीय लापरवाही के कारण व्यवस्था हुई चौपट
दरअसल, कोने गांव में लगभग 40 साल पहले प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी. झारखंड राज्य अलग होने के बाद कोने प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय के रूप में तब्दिल कर दिया गया, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण इस विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं किया गया. इस विद्यालय में बच्चों की संख्या भी 200 से अधिक है. शिक्षक की स्थाई पदस्थापना नहीं होने के कारण समय-समय पर कुछ शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति कर विद्यालय में शिक्षण कार्य संचालित करवाया जाता रहा. अस्थाई शिक्षक के अभाव में यहां की शिक्षा व्यवस्था लगातार बदहाल होती गई.

मध्य विद्यालय में नहीं मिले टीचर
मध्य विद्यालय कोने को 3 वर्ष पूर्व हाई स्कूल बना दिया गया. इसके बावजूद मध्य विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं किया गया. इस वर्ष हाई स्कूल के शिक्षकों की बहाली के बाद 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए 3 शिक्षकों की पदस्थापना हाई स्कूल में की गई है. मध्य विद्यालय में किसी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई. जिससे मध्य विद्यालय के बच्चे शिक्षण से वंचित रह जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019ः सीनियर सिटीजन मतदाताओं की राय, कहा- ऐसा हो क्षेत्र का विधायक

विभाग से मिला आश्वासन
वहीं, ग्रामीण पंकज यादव का कहना है कि स्कूल में शिक्षक के नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित है. हाई स्कूल के शिक्षक कुछ कॉपरेट करते हैं इस कारण बच्चों की हाजिरी बन जाती है. वहीं कोने उच्च विद्यालय के प्राचार्य प्रमोद कुमार ने कहा कि मध्य विद्यालय में शिक्षक नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है. हाई स्कूल के शिक्षक ही समय निकाल कर मध्य विद्यालय के बच्चों को भी कुछ पढ़ा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग से आश्वासन मिला है कि जल्द ही यहां मध्य विद्यालय में शिक्षकों की बहाली की जाएगी.

डीसी ने कहा होगी कार्रवाई
इस मामले में लातेहार डीसी जीशान कमर ने कहा कि यदि स्कूल है और वहां शिक्षक की पदस्थापना नहीं है तो यह गंभीर बात है. वह इस बात का पता लगा रहे हैं और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

लातेहार: कहा जाता है शिक्षा ही समाज के विकास का पहला साधन है. सरकार भी शिक्षा के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती है, लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. ऐसे ही गांव में शामिल है लातेहार सदर प्रखंड का आदर्श गांव कोने.

देखें स्पेशल स्टोरी

विभागीय लापरवाही के कारण व्यवस्था हुई चौपट
दरअसल, कोने गांव में लगभग 40 साल पहले प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी. झारखंड राज्य अलग होने के बाद कोने प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय के रूप में तब्दिल कर दिया गया, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण इस विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं किया गया. इस विद्यालय में बच्चों की संख्या भी 200 से अधिक है. शिक्षक की स्थाई पदस्थापना नहीं होने के कारण समय-समय पर कुछ शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति कर विद्यालय में शिक्षण कार्य संचालित करवाया जाता रहा. अस्थाई शिक्षक के अभाव में यहां की शिक्षा व्यवस्था लगातार बदहाल होती गई.

मध्य विद्यालय में नहीं मिले टीचर
मध्य विद्यालय कोने को 3 वर्ष पूर्व हाई स्कूल बना दिया गया. इसके बावजूद मध्य विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं किया गया. इस वर्ष हाई स्कूल के शिक्षकों की बहाली के बाद 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए 3 शिक्षकों की पदस्थापना हाई स्कूल में की गई है. मध्य विद्यालय में किसी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई. जिससे मध्य विद्यालय के बच्चे शिक्षण से वंचित रह जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019ः सीनियर सिटीजन मतदाताओं की राय, कहा- ऐसा हो क्षेत्र का विधायक

विभाग से मिला आश्वासन
वहीं, ग्रामीण पंकज यादव का कहना है कि स्कूल में शिक्षक के नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित है. हाई स्कूल के शिक्षक कुछ कॉपरेट करते हैं इस कारण बच्चों की हाजिरी बन जाती है. वहीं कोने उच्च विद्यालय के प्राचार्य प्रमोद कुमार ने कहा कि मध्य विद्यालय में शिक्षक नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है. हाई स्कूल के शिक्षक ही समय निकाल कर मध्य विद्यालय के बच्चों को भी कुछ पढ़ा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग से आश्वासन मिला है कि जल्द ही यहां मध्य विद्यालय में शिक्षकों की बहाली की जाएगी.

डीसी ने कहा होगी कार्रवाई
इस मामले में लातेहार डीसी जीशान कमर ने कहा कि यदि स्कूल है और वहां शिक्षक की पदस्थापना नहीं है तो यह गंभीर बात है. वह इस बात का पता लगा रहे हैं और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

Intro:आदर्श गांव कोने में बदहाल है शिक्षा व्यवस्था, मिडिल स्कूल में नहीं है एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत

लातेहार. कहा जाता है शिक्षा ही समाज के विकास का पहला साधन है. सरकार भी शिक्षा के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती है ,परंतु आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. ऐसे ही गांव में शामिल है लातेहार सदर प्रखंड का आदर्श गांव कोने. महान शहीद नीलांबर पीतांबर के परिजनों को मुसीबत के समय में आश्रय देने वाले कोने गांव में शिक्षा का हाल यह है कि यहां के एकमात्र मध्य विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं है. ऐसे में बच्चों की शिक्षा कैसे होती होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.


Body:दरअसल कोने गांव में लगभग 40 साल पहले प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी. झारखंड राज्य अलग होने के बाद कोने प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय के रूप में उत्क्रमित कर दिया गया. परंतु विभागीय लापरवाही के कारण इस विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं किया गया. इस विद्यालय में बच्चों की संख्या भी 200 से अधिक है. शिक्षक की स्थाई पदस्थापना नहीं होने के कारण समय-समय पर कुछ शिक्षकों का प्रतिनियुक्ति कर विद्यालय में शिक्षण कार्य संचालित करवाया जाता रहा . परंतु अस्थाई शिक्षक के अभाव में यहां की शिक्षा व्यवस्था लगातार बदहाल होती गई.
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हाई स्कूल में उत्क्रमित हुआ, पर मध्य विद्यालय में नहीं मिले टीचर

मध्य विद्यालय कोने को 3 वर्ष पूर्व हाई स्कूल में उत्क्रमित कर दिया गया. इसके बावजूद मध्य विद्यालय में एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं किया गया. इस वर्ष हाई स्कूल के शिक्षकों की बहाली के बाद 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए 3 शिक्षकों की पदस्थापना हाई स्कूल में की गई है. परंतु मध्य विद्यालय में किसी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई. जिससे मध्य विद्यालय के बच्चे शिक्षण से वंचित रह जा रहे हैं. ग्रामीण पंकज यादव ने कहा कि स्कूल में शिक्षक के नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित है. हाई स्कूल के शिक्षक कुछ कॉपरेट करते हैं इस कारण बच्चों की हाजिरी बन जाती है. वही कोने उच्च विद्यालय के प्राचार्य प्रमोद कुमार ने कहा कि मध्य विद्यालय में शिक्षक नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है. हाई स्कूल के शिक्षक ही समय निकाल कर मध्य विद्यालय के बच्चों को भी कुछ पढ़ा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग से आश्वासन मिला है कि जल्द ही यहां मध्य विद्यालय में शिक्षकों की बहाली की जाएगी. वही संबंध में पूछने पर लातेहार डीसी जीशान कमर ने कहा कि यदि स्कूल है और वहां शिक्षक की पदस्थापना नहीं है तो यह गंभीर बात है.वह इस बात का पता लगा रहे हैं और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे.
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byte- ग्रामीण पंकज यादव
byte- कोने हाई स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार
byte- लातेहार डीसी जीशान कमर


Conclusion:बिना शिक्षक के 200 से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा यह तो व्यवस्था बनाने वाले लोग ही बता सकते हैं. परंतु आम लोगों का कहना है कि इस प्रकार बच्चों के शिक्षा के साथ खिलवाड़ कहीं से भी उचित नहीं है.
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