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बेटे की प्रताड़ना से डरकर पिता ने छोड़ा घर, बेटी ने दिया सहारा - लातेहार में जमीनी विवाद

एक तरफ सरकार जहां लॉकडाउन को लेकर सभी लोगों को अपने घरों में ही रहने की नसीहत दे रही है. ऐसी स्थिति में मारपीट से भयभीत एक परिवार को अपना घर बार छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ा है. मामला लातेहार सदर थाना क्षेत्र के आरा गुंडी गांव का है.

A family left home fearing harassment in Latehar
लातेहार में प्रताड़ना से भयभीत होकर एक परिवार ने छोड़ा घर
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Published : May 1, 2020, 5:36 PM IST

लातेहार: सदर थाना क्षेत्र के आरागुंडी गांव निवासी 70 वर्षीय रूपेश्वर यादव को उन्हीं के बड़े बेटे अशोक यादव और पोते अरविंद यादव और भूपेश यादव के द्वारा इतना डराया गया कि वे अपने छोटे बेटे की बहू और बच्चों के साथ घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए. अपने ही परिजनों से लगातार जान मारने की धमकी मिलने से भयभीत रूपेशवर यादव अपने घर में ताला लगाकर पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर भागने को विवश हो गए. हालांकि इस विकट परिस्थिति में उनकी बेटी ने उन्हें अपने साथ रखा है.

देखें पूरी खबर

इस संबंध में बताया गया कि यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. रूपेश्वर यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जमीन को अपने दोनों बेटों अशोक यादव और धनशीश यादव के बीच बराबर बराबर बांट दी थी. वह खुद अपने छोटे बेटे धनशीश के साथ ही रहने लगे, लेकिन बड़ा बेटा और उसके परिवारवालों ने बंटवारा को मानने से इंकार कर दिया. इसको लेकर कई बार गांव में पंचायत भी बुलाई गई. इसमें सर्वसम्मति से फैसला भी सुनाया गया. इसके बावजूद बड़े बेटे और उसके परिवार वाले छोटे बेटे की जमीन पर कब्जा किए रहे. इतना ही नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों पर भी मारपीट पर उतारू होने लगे.

इसी बीच बड़े बेटे अशोक यादव के द्वारा कुंए की खुदाई आरंभ करवाई गई. इसमें जंगल से पत्थर लाकर लगाए जा रहे थे. इसकी शिकायत किसी ने वन विभाग से कर दी. ऐसे में अशोक यादव और उसके बेटों को शक हुआ कि धनशीश ने ही इसकी सूचना प्रशासन को दी है. इसी बात को लेकर धनशीश की पिटाई करने लगे. बचाव करने पर रूपेश्वर यादव धनशीश की पत्नी को भी पीटा गया.

ये भी पढ़ें: लेबर डे पर मजदूरों को मिला तोहफा, भारतीय रेल की मदद से पहुंचेंगे हैदराबाद से रांची

घटना के बाद धनशीश घर छोड़कर गांव से बाहर रहने लगा. रूपेशवर यादव ने बताया कि उनके बेटे धनशीश ने मामले की शिकायत थाने में की. इसके बाद पूरे परिवार पर समझौता करने का दबाव बनाया जाने लगा. मंगलवार को पुलिस के द्वारा दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया था. किसी कारण से जब धनशीश थाना नहीं गया तो अशोक यादव के बेटों ने घर लौटकर उसपर और उसकी पुत्रवधू पर समझौता करवाने का दबाव बनाने लगा और मारपीट करने लगा. इतना ही नहीं बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी गई. धमकी से भयभीत पूरा परिवार घर में ताला लगाकर गांव से भागने पर मजबूर हो गया.

ग्रामीण नंदकिशोर यादव ने बताया कि अशोक यादव का परिवार पंचायत के फैसले को भी नहीं मान रहा है. मारपीट की घटना यहां आम हो गई है. इसी कारण धनशीश और उसके परिवार वाले घर से भाग गए हैं. हालांकि इस पूरे मामले में अशोक यादव का बेटा भूपेश यादव ने कहा कि उन लोगों के द्वारा किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है. वे लोग घर में भी नहीं थे. उन्हें सिर्फ यही पता चला है कि एक परिजन के साथ वे लोग कहीं चले गए हैं. इस संबंध में पूछने पर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि दोनों भाइयों के बीच भूमि विवाद का मामला तो थाने में आया था. लेकिन एक परिवार के घर छोड़ देने की घटना उन्हें अभी ही मिली है. वे पूरे मामले की जांच करवाएंगे.

लातेहार: सदर थाना क्षेत्र के आरागुंडी गांव निवासी 70 वर्षीय रूपेश्वर यादव को उन्हीं के बड़े बेटे अशोक यादव और पोते अरविंद यादव और भूपेश यादव के द्वारा इतना डराया गया कि वे अपने छोटे बेटे की बहू और बच्चों के साथ घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए. अपने ही परिजनों से लगातार जान मारने की धमकी मिलने से भयभीत रूपेशवर यादव अपने घर में ताला लगाकर पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर भागने को विवश हो गए. हालांकि इस विकट परिस्थिति में उनकी बेटी ने उन्हें अपने साथ रखा है.

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इस संबंध में बताया गया कि यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. रूपेश्वर यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जमीन को अपने दोनों बेटों अशोक यादव और धनशीश यादव के बीच बराबर बराबर बांट दी थी. वह खुद अपने छोटे बेटे धनशीश के साथ ही रहने लगे, लेकिन बड़ा बेटा और उसके परिवारवालों ने बंटवारा को मानने से इंकार कर दिया. इसको लेकर कई बार गांव में पंचायत भी बुलाई गई. इसमें सर्वसम्मति से फैसला भी सुनाया गया. इसके बावजूद बड़े बेटे और उसके परिवार वाले छोटे बेटे की जमीन पर कब्जा किए रहे. इतना ही नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों पर भी मारपीट पर उतारू होने लगे.

इसी बीच बड़े बेटे अशोक यादव के द्वारा कुंए की खुदाई आरंभ करवाई गई. इसमें जंगल से पत्थर लाकर लगाए जा रहे थे. इसकी शिकायत किसी ने वन विभाग से कर दी. ऐसे में अशोक यादव और उसके बेटों को शक हुआ कि धनशीश ने ही इसकी सूचना प्रशासन को दी है. इसी बात को लेकर धनशीश की पिटाई करने लगे. बचाव करने पर रूपेश्वर यादव धनशीश की पत्नी को भी पीटा गया.

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घटना के बाद धनशीश घर छोड़कर गांव से बाहर रहने लगा. रूपेशवर यादव ने बताया कि उनके बेटे धनशीश ने मामले की शिकायत थाने में की. इसके बाद पूरे परिवार पर समझौता करने का दबाव बनाया जाने लगा. मंगलवार को पुलिस के द्वारा दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया था. किसी कारण से जब धनशीश थाना नहीं गया तो अशोक यादव के बेटों ने घर लौटकर उसपर और उसकी पुत्रवधू पर समझौता करवाने का दबाव बनाने लगा और मारपीट करने लगा. इतना ही नहीं बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी गई. धमकी से भयभीत पूरा परिवार घर में ताला लगाकर गांव से भागने पर मजबूर हो गया.

ग्रामीण नंदकिशोर यादव ने बताया कि अशोक यादव का परिवार पंचायत के फैसले को भी नहीं मान रहा है. मारपीट की घटना यहां आम हो गई है. इसी कारण धनशीश और उसके परिवार वाले घर से भाग गए हैं. हालांकि इस पूरे मामले में अशोक यादव का बेटा भूपेश यादव ने कहा कि उन लोगों के द्वारा किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है. वे लोग घर में भी नहीं थे. उन्हें सिर्फ यही पता चला है कि एक परिजन के साथ वे लोग कहीं चले गए हैं. इस संबंध में पूछने पर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि दोनों भाइयों के बीच भूमि विवाद का मामला तो थाने में आया था. लेकिन एक परिवार के घर छोड़ देने की घटना उन्हें अभी ही मिली है. वे पूरे मामले की जांच करवाएंगे.

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