कोडरमा: जंगलों की रक्षा के संकल्प के साथ कोडरमा के सुदूरवर्ती शेरसिंगा जंगल में रक्षा बंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त आदित्य रंजन और डीएफओ सूरज कुमार सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे. जंगल के बीचों-बीच बनी वेदी पर ग्रामीणों ने विधि विधान से वन देवी की पूजा अर्चना की और जंगल बचाने का संकल्प लिया.
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कोडरमा के शेरसिंगा जंगल में पहली बार रक्षाबंधन का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर मौजूद लोगों ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने व जंगलों की रक्षा करने का संकल्प लिया. इस मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पर्यावरण को अब तक हुए नुकसान को लेकर एक मिनट का मौन भी रखा. इन गांवों के लोग खुद ही वनों की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आए.
उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि ग्रामीणों के संकल्प के बाद निश्चित तौर पर इन जंगलो को सुरक्षित और संरक्षित किया जाएगा, साथ ही हर वर्ष त्योहार के रूप में लोग इन जंगलों में पेड़ पौधों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लेंगे और इस अभियान में गांव के सभी लोगों की सहभागिता दिख रही है. वहीं डीएफओ सूरज कुमार सिंह ने कहा कि वनों की कटाई रोकने के लिए लोगों को जंगल के प्रति अपनापन का एहसास होना जरूरी है और लगातार लोग इसके लिए आगे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वनों की सुरक्षा के लिए रक्षाबंधन कार्यक्रम काफी अहम साबित हो रहा है.
शेरसिंगा के ग्रामीणों ने पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधकर उसकी रक्षा का संकल्प लिया. इस मौके पर मौजूद अधिकारियों ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उसके रक्षा का संकल्प लिया. वहीं शेरसिंगा के ग्रामीणों ने भी जंगल में लगे पेड़ों की रक्षा करने का संकल्प लिया और पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधा. पिछले 15 साल से वृक्षों की रक्षा के संकल्प के साथ रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और अब तक कोडरमा जिले में 90 जंगलों को इस कार्यक्रम के तहत संरक्षित और सुरक्षित किया जा चुका है.