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आमरण अनशन पर बैठे राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रोफेसर, प्रबंधन से पांच सूत्री मांग

कोडरमा में राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय के प्रोफेसर का जारी धरना आमरण अनशन में तब्दील हो गया है. कॉलेज के प्रोफेसर्स ने पूर्व प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश यादव पर कई तरह के आरोप लगाए हैं और कॉलेज प्रबंधन अपने पांच सूत्री मांगों को लेकर अड़े हैं.

professor sitting on fast unto death
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Published : Apr 15, 2022, 1:03 PM IST

कोडरमा: राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय स्नातक प्रभाग से जुड़ी पांच सूत्री मांगों को लेकर पिछले 31 मार्च से जारी धरना प्रदर्शन अब आमरण अनशन में तब्दील हो गया है. कॉलेज के प्रोफेसर ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. कॉलेज के शिक्षकों ने पूर्व प्रिंसिपल पर कई तरह के आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

इसे भी पढ़ें: 23 दिनों से भीषण गर्मी में व्यक्ति दे रहा धरना, जानें क्या है मांगें

ये हैं मांग: अपने सहयोगी कर्मचारियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे महाविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि वर्ष 2005 से महाविद्यालय के वित्तीय मामले की जांच करने, पूर्व प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश यादव की ओर से महाविद्यालय की भूमि बिक्री किए जाने की जांच करने की मांग को लेकर उन्होंने आंदोलन का बिगुल फूंका है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश यादव महाविद्यालय के दस्तावेज और अन्य उपस्कर अपने निवास पर रखे हैं. उसे महाविद्यालय कार्यालय में जमा किया जाए. इसके अलावा पूर्व प्राचार्य जयप्रकाश यादव के पास जमा शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति पत्र संबंधित दस्तावेज कर्मचारियों के बीच वितरित किया जाए और वर्षों से लंबित वेतन भुगतान यथाशीघ्र किया जाए. इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन की शुरुआत की है.

आमरण अनशन में प्रोफेसर सतीश कुमार, प्रोफेसर सुनील कुमार दत्ता, प्रोफेसर नीरा सिन्हा, प्रोफेसर सरवर आलम, प्रोफेसर मनोहर शर्मा, प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार, डॉ. गांधी प्रसाद दिवाकर, धनेश्वर यादव, विनोद कुमार दास आदि शामिल हैं. संघ के अध्यक्ष बिरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यदि अनशन के दौरान किसी कर्मचारी के साथ अप्रिय घटना घटती है तो संघ के कर्मचारी के परिजन को एक लाख रुपये नगद और परिवार के एक व्यक्ति को महाविद्यालय में नौकरी दी जाए.

कोडरमा: राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय स्नातक प्रभाग से जुड़ी पांच सूत्री मांगों को लेकर पिछले 31 मार्च से जारी धरना प्रदर्शन अब आमरण अनशन में तब्दील हो गया है. कॉलेज के प्रोफेसर ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. कॉलेज के शिक्षकों ने पूर्व प्रिंसिपल पर कई तरह के आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

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ये हैं मांग: अपने सहयोगी कर्मचारियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे महाविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि वर्ष 2005 से महाविद्यालय के वित्तीय मामले की जांच करने, पूर्व प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश यादव की ओर से महाविद्यालय की भूमि बिक्री किए जाने की जांच करने की मांग को लेकर उन्होंने आंदोलन का बिगुल फूंका है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश यादव महाविद्यालय के दस्तावेज और अन्य उपस्कर अपने निवास पर रखे हैं. उसे महाविद्यालय कार्यालय में जमा किया जाए. इसके अलावा पूर्व प्राचार्य जयप्रकाश यादव के पास जमा शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति पत्र संबंधित दस्तावेज कर्मचारियों के बीच वितरित किया जाए और वर्षों से लंबित वेतन भुगतान यथाशीघ्र किया जाए. इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन की शुरुआत की है.

आमरण अनशन में प्रोफेसर सतीश कुमार, प्रोफेसर सुनील कुमार दत्ता, प्रोफेसर नीरा सिन्हा, प्रोफेसर सरवर आलम, प्रोफेसर मनोहर शर्मा, प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार, डॉ. गांधी प्रसाद दिवाकर, धनेश्वर यादव, विनोद कुमार दास आदि शामिल हैं. संघ के अध्यक्ष बिरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यदि अनशन के दौरान किसी कर्मचारी के साथ अप्रिय घटना घटती है तो संघ के कर्मचारी के परिजन को एक लाख रुपये नगद और परिवार के एक व्यक्ति को महाविद्यालय में नौकरी दी जाए.

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