कोडरमा: बरही से कोडरमा तक फोरलेन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है. जिसके बाद जिले के उरमा में 13 गांवों के सैकड़ों विस्थापितों ने सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे का विरोध करना शुरू कर दिया है. विस्थापितों का कहना है कि सरकार जो मुआवजा दे रही है, वो बहुत कम है.
विस्थापितों द्वारा आयोजित धरना की अगुवाई बरही विधायक मनोज यादव ने किया. इस मौके पर अलग-अलग गांव से आए विस्थापितों ने सरकार की ओर से मिले नोटिस को लेकर चर्चा की. उनका कहना है कि एनएच के फोरलेन निर्माण के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई हैं, वो कही से भी उचित नहीं है. उनका यह भी कहना है कि कॉमर्सियल लैंड का मुआवजा भी कृषि योग्य जमीन के आधार पर तय किया गया है, जो उन्हें मंजूर नहीं है.
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बरही विधायक मनोज कुमार यादव ने कहा कि जो प्रक्रिया मुआवजा के लिए सरकार ने बनाई है, वह गलत है. सभी किस्म की जमीन की कीमत एक ही लगाना किसी तरह से तर्क संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि आज उनके आंदोलन का आगाज है और आगे आंदोलन उग्र होगा.
वहीं, दूसरी तरफ विस्थापितों का कहना है कि फोरलेन विस्तारीकरण के विरोध में उनका आंदोलन नहीं है, लेकिन अगर उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला तो वो जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे.