कोडरमा: सरकारी स्कूलों में बदलाव हो रहा है, कोडरमा में सरकारी स्कूल का कायाकल्प किया जा रहा है. अब सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही नहीं बुनियादी और ढांचागत विकास की दिशा में भी कई काम किए जा रहे हैं. जिससे जिला के सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक माहौल बदल रहा है. ऐसे में कोडरमा का ये सरकारी स्कूल अब निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहा है.
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दीवारों पर पेंटिंग, प्ले ग्राउंड में खेलते बच्चे, झूले पर झूलती छात्राएं और ट्रेन के डिब्बों के शक्ल में बने क्लास रूम. ऐसी तस्वीर देखने के बाद मन में सिर्फ निजी और किसी नामचीन स्कूल नाम उभरकर सामने आता है. इस माहौल को देखकर शायद यह लग रहा होगा कि ये कोई निजी विद्यालय है. लेकिन आपको बता दें कि ये तस्वीर किसी प्राइवेट स्कूल की नहीं है. यह कोडरमा का सुदूरवर्ती इलाके में स्थित गोदखर उत्क्रमित उच्च विद्यालय है.
नो कॉस्ट और लो कॉस्ट से स्कूलों का कायाकल्पः जिला में और भी कई ऐसे सरकारी विद्यालय हैं जहां नो कॉस्ट और लो कॉस्ट पर आधारभूत संरचनाओं में बदलाव किया जा रहा है. इसके साथ ही स्कूलों का शैक्षणिक माहौल भी बदल रहा हैं. बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा, पढ़ाई का उचित माहौल, पढ़ाई से संबंधित लैब और लाइब्रेरी, कंप्यूटर ऐसी तमाम संसाधन यहां मौजूद हैं. कोडरमा डीसी आदित्य रंजन भी मानते हैं कि सामूहिक प्रयास से सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सुधार हो रहा है.
आधुनिक हो रहे सरकारी स्कूलः इस स्कूल में लाइब्रेरी से लेकर लैब तक है. इसके साथ ही अलग अलग क्लास रूम के अलावा मोटिवेशनल रूम, डिजिटल रूम, कंप्यूटर रूम, इंडोर गेम रूम और किचन गार्डन भी बनाए गए हैं. साथ ही नो कॉस्ट और लो कॉस्ट पर हर चीज के रख-रखाव की व्यवस्था भी की गई है. स्कूल की आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में यहां के शिक्षकों को ग्रामीणों का भरपूर सहयोग भी मिलता रहता है.
बच्चों को रास आ रहा पढ़ाई का माहौलः सरकारी स्कूलों में बदलाव की यह तस्वीर देख स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ रही है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट रेल और प्रोजेक्ट इंपैक्ट चलाया जा रहा है. जिसके तहत हर शनिवार को छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के मूल्यांकन को लेकर टेस्ट भी लिया जाता है और प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत गतिविधि आधारित शिक्षा दी जा रही है. सरकारी स्कूलों का यह बदलता माहौल छात्र-छात्राओं को अब रास आ रहा है.
एक्सट्रा कैरिकूलर एक्टिविटी पर जोरः पढ़ाई लिखाई के साथ आधारभूत संरचनाओं में बदलाव के अलावा दूसरी गतिविधियों में भी इस स्कूल के छात्र छात्राओं को भाग लेने का मौका मिल रहा है. इस स्कूल में कई ऐसे छात्र भी हैं जो निजी स्कूलों से नाम कटवा कर यहां दाखिला के लिए आ रहे हैं. अब उन्हें यहां की व्यवस्था प्राइवेट स्कूल से बेहतर लग रही है. स्कूली छात्राओं के मुताबिक हर क्षेत्र में स्कूल का माहौल बदल रहा है.
कोडरमा जिला में 677 सरकारी स्कूल है. इन सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल और आधारभूत संरचनाओं को बेहतर करने वाले स्कूलों को जिला प्रशासन की ओर से प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. जिन स्कूलों में नो कॉस्ट और लो कॉस्ट पर छोटे बड़े कार्य खुद स्कूल स्तर पर कराए जा रहे हैं. उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से कई मदद भी की जा रही है ताकि स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाया जा सके.