कोडरमा: ग्रीन एनर्जी और रिन्यूअल एनर्जी के जरिए देश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है. इस दिशा में कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में भी 10 मेगावाट का ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है. प्लांट के खाली पड़े भूभाग में 6 स्थानों पर सोलर प्लांट के लिए सोलर प्लेट और बैकअप सोर्स के साथ अन्य संसाधनों को स्थापित किया जा रहा है.
2 मेगावाट का प्लांट तैयार : कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में 10 मेगावाट में से 2 मेगावाट की सोलर आधारित बिजली उत्पादन की क्षमता तैयार कर ली गई है. कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के परियोजना प्रमुख दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि 2 मेगावाट सोलर आधारित बिजली उत्पादन की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि जब पूरी तरह से 10 मेगावाट सोलर पावर प्लांट तैयार कर लिया जाएगा, तब इसके जरिए उत्पादित बिजली को ग्रीड में सप्लाई किया जाएगा.
प्लांट के परियोजना प्रमुख ने क्या कहा: प्लांट के परियोजना प्रमुख दिलीप सिंह ने बताया कि आने वाला समय ग्रीन एनर्जी और रिन्यूअल एनर्जी का है. इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाकी 8 मेगावाट के लिए चिन्हित स्थानों में सोलर पैनल स्थापित किया जा रहा है. कहा कि ये आने वाले एक से दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा.
सोलर एनर्जी के ये हैं फायदे: सोलर एनर्जी की बात करें तो यह सूर्य की रोशनी से प्राप्त एनर्जी है. जिसे सोलर पैनल की मदद से एकत्रित किया जाता है. इसके बाद इसका उपयोग बिजली के श्रोत के रूप में किया जाता है. पिछले कुछ समय में भारत में सोलर एनर्जी का प्रयोग तेजी से बढ़ा है. अब कोडरमा के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे.