कोडरमा: विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजिन किया गया. समारोह के दौरान जिले के 50 गांवों को शत प्रतिशत साक्षर होने की विधिवत घोषणा की गई. बता दें कि पढ़ता कोडरमा बढ़ता कोडरमा की परिकल्पना के साथ शुरू किए गए साक्षरता अभियान के गुरुवार को 6 माह पूरे हो गए हैं. इन छह माह में 50 गांव पूरी तरह से साक्षर हो गए हैं. इस गांव के हर उम्र के लोग पढ़ना लिखना जान गए हैं. 15 नवंबर तक 100 गांव और अगले साल 15 अगस्त तक सभी गांव को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि लोग साक्षर होंगे तो अपने अधिकार से अवगत होंगे.
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विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर कोडरमा के बिरसा सांस्कृतिक सभागार में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में साक्षरता से जुड़े नाटक का मंचन किया गया. वहीं, कार्यक्रम में विभिन्न गांवों से आए लोगों ने स्लेट पर अपना नाम लिखकर अपने गांव के साक्षर होने की बानगी बयां की. सतगावां प्रखंड के मनोज राय ने स्लेट पर अपना नाम लिखने के बाद बताया कि अब तक उसे लोग अंगूठा छाप जानते थे. लेकिन अब वह नाम लिखना जान गए है और इस बात कि उसे बहुत खुशी है.
सिर्फ मनोज ही नहीं, बल्कि मरकच्चो, जयनगर, डोमचांच, चंदवारा और कोडरमा प्रखंड के दर्जनों गांव पूरी तरह से साक्षर हो चुके हैं. छोटे-छोटे बच्चे अपनी नानी दादी को उम्र के इस पड़ाव में साक्षर बनाने में अहम योगदान निभा रहे हैं, जिससे महिलाएं काफी खुश हैं. महिला मालती देवी कहती हैं कि वह अपने नाम के साथ अपने पति का नाम भी लिखना सीख गई है. बता दें कि लोग साक्षर होंगे तो गांव भी साक्षर होगा. इसके साथ ही देश की साक्षरता दर भी बढ़ेगी.