कोडरमा: जिले में 18 सरकारी विद्यालयों को नो कॉस्ट और लो कॉस्ट के आधार पर मॉडल स्कूल (Model School) के रूप में तब्दील किया जा रहा है. आने वाले समय में इन मॉडल स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर सुविधा होगी.
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जिले के सभी 18 सरकारी विद्यालयों में शिक्षा और खेलकूद की बेहतर व्यवस्था की जाएगी. वहीं बच्चों को डिजिटल क्लास और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी वहां घंटी आधारित शिक्षक बहाल किए जाएंगे. आने वाले समय में ये सरकारी विद्यालय प्राइवेट विद्यालयों को हर क्षेत्र में मात देंगे.
सरकारी स्कूलों में दिखने लगी मॉडल स्कूल की तस्वीर
कोडरमा के कई स्कूलों में पिछले कुछ दिनों के प्रयास के बाद मॉडल स्कूल की तस्वीर भी नजर आने लगी है. कोडरमा के परियोजना उच्च विद्यालय में नवमी और दशवीं की छात्राएं पढ़ाई और कंप्यूटर शिक्षा के अलावा खो-खो और कबड्डी में भी पारंगत हासिल करने में जुटी हैं. इन स्कूलों में किचन गार्डन बनाया जा रहा है, साथ ही स्वच्छता और अनुशासन पर खासा ध्यान दिया जा रहा है. निजी स्कूलों में एक-एक बच्चों पर जिस तरह से विशेष ध्यान दिया जाता है, उसी तरह से कोडरमा के सरकारी स्कूलों में भी पढ़ने वाले बच्चे अपने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के रूप में देख रहे हैं. स्कूलों में अभी से ही बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का बेहतर माहौल मिल रहा है.
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मॉडल स्कूल बनाने की प्रक्रिया शुरू
जिले के 18 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में तब्दील करने के लिए चयनित किया गया है और जो स्कूल नो कॉस्ट और लो कॉस्ट पर मॉडल्स स्कूल की रूपरेखा में खुद को ढाल लेंगे उन स्कूलों में हाई कॉस्ट पर अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. मॉडल स्कूल में प्ले ग्राउंड, टेनिस कोर्ट और डिजिटल लाइब्रेरी बनाए जाएंगे, साथ ही आधारभूत संरचनाओं में भी कई बदलाव किए जाएंगे. परियोजना बालिका उच्च विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि अगले साल वह अपनी बेटी का एडमिशन भी छठी क्लास में इसी स्कूल में कराएंगे.