कोडरमा: जिला में स्थित कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में 10 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. इस साल जून महीने तक सोलर पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बता दें कि पिछले साल नवंबर के महीने में डीवीसी के चेयरमैन रामनरेश सिंह ने कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में 10 मेगावाट वाले ग्राउंड माउंटेड सोलर प्लांट का शिलान्यास किया था. वहीं कोडरमा में विद्युत उत्पादन को लेकर क्षेत्र के लोगों में हर्ष है.
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सोलर प्लांट के निर्माण के लिए 60 एकड़ की जमीन चिह्नितः सोलर प्लांट का निर्माण कराने के लिए कोडरमा थर्मल पावर प्लांट परिसर में चार स्थान चिह्नित किए गए हैं. जहां एक मेगावाट के सोलर प्लांट के लिए छह एकड़ भूमि की आवश्यकता है. ऐसे में सोलर प्लांट के लिए प्लांट परिसर में 60 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है. इसके अलावा 800-800 मेगावाट के दो यूनिट के लिए भी जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. 800-800 मेगावाट के दो यूनिट की स्थापना के लिए ऊर्जा मंत्रालय की ओर से मंजूरी मिल गई है. एडवाइजरी जारी होते ही उस पर जल्द कार्य शुरू हो जाएगा.
2600 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्यः इस संबंध में कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के नए चीफ इंजीनियर डीके सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि अभ्रख नगरी के नाम से जाना जाने वाला कोडरमा, अब विद्युत नगरी के नाम से जाना जाएगा. आने वाले समय में कोडरमा का यह पावर प्लांट डीवीसी का सबसे बड़ा पावर प्लांट होगा, जहां 2600 मेगावाट बिजली उत्पादित की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 10 मेगावाट सोलर पावर प्लांट से अतिरिक्त विद्युत का उत्पादन किया जाएगा. फिलहाल कोडरमा पावर प्लांट से 500-500 की दो यूनिट से 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कोडरमा में बिजली संकट खत्म हो सकती है.