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मनरेगा में गड़बड़ी, कुआं निर्माण की आड़ में निकाला ढाई लाख, रिकवरी के साथ कार्रवाई का आदेश

खूंटी में मनरेगा में कुआं निर्माण की आड़ में लगभग ढाई लाख की निकासी कर ली गई है. बता दें कि जिस जगह पर कुआं का निर्माण होना था वहां न होकर दूसरे स्थान पर करा दिया गया. अब इस मामले में बीडीओ ने जांच का आदेश दिया है.

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Published : Jun 5, 2020, 3:06 AM IST

Scam in well construction in khunti, खूंटी में मनरेगा घोटाला
मनरेगा योजना के तहत बनाया गया कुआं

खूंटी: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में कुआं निर्माण की आड़ में लगभग ढाई लाख की निकासी कर ली गई है. अड़की प्रखंड क्षेत्र के पुरनानगर में मनरेगा के तहत एक कुआं का निर्माण कार्य होना था, लेकिन जिस स्थल पर होना चाहिए वहां न करके मुखिया, ग्राम सेवक और पंचायत सेवक की मिलीभगत से ऐसी जगह कुआं का निर्माण करवा दिया गया जहां किसी को जरूरत नहीं.

देखें पूरी खबर

बीडीओ ने जांच करवाया

वहीं, ग्रामीणों ने बीडीओ से शिकायत की. शिकायत के अनुसार, जब बीडीओ ने जांच करवाया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया. जांच रिपोर्ट मिलते ही बीडीओ गौतम साहू ने मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक को तत्काल रिकवरी का आदेश दिया है. बीडीओ ने बताया कि एक सप्ताह का समय दिया गया है. अगर समय पर उक्त राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ जमा नहीं करते हैं तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- सरायकेला: दो नक्सलियों ने किया सरेंडर, महिला नक्सली भी शामिल

होगी कार्रवाई
फिलहाल, रोजगार सेवक जगदीश सिंह मुंडा को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि पंचायत सचिव पंचनद रजक, मुखिया सुनीता देवी और उसके पति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. बीडीओ ने बताया कि राशि भले विभाग को दे दें, लेकिन इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी ताकि क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि योजनाओं में गड़बड़ी न करें और सरकारी पैसे का दुरुपयोग न कर सकें.

खूंटी: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में कुआं निर्माण की आड़ में लगभग ढाई लाख की निकासी कर ली गई है. अड़की प्रखंड क्षेत्र के पुरनानगर में मनरेगा के तहत एक कुआं का निर्माण कार्य होना था, लेकिन जिस स्थल पर होना चाहिए वहां न करके मुखिया, ग्राम सेवक और पंचायत सेवक की मिलीभगत से ऐसी जगह कुआं का निर्माण करवा दिया गया जहां किसी को जरूरत नहीं.

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बीडीओ ने जांच करवाया

वहीं, ग्रामीणों ने बीडीओ से शिकायत की. शिकायत के अनुसार, जब बीडीओ ने जांच करवाया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया. जांच रिपोर्ट मिलते ही बीडीओ गौतम साहू ने मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक को तत्काल रिकवरी का आदेश दिया है. बीडीओ ने बताया कि एक सप्ताह का समय दिया गया है. अगर समय पर उक्त राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ जमा नहीं करते हैं तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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होगी कार्रवाई
फिलहाल, रोजगार सेवक जगदीश सिंह मुंडा को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि पंचायत सचिव पंचनद रजक, मुखिया सुनीता देवी और उसके पति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. बीडीओ ने बताया कि राशि भले विभाग को दे दें, लेकिन इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी ताकि क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि योजनाओं में गड़बड़ी न करें और सरकारी पैसे का दुरुपयोग न कर सकें.

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