खूंटी: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रक्षाशक्ति विश्विद्यालय के लिए बनाए गए पूर्व नक्शे में सड़क 3.53 सरकारी जमीन पर बनाना चाहिए था, लेकिन अब 5.5 एकड़ जमीन सड़क निर्माण कराया जा जा रहा है, जिससे सरकार को अतिरिक्त राशि ग्रामीणों को मुआवजा के रूप में देनी पड़ेगी. वो भी सिर्फ ग्रामीण विकास प्रमंडल और उसके संवेदकों के गलती के कारण. मामला उस समय सामने आया जब जिले के एलआरडीसी और सीओ सड़क निर्माण का विरोध कर रहे ग्रामीणों से मिलने पहुंचे. अधिकारियों ने पहले सड़क बन रहे रास्ते का निरीक्षण किया, तो देखा कि एक एकड़ अतिरिक्त भूमि पर सड़क का निर्माण हो रहा है.
नॉलेज सिटी प्रोजेक्ट एरिया
खूंटी में नॉलेज सिटी प्रोजेक्ट एरिया में सड़क निर्माण मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है. रेवा मौजा के 40 से ज्यादा रैयतों ने मुआवजे को लेकर सड़क निर्माण कार्य ठप्प कर रखा है. सड़क निर्माण कार्य के ठप्प करने के मामले पर जिला अपर समाहर्त्ता, अंचलाधिकारी और सहायक अभियंता प्रोजेक्ट स्थल पहुंचे, जहां स्थानीय रैयतों ने कहा कि हम लोग विकास विरोधी नहीं है, लेकिन जिन रैयतों की जमीन में सड़क निर्माण का कार्य जारी है उनकों सड़क निर्माण कार्य की समाप्ति से पूर्व मुआवजा का भुगतान कर दिया जाए.
सड़क निर्माण कार्य
नॉलेज सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के लिए तीन किलोमीटर सड़क निर्माण को लेकर है. उक्त सड़क निर्माण में जा रहा रैयतों की जमीन का मुआवजा सरकार नहीं दे पाई है और इस प्रकार दो वर्षों से मामले पर टाल मटोल कर रैयतों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसमें सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले मुआवजा फिर काम. क्योंकि इसी को लेकर इस बार सड़क निर्माण करने के लिए टेंडर निकालकर काम भी शुरू हो गया. काम चालू हो जाना और भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित ग्रामीणों ने बैरियर लगाकर निर्माण कार्य को अवरुद्ध कर दिया है. इधर, भूमि अधिग्रहण का एक मामला और फंस गया है, जिससे सरकार को चूना लगना तय है.
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मुआवजा नहीं मिलने तक कार्य रहेगा बंद
पूर्व में बनाए नक्शे में सड़क 3.53 सरकारी जमीन पर बनाना चाहिए था, लेकिन अब 5.5 एकड़ जमीन सड़क निर्माण के तहत जा रहा है. इस तरह लगभग 1.5 एकड़ जमीन अधिक अधिग्रहण करना पड़ा रहा है. जिससे सरकार की राशि का भी दुरुपयोग होना तय है. वर्तमान में सड़क निर्माण कार्य न तो चिन्हित भूमि पर की जा रही है और न ही सरकारी जमीन पर. इससे सरकार को रैयतों से भी अतिरिक्त जमीन लेना पड़ रहा है. इस तरह चिन्हित जमीन में कार्य नहीं होने से मुआवजे पर भी परेशानी आ गई है. यह निर्माण कार्य ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल की तरफ से किया जा रहा है. जिस कार्य के पूरा मुआयना संबंधित अभियंता की ओर से कराया गया है. कार्य के रुक जाने से और ग्रामीणों के विरोध होने से ग्रामीणों को समझाने और समानता स्थापित करने के लिए खूंटी जिला अपर समाहर्त्ता जितेंद्र मुंडा, अंचलाधिकारी विनोद कुमार प्रजापति और सहायक अभियंता ललन सिंह की तरफ से उक्त स्थल पर जाकर ग्रामीणों से बातचीत की, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि जब तक मुआवजा नहीं तब तक कार्य बद रहेगा.