ETV Bharat / state

राष्ट्रपति के खूंटी आगमन को लेकर अंतिम चरण में तैयारियां, जुटा है पूरा सरकारी महकमा - Khunti News

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के खूंटी आगमन (President Draupadi Murmu Khunti Visit) को लेकर तैयारियां लगभग अंतिम चरण पर हैं. पूरा सरकारी महकमा खूंटी को खिलखिलाता खूंटी बनाने की तैयारियों में जुटा है. कार्यक्रम अभूतपूर्व हो इसके प्रयास प्रशासन की ओर से लगातार किये जा रहे हैं.

President Draupadi Murmu Khunti Visit
President Draupadi Murmu Khunti Visit
author img

By

Published : Nov 14, 2022, 1:23 PM IST

खूंटी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खूंटी आगमन (President Draupadi Murmu Khunti Visit) को लेकर जिला प्रशासन जोर शोर से तैयारियों में लगा हुआ है. भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में तैयारियां तो चल ही रही है, साथ ही भगवान बिरसा मुंडा के उस स्थल पर भी तैयारियां की जा रही है, जहां अंग्रेजी फौज ने जालियांवाला बाग की तरह गोलियां चलाई थी. इस गोलीकांड में लगभग 400 आदिवासियों की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: झारखंड स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जानें नया शेड्यूल

दरअसल, भगवान बिरसा मुंडा सईल रकब पहाड़ी पर अपने हजारों अनुयायियों के साथ बैठक कर अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बना रहे थे. इसी दौरान अचानक अंग्रेजी फौज ने डोंबारीबुरु के सईल रकब पहाड़ी को घेर लिया और अंधाधुध गोलियां चला दी. इसमें लगभग 400 आदिवासियों की मौत हो गई थी. लेकिन,अनुयायियों ने बिरसा मुंडा को सुरक्षित बचा लिया था. डोंबारीबुरु में शहीदों की स्मृति में एक विशाल स्तूप बनाया गया है और नीचे बिरसा मुंडा की प्रतिमा है. इस स्थल पर भी साफ सफाई से लेकर झाड़ियों की कटाई और रंगाई का काम चल रहा है. दूरस्थ इलाका होने के कारण प्रशासनिक अमला लगातार डोंबारीबुरु जाकर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.

देखें वीडियो


बिरसा मुंडा की कर्मस्थली डोंबारीबुरु जंगलों और पहाड़ों से घिरा होने के कारण काफी खूबसूरत दिखता है. प्रशासन इसे लंबे समय से पर्यटक स्थल बनाने की कोशिश में है. बीडीओ ने बताया कि कश्मीर, शिमला, कुल्लू, मनाली और लद्दाख जैसे जगहों पर पर्यटकों का आना जाना है लेकिन, बिरसा की कर्मस्थली भी कश्मीर से कम नहीं. उन्होंने कहा कि अगर इसे विकसित किया जाए तो विदेशी पर्यटकों के आने से राजस्व बढ़ेगा और यहां का विकास होगा.


आदिवासियों में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती धूमधाम से मनाई जाती रही है. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन झारखंड की स्थापना हुई थी और उसी दिन उनकी कर्मस्थली डोंबारीबुरु में भी विशेष पूजा की जाती रही है. वैसे तो डोंबारीबुरु में कभी मंत्री, कभी सांसद कभी विधायक समेत राज्य स्तरीय सचिवों का दौरा होता रहा है लेकिन, इस बार 15 नवंबर को देश की राष्ट्रपति खूंटी आ रही हैं, इसलिए यह खूंटी के लिए ऐतिहासिक दिन होगा. इस दिन केंद्र और राज्य के कई माननीयों का खूंटी दौरा तय पाया गया है. इस दिन यहां भारी संख्या में लोगों के जुटान की भी संभावना है.

खूंटी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खूंटी आगमन (President Draupadi Murmu Khunti Visit) को लेकर जिला प्रशासन जोर शोर से तैयारियों में लगा हुआ है. भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में तैयारियां तो चल ही रही है, साथ ही भगवान बिरसा मुंडा के उस स्थल पर भी तैयारियां की जा रही है, जहां अंग्रेजी फौज ने जालियांवाला बाग की तरह गोलियां चलाई थी. इस गोलीकांड में लगभग 400 आदिवासियों की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: झारखंड स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जानें नया शेड्यूल

दरअसल, भगवान बिरसा मुंडा सईल रकब पहाड़ी पर अपने हजारों अनुयायियों के साथ बैठक कर अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति बना रहे थे. इसी दौरान अचानक अंग्रेजी फौज ने डोंबारीबुरु के सईल रकब पहाड़ी को घेर लिया और अंधाधुध गोलियां चला दी. इसमें लगभग 400 आदिवासियों की मौत हो गई थी. लेकिन,अनुयायियों ने बिरसा मुंडा को सुरक्षित बचा लिया था. डोंबारीबुरु में शहीदों की स्मृति में एक विशाल स्तूप बनाया गया है और नीचे बिरसा मुंडा की प्रतिमा है. इस स्थल पर भी साफ सफाई से लेकर झाड़ियों की कटाई और रंगाई का काम चल रहा है. दूरस्थ इलाका होने के कारण प्रशासनिक अमला लगातार डोंबारीबुरु जाकर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.

देखें वीडियो


बिरसा मुंडा की कर्मस्थली डोंबारीबुरु जंगलों और पहाड़ों से घिरा होने के कारण काफी खूबसूरत दिखता है. प्रशासन इसे लंबे समय से पर्यटक स्थल बनाने की कोशिश में है. बीडीओ ने बताया कि कश्मीर, शिमला, कुल्लू, मनाली और लद्दाख जैसे जगहों पर पर्यटकों का आना जाना है लेकिन, बिरसा की कर्मस्थली भी कश्मीर से कम नहीं. उन्होंने कहा कि अगर इसे विकसित किया जाए तो विदेशी पर्यटकों के आने से राजस्व बढ़ेगा और यहां का विकास होगा.


आदिवासियों में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती धूमधाम से मनाई जाती रही है. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन झारखंड की स्थापना हुई थी और उसी दिन उनकी कर्मस्थली डोंबारीबुरु में भी विशेष पूजा की जाती रही है. वैसे तो डोंबारीबुरु में कभी मंत्री, कभी सांसद कभी विधायक समेत राज्य स्तरीय सचिवों का दौरा होता रहा है लेकिन, इस बार 15 नवंबर को देश की राष्ट्रपति खूंटी आ रही हैं, इसलिए यह खूंटी के लिए ऐतिहासिक दिन होगा. इस दिन केंद्र और राज्य के कई माननीयों का खूंटी दौरा तय पाया गया है. इस दिन यहां भारी संख्या में लोगों के जुटान की भी संभावना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.