रांची: भाकपा माओवादियों के लिए काम करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर एनआईए के रडार पर हैं. बुधवार को ओवर ग्राउंड वर्कर होने के संदेह में एनआईए की टीम ने खूंटी जिले के तिरला गांव में दबिश दी. तिरला गांव में एनआईए की टीम ने संजय मुंडा के घर पर छापेमारी की और उससे पूछताछ की.
गिरफ्तार नक्सली अब्राहम मुंडा का करीबी है संजय: मिली जानकारी के अनुसार संजय मुंडा को पूर्व में गिरफ्तार अब्राहम मुंडा का करीबी माना जाता है. अब्राहम भी भाकपा माओवादियों का ओवर ग्राउंड वर्कर रहा है, फिलहाल वह जेल में बंद है. एनआईए टीम ने मौके से संजय मुंडा का एक एयरगन, बंदूक और मोबाइल जब्त किया है. एनआईए ने संजय को गुरुवार को रांची स्थित एनआईए के ब्रांच आफिस में आने का नोटिस भी दिया है. गुरुवार को एनआईए संजय से विस्तृत पूछताछ करेगी. ओवर ग्राउंड वर्कर जिसे संक्षेप में ओजीडब्ल्यू कहा जाता है. ये आम लोगों के बीच रहकर नक्सलियों के लिए काम करते हैं. किसी नक्सल वारदात को अंजाम देने के लिए ये नक्सलियों के लिए जमीन भी तैयार करते हैं. पुलिस के मूवमेंट की सूचना के साथ-साथ नक्सलियों को पनाह देने का भी काम इनके द्वारा किया जाता है.
सरायकेला- खरसांवा के कुकरूहाट केस में कार्रवाई: एनआईए सूत्रों के मुताबिक, सरायकेला- खरसांवा के कुकरूहाट साप्ताहिक बाजार में 14 जून 2019 को भाकपा माओवादियों ने हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पुलिस ने भाकपा माओवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. बाद में इस केस को एनआईए ने टेकओवर कर लिया था. इस कांड में माओवादियों के ओवर ग्राउंड वर्कर रहे अब्राहम की गिरफ्तारी हुई थी. अब्राहम माओवादियों को रसद और गोला बारूद की सप्लाई किया करता था. इसी मामले में एनआईए को कुछ और ओवरग्राउंड वर्कर की जानकारी मिली है जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है.