खूंटीः नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उसकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में तीन दिवसीय बंद के दौरान रनिया इलाके में पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने का काम नक्सलियों के समर्थकों ने किया था. Naxal band के दौरान दहशत फैलाने के लिए पोस्टरबाजी की गई थी. पोस्टरबाजी से ग्रामीण इलाकों में खौफ का माहौल बन गया था. पुलिस ने पोस्टरबाजी करने वालों को चिन्हित करते हुए तीन नक्सल समर्थकों को रनिया इलाके से गिरफ्तार कर लिया है. इन आरोपियों के नाम नियरजन होरो निवासी हतनादा, अजीत तोपनो उर्फ काना निवासी हालोम और मुकेश गुड़िया निवासी गुटूहातु बताए गए हैं.
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एसपी आशुतोष शेखर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नक्सल बंदी की पूर्व रात्रि रनिया थाना अन्तर्गत विभिन्न जगहों पर नक्सली पर्चे एवं बैनर लगाए गए थे. बैनर पोस्टर लगाए जाने को लेकर पुलिस ने रनिया थाना में कांड दर्ज किया था और आरोपियों के शिनाख्त में जुटी थी. कांड संख्या 53 / 21 के तहत जांच टीम ने अनुसंधान में आए तथ्यों के आधार पर विभिन्न जगहों पर छापामारी की और वारदात में शामिल तीन व्यक्तियों को नक्सली पर्चे के साथ गिरफ्तार किया.
पूछताछ के दौरान इन लोगों ने इस घटना में अपनी-अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि गुदड़ी थानान्तर्गत टेमना का रितेश लुगून जो करीब 10 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़ा है, उसी ने इन लोगों और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर माओवादी बैनर-पर्चे रनिया क्षेत्र में लगाए थे. पुलिस ने आरोपियों को नक्सली पर्चा और दो मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया है.
छापामारी टीम में ये शामिल रहे
छापामारी टीम में डीएसपी ओम प्रकाश तिवारी, सीआरपीएफ 94 बटालियन के सहायक समादेष्टा राजेन्द्र भंडारी, तोरपा इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, रनिया थानेदार रोशन कुमार सिंह, पुअनि संदीप कुमार, पुअनि निशांत केरकेट्टा, क्यूएटी तोरपा, व तोरपा डीएसपी अंगरक्षक समेत सशस्त्र बल एवं सीआरपीएफ 94 बटालियन के जवान शामिल थे.