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खूंटी: शिक्षकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर DSE के खिलाफ आंदोलन का एलान, न्याय की कर रहें मांग - खूंटी में शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार

खूंटी में शिक्षकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और किये गए शिकायत के बाद वेतन कटौती को लेकर डीएसई (जिला शिक्षा अधीक्षक) के खिलाफ शिक्षकों ने एकजुटता दिखाते हुए आंदोलन करने का एलान किया है. लिखित आवेदन देकर डीएसई ने रवैये पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है.

Movement against DSE over misbehavior with teachers in khunti
शिक्षक
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Published : Jul 19, 2020, 1:57 PM IST

खूंटी: अखिल झारखंड शिक्षक संघ ने भी शिक्षकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, प्रताड़ना की निंदा करते हुए डीएसई को हटाने की मांग की है. इसके साथ ही संघ ने कहा है कि शिक्षकों को जिस तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है वो बंद हो. शिक्षकों के शिकायत के बाद डीएसई ने जो स्पष्टीकरण मांगा है उसे वापस ले. इसके साथ ही एक माह का वेतन कटौती का आदेश भी वापस लें. अगर डीएसई नहीं माने तो उनके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

कोरोना संक्रमण काल मे शिक्षकों की रोटर आधारित ड्यूटी निर्धारित है. इसके बावजूद डीएसई रोस्टर आधारित ड्यूटी पर भी सवाल उठा रहे हैं. शिक्षक कोरोना काल मे कभी सड़क में ड्यूटी कर रहे हैं. कभी राशन वितरण में राशन डीलरों की जांच में लगे है तो कभी बच्चों के गांव-गांव तक जाकर बच्चों के मध्याह्न भोजन की राशि का वितरण भी कर रहे हैं लेकिन डीएसई शिक्षकों के साथ विगत छह माह से भयादोहन में लगे हैं. अखिल झारखंड शिक्षक संघ ने डीएसई पर भयादोहन करने का भी आरोप लगाया है. कहा है कि डीएसई पेंशन पाने वाले शिक्षकों से वसूली भी करते हैं, नहीं देने पर उनका पेंशन रोक दिया जाता है.

ये भी देखें- पूर्व सीएम के विज्ञापन पर सरयू राय ने उठाया सवाल, हेमंत सोरेन से की जांच की मांग

डीएसई ने साधी चुप्पी

इधर डीएसई महेंद्र पांडे से जब ईटीवी की टीम ने बात करनी चाही तो वो कुछ भी बताने से परहेज करते रहे. एक ही बात बार-बार कह रहे थे जो आदेश दिया है वही है उसके अलावा कुछ नहीं कहना.

इंसाफ की मांग

शिक्षकों ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान ईमानदारी से काम करने का दावा कर रहे हैं लेकिन डीएसई महेंद्र पांडे उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. शिक्षकों ने इसे गलत करार देते हुए इस पर अंकुश लगाने की मांग की है. इसके साथ ही शिक्षकों की मांग है कि उन्हें इंसाफ चाहिए. डीएसई से प्रताड़ित शिक्षकों ने डीसी को लिखित आवेदन देकर डीएसई ने रवैये पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है.

खूंटी: अखिल झारखंड शिक्षक संघ ने भी शिक्षकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, प्रताड़ना की निंदा करते हुए डीएसई को हटाने की मांग की है. इसके साथ ही संघ ने कहा है कि शिक्षकों को जिस तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है वो बंद हो. शिक्षकों के शिकायत के बाद डीएसई ने जो स्पष्टीकरण मांगा है उसे वापस ले. इसके साथ ही एक माह का वेतन कटौती का आदेश भी वापस लें. अगर डीएसई नहीं माने तो उनके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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कोरोना संक्रमण काल मे शिक्षकों की रोटर आधारित ड्यूटी निर्धारित है. इसके बावजूद डीएसई रोस्टर आधारित ड्यूटी पर भी सवाल उठा रहे हैं. शिक्षक कोरोना काल मे कभी सड़क में ड्यूटी कर रहे हैं. कभी राशन वितरण में राशन डीलरों की जांच में लगे है तो कभी बच्चों के गांव-गांव तक जाकर बच्चों के मध्याह्न भोजन की राशि का वितरण भी कर रहे हैं लेकिन डीएसई शिक्षकों के साथ विगत छह माह से भयादोहन में लगे हैं. अखिल झारखंड शिक्षक संघ ने डीएसई पर भयादोहन करने का भी आरोप लगाया है. कहा है कि डीएसई पेंशन पाने वाले शिक्षकों से वसूली भी करते हैं, नहीं देने पर उनका पेंशन रोक दिया जाता है.

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डीएसई ने साधी चुप्पी

इधर डीएसई महेंद्र पांडे से जब ईटीवी की टीम ने बात करनी चाही तो वो कुछ भी बताने से परहेज करते रहे. एक ही बात बार-बार कह रहे थे जो आदेश दिया है वही है उसके अलावा कुछ नहीं कहना.

इंसाफ की मांग

शिक्षकों ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान ईमानदारी से काम करने का दावा कर रहे हैं लेकिन डीएसई महेंद्र पांडे उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. शिक्षकों ने इसे गलत करार देते हुए इस पर अंकुश लगाने की मांग की है. इसके साथ ही शिक्षकों की मांग है कि उन्हें इंसाफ चाहिए. डीएसई से प्रताड़ित शिक्षकों ने डीसी को लिखित आवेदन देकर डीएसई ने रवैये पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है.

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