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एक नाबालिग से दो साल में दो बार गैंगरेप, पहले नक्सली फिर चार युवकों ने बनाया शिकार

खूंटी में एक नाबालिग लड़की से दो साल में दो बार गैंगरेप (Gang Rape) हुआ. पहले नक्सलियों ने अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया. जबकि बुधवार को चाकू की नोंक पर 4 युवक ने अपहरण कर उसे अपना शिकार बनाया.

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मूरहू थाना
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Published : Jun 24, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 9:22 PM IST

खूंटीः जिला में बुधवार को शर्मनाक घटना सामने आई, जिसमें दो लड़की आदिवासी के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) हुआ. इसमें एक नाबालिग लड़की भी शामिल है, जो पहले भी नक्सलियों का शिकार हो चुकी थी.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Crime: दो आदिवासी युवती से गैंगरेप, खेत में छोड़ फरार हुए आरोपी

अक्टूबर 2019 में पीएलएफआई (PLFI) के कुछ नक्सलियों ने हथियार के बल पर जंगल ले जाकर नाबालिग से गैंगरेप किया था. उस वक्त लड़की 14 वर्ष की थी और मानसिक तौर पर अस्वस्थ थी. जिसकी वजह से सीडब्ल्यूसी (CWC) की निगरानी में पीड़िता का रिनपास (RINPAS) में इलाज चल रहा था. पीड़िता के ठीक होने पर वर्ष 2019 में केस दर्ज किया गया. उस वक्त पीड़िता के बयान पर दर्ज हुई प्राथमिकी में बताया गया कि 10 से 12 लोगों ने बंदूक की नोंक पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.

जानकारी देते CWC के सदस्य

पहले नक्सली फिर युवकों ने बनाया शिकार

दुष्कर्म के बाद पीड़िता को नक्सलियों (Naxalites) ने धमकाया था कि किसी को बताओगी तो जान से मार देंगे. इस घटना में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई. हालांकि कुछ दिन पूर्व सुलेमान पूर्ति नामक युवक को अड़की पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसे इस सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी बताया गया था. दूसरी घटना उसी पीड़िता के साथ 2021 में जून के महीने में मुरहू थाना क्षेत्र में घटी. जहां खूंटी से चार युवक चाकू की नोंक पर अपहरण कर उसके साथ घिनौनी हरकत की, इस कांड के सभी आरोपी फरार हैं.

इसे भी पढ़ें- खूंटी में ईटीवी भारत की खबर का असर, पीड़ित बच्चियों के खाते से गायब पैसे की होगी जांच

पूर्व में हुए गैंगरेप घटना के बाद पीड़िता जब पूरी तरह ठीक हो गई थी तो उसके पिता अपने साथ ले गए थे. पीड़िता को प्रशासन ने रिहैबिलिटेशन के तहत एक लाख रुपए मुहैया कराया था. लेकिन बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) के अफसरों ने उस पैसे का बंदरबांट कर लिया था. 14 दिसंबर 2020 को इस खबर को इटीवी भारत में प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होने के बाद डीसी शशि रंजन (DC Shashi Ranjan) ने जांच का आदेश दिए थे. जांच टीम को पीड़िता का कोई अता-पता नही मिलने से जांच बंद कर दिया गया. लेकिन अचानक उसी पीड़िता के साथ 23 जून को फिर से गैंगरेप की वारदात सामने आई. जिला बाल संरक्षण आयोग (District Child Protection Commission) के अध्यक्ष विंदेश्वर बिंधिया और बाल संरक्षण संस्थागत पदाधिकारी शिवाजी प्रसाद ने उस राशि की अवैध निकासी की थी.

सारे आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
बारंबार एक ही नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना निश्चय ही खूंटी जिला के लिए शर्मसार करने वाली है. पूर्व में इस नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप मामले में भी आरोपी अबतक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडब्लूसी और खूंटी पुलिस प्रशासन जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई कर रही है.

खूंटीः जिला में बुधवार को शर्मनाक घटना सामने आई, जिसमें दो लड़की आदिवासी के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) हुआ. इसमें एक नाबालिग लड़की भी शामिल है, जो पहले भी नक्सलियों का शिकार हो चुकी थी.

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अक्टूबर 2019 में पीएलएफआई (PLFI) के कुछ नक्सलियों ने हथियार के बल पर जंगल ले जाकर नाबालिग से गैंगरेप किया था. उस वक्त लड़की 14 वर्ष की थी और मानसिक तौर पर अस्वस्थ थी. जिसकी वजह से सीडब्ल्यूसी (CWC) की निगरानी में पीड़िता का रिनपास (RINPAS) में इलाज चल रहा था. पीड़िता के ठीक होने पर वर्ष 2019 में केस दर्ज किया गया. उस वक्त पीड़िता के बयान पर दर्ज हुई प्राथमिकी में बताया गया कि 10 से 12 लोगों ने बंदूक की नोंक पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.

जानकारी देते CWC के सदस्य

पहले नक्सली फिर युवकों ने बनाया शिकार

दुष्कर्म के बाद पीड़िता को नक्सलियों (Naxalites) ने धमकाया था कि किसी को बताओगी तो जान से मार देंगे. इस घटना में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई. हालांकि कुछ दिन पूर्व सुलेमान पूर्ति नामक युवक को अड़की पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसे इस सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी बताया गया था. दूसरी घटना उसी पीड़िता के साथ 2021 में जून के महीने में मुरहू थाना क्षेत्र में घटी. जहां खूंटी से चार युवक चाकू की नोंक पर अपहरण कर उसके साथ घिनौनी हरकत की, इस कांड के सभी आरोपी फरार हैं.

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पूर्व में हुए गैंगरेप घटना के बाद पीड़िता जब पूरी तरह ठीक हो गई थी तो उसके पिता अपने साथ ले गए थे. पीड़िता को प्रशासन ने रिहैबिलिटेशन के तहत एक लाख रुपए मुहैया कराया था. लेकिन बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) के अफसरों ने उस पैसे का बंदरबांट कर लिया था. 14 दिसंबर 2020 को इस खबर को इटीवी भारत में प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होने के बाद डीसी शशि रंजन (DC Shashi Ranjan) ने जांच का आदेश दिए थे. जांच टीम को पीड़िता का कोई अता-पता नही मिलने से जांच बंद कर दिया गया. लेकिन अचानक उसी पीड़िता के साथ 23 जून को फिर से गैंगरेप की वारदात सामने आई. जिला बाल संरक्षण आयोग (District Child Protection Commission) के अध्यक्ष विंदेश्वर बिंधिया और बाल संरक्षण संस्थागत पदाधिकारी शिवाजी प्रसाद ने उस राशि की अवैध निकासी की थी.

सारे आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
बारंबार एक ही नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना निश्चय ही खूंटी जिला के लिए शर्मसार करने वाली है. पूर्व में इस नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप मामले में भी आरोपी अबतक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडब्लूसी और खूंटी पुलिस प्रशासन जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई कर रही है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 9:22 PM IST
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