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Human Trafficking In Khunti: दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से पांच बच्चों को खूंटी पुलिस ने किया रेस्क्यू, मानव तस्करों ने बड़े शहरों में दिया था बेच - प्लेसमेंट एजेंसी

मानव तस्करी की शिकार पांच बच्चियों को खूंटी पुलिस ने रेस्क्यू किया है. इस बच्चों को तीन साल पहले बड़े शहरों में बेच दिया गया था. जहां इनसे घरेलू काम कराया जाता था और शोषण किया जाता था. पुलिस ने बच्चियों को बरामद कर शेल्टर होम भेज दिया है.

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Khunti Police Freed Victims Of Human Trafficking
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Published : Apr 3, 2023, 7:21 PM IST

खूंटीः पुलिस ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से पांच नाबालिग बच्चियों को रेस्क्यू कर खूंटी लाया गया. 23 अप्रैल से 31 अप्रैल तक लगातार दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर खूंटी पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया था. जिसमें पांच बच्चियों को रेस्क्यू किया गया है. इन बच्चियों को मानव तस्करों द्वारा बहला-फुसला कर दूसरे राज्यों में बेच दिया गया था. जहां ये बच्चियां रसूखदार लोगों के घरों में काम करती थीं. बरामद बच्चियों की उम्र 16 से लेकर 19 साल तक हैं. जब इनकी तस्करी हुई थी तो सभी बच्चियों की उम्र काफी कम थी.

ये भी पढे़ं-तीन साल पहले दो आदिवासी लड़कियों को काम के लिए ले जाया गया था दिल्ली, दोनों गायब

तीन साल पहले बच्चियों को खूंटी से ले जाकर दिल्ली में बेच दिया गया थाः मामले में एसपी अमन कुमार के निर्देश पर एक टीम गठित की गई थी. जिसमें आहतू थाना प्रभारी दुलारमनी टुडू, एएसआई रमजानुल हक और महिला आरक्षी मीना मुंडू मुख्य रूप से शामिल थीं. रेस्क्यू टीम में शामिल पुलिस कर्मियों ने बताया कि तीन साल पूर्व खूंटी से ले जाकर इन बच्चियों को दिल्ली में बेच दिया गया था. इससे संबंधित मामला आहतू थाना में दर्ज किया गया था.

खूंटी की दो महिला तस्करों का मामले में आ रहा है नामः पुलिस की जांच में यह पता चला कि खूंटी से गायब सभी बच्चियों को मानव तस्कर दयामनी बोदरा और गुड़िया देवी ने बहला-फुसला कर और सब्जबाग दिखाकर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ले गए थे. उसके बाद वहां का प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया और एजेंसी ने रसूखदार लोगों के घरों में बच्चियों को बेच दिया. बच्चियों से वहां घरों में बर्तन साफ कराया जाता था, बच्चों को खिलाने और स्कूल पहुंचाने का काम इन बच्चियों से लिया जाता था.

घरों में काम कराया जाता था बच्चियों से, गलती हो जाने पर होती थी पिटाईः रेस्क्यू की गई बच्चियों ने पुलिस को बताया कि काम के बदले शुरुआत में उन्हें किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं मिलता था. भले भी वो रसूखदारों के घरों में काम करती थीं, लेकिन पैसा नहीं मिलता था. साथ ही खाने की भी परेशानी होती थी. गलतियां हो जाए तो पिटाई भी की जाती थी. बड़ी दिक्कत के साथ घर में रहने को मजबूर थे.

बरामद बच्चियों को पुलिस ने शेल्टर होम भेजाः फिलहाल बच्चियों को सकुशल रेस्क्यू करा कर पुलिस खूंटी ले आई है. सभी बच्चियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन बच्चियों को बेचने में मुरहू क्षेत्र की दयामनी, जबकि तोरपा थाना क्षेत्र की गुड़िया देवी शामिल हैं. वहीं इस संबंध में हेडक्वार्टर डीएसपी जयदीप लकड़ा ने बताया कि बच्चियों का सकुशल रेस्क्यू कराया गया है. फिलहाल सभी बच्चियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है.

खूंटीः पुलिस ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से पांच नाबालिग बच्चियों को रेस्क्यू कर खूंटी लाया गया. 23 अप्रैल से 31 अप्रैल तक लगातार दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर खूंटी पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया था. जिसमें पांच बच्चियों को रेस्क्यू किया गया है. इन बच्चियों को मानव तस्करों द्वारा बहला-फुसला कर दूसरे राज्यों में बेच दिया गया था. जहां ये बच्चियां रसूखदार लोगों के घरों में काम करती थीं. बरामद बच्चियों की उम्र 16 से लेकर 19 साल तक हैं. जब इनकी तस्करी हुई थी तो सभी बच्चियों की उम्र काफी कम थी.

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तीन साल पहले बच्चियों को खूंटी से ले जाकर दिल्ली में बेच दिया गया थाः मामले में एसपी अमन कुमार के निर्देश पर एक टीम गठित की गई थी. जिसमें आहतू थाना प्रभारी दुलारमनी टुडू, एएसआई रमजानुल हक और महिला आरक्षी मीना मुंडू मुख्य रूप से शामिल थीं. रेस्क्यू टीम में शामिल पुलिस कर्मियों ने बताया कि तीन साल पूर्व खूंटी से ले जाकर इन बच्चियों को दिल्ली में बेच दिया गया था. इससे संबंधित मामला आहतू थाना में दर्ज किया गया था.

खूंटी की दो महिला तस्करों का मामले में आ रहा है नामः पुलिस की जांच में यह पता चला कि खूंटी से गायब सभी बच्चियों को मानव तस्कर दयामनी बोदरा और गुड़िया देवी ने बहला-फुसला कर और सब्जबाग दिखाकर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ले गए थे. उसके बाद वहां का प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया और एजेंसी ने रसूखदार लोगों के घरों में बच्चियों को बेच दिया. बच्चियों से वहां घरों में बर्तन साफ कराया जाता था, बच्चों को खिलाने और स्कूल पहुंचाने का काम इन बच्चियों से लिया जाता था.

घरों में काम कराया जाता था बच्चियों से, गलती हो जाने पर होती थी पिटाईः रेस्क्यू की गई बच्चियों ने पुलिस को बताया कि काम के बदले शुरुआत में उन्हें किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं मिलता था. भले भी वो रसूखदारों के घरों में काम करती थीं, लेकिन पैसा नहीं मिलता था. साथ ही खाने की भी परेशानी होती थी. गलतियां हो जाए तो पिटाई भी की जाती थी. बड़ी दिक्कत के साथ घर में रहने को मजबूर थे.

बरामद बच्चियों को पुलिस ने शेल्टर होम भेजाः फिलहाल बच्चियों को सकुशल रेस्क्यू करा कर पुलिस खूंटी ले आई है. सभी बच्चियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन बच्चियों को बेचने में मुरहू क्षेत्र की दयामनी, जबकि तोरपा थाना क्षेत्र की गुड़िया देवी शामिल हैं. वहीं इस संबंध में हेडक्वार्टर डीएसपी जयदीप लकड़ा ने बताया कि बच्चियों का सकुशल रेस्क्यू कराया गया है. फिलहाल सभी बच्चियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है.

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