खूंटी: खूंटी 16 साल का हो गया, सोलह बसंत देख लेने के बाद भी लोगों का मानना है कि जिले की जैसी तस्वीर उभरनी चाहिए थी, नहीं उभरी है. सड़क और बिजली की बात करें तो व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त नहीं हुई है. नक्सलवाद पर लगाम जरूर लगी है, लेकिन स्थिति अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है. वहीं यहां के लोग अफीम की खेती को पेशा बना रहे हैं, जो गैरकानूनी है. डीसी लोकेश मिश्र को यहां के लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती होगी.
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जिला प्रशासन अब अफीम की खेती को रोकने की तैयारी शुरू करने जा रही है. प्रशासन का तर्क है कि यदि ग्रामीणों के घर-घर तक सरकारी योजानाएं पहुंचेगी तो वे खुद इससे दूर होते चले जाएंगे. साथ ही प्रशासन उनके लिए रोजगार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का भी प्रयास कर रहा है.
खूंटी डीसी लोकेश ने क्या कहा: डीसी लोकेश मिश्रा ने जिलावासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि इन 16 वर्षों में खूंटी जिले ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. जिला गठन के बाद लोगों की समस्यायों का निष्पादन किया गया. आम जनता की पहुंच जिला प्रशासन, वरीय पदाधिकारियों और विभागों तक सरल सहज बनी है. जिले में इन 16 वर्षों में कई विकास के कार्य किए गए हैं. बावजूद अभी भी जिले के कई पंचायत और दूरस्थ गांव टोले तक विकास और मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची हैं.
डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि वैसे सुदूरवर्ती गांव-पंचायत जहां विकास नहीं पहुंच पाया है, अधिकारी पहुंचेंगे. 'सरकार आपके द्वार' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आमजनों को मिलने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. कहा कि जिले का गठन जिन उद्देश्यों के लिए किया गया था उन उद्देश्यों को पूरा किया जाएगा. कहा कि इसकी शुरुआत स्थापना दिवस के साथ ही कर दी गई है.
खूंटी में धड़ल्ले से हो रही अफीम की खेती: गौरतलब है कि जिले के दूरस्थ इलाकों में है अफीम की खेती धड़ल्ले से होती है. कई बार प्रशासन के द्वारा कार्रवाई भी हुई है. बावजूद लोग इससे बाज नहीं आ रहे हैं. उपायुक्त ने भी माना कि खूंटी के युवा अफीम की खेती में संलिप्त हैं. कहा कि अफीम की खेती गैर कानूनी है. कहा कि यहां के युवाओं को कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की चाहत उन्हें अफीम की खेती की ओर धकेल रही है. कहा इससे पूरा परिवार उसकी चपेट में आता है. उपायुक्त ने कहा कि दूसरी बड़ी वजह बताया कि यहां की भूमि उपजाऊ नहीं है. इस वजह से यहां के लोगों को अफीम की खेती करनी पड़ती है.
वैकल्पिक खेती की तलाशी जा रही राह: खूंटी जिला प्रशासन यहां के किसानों के लिए वैकल्पिक खेती की राह तलाश रही है. उपायुक्त ने कहा कि अफीम का व्यापार करने वाले गिरोह को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि गांव-गांव में जन जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया जाएगा. इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आमजनों का भी सहयोग लिया जाएगा. कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि लोगों को अन्य रोजगारमूलक कार्यक्रमों का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाए ताकि लोग अफीम की खेती न करें.
दर्जनों ग्रामीण एनडीपीएस मामले में जेल में बंद: जिले के दर्जनों ग्रामीण एनडीपीएस के मामले में जेल में बंद है. ज्यादातर आदिवासियों पर एनडीपीएस के केस चल रहे है. बावजूद यहां के लोग अवैध नशे की खेती से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा 200 से अधिक मामले खूंटी न्यायालय में ट्रायल में चल रहे है. इस मामले पर डीसी लोकेश मिश्र ने कहा कि खूंटी जनजातीय बहुल जिला है और अफीम की खेती गैरकानूनी होने के कारण अधिकांश अवैध खेती से ही जुड़े आरोपी हैं.
डीसी ने कहा-वैक्लिप रोजगार से जोड़ा जाएगा: डीसी ने कहा कि यहां के लोगों को अफीम की खेती से रोकने के लिए वैकल्पिक रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही सरलता से बैंकों से मिलने वाले कम ब्याज की ऋण उपलब्ध कराई जाएगी ताकि लोग स्वरोजगार कर सकें. डीसी ने कहा कि खूंटी में खेल प्रतिभाओं का भंडार है. उसे निखारने के प्रयास किया जाएगा. विभिन्न आयामों के माध्यम से जिले की बेहतरी और अफीम की खेती से लोगों को मुक्त कर बेहतर जीवनशैली की ओर प्रेरित किया जाएगा. साथ ही डीसी ने कहा कि यहां के लोगों से सीधा संवाद का प्रयास किया जाएगा.