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Jharkhand News: यौन शोषण के आरोपी आईएएस अधिकारी को हाजिर नहीं करने पर खूंटी कोर्ट ने जताई नाराजगी, थाना प्रभारी से मांगा स्पष्टीकरण - खूंटी न्यूज

खूंटी कोर्ट ने यौन शोषण के आरोपी आईएएस अधिकारी को अब तक कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने मामले में खूंटी थाना प्रभारी को शो-कॉज किया है और आठ सितंबर तक जवाब देने का आदेश दिया है.

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Court Expressed Displeasure For Not Serving Summon
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 3, 2023, 6:05 PM IST

खूंटी: यौन शोषण के आरोपी आईएएस अधिकारी सैयद रियाज अहमद को कोर्ट में उपस्थित नहीं करने पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्यपाल की अदालत ने नाराजगी जतायी है. इसे लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्यपाल ने खूंटी थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ निर्गत समन का तामील करा कर प्रतिवेदन न्यायालय में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में क्यों न न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए आपका वेतन बंद करने का आदेश पारित किया जाए. कोर्ट ने खूंटी के थाना प्रभारी को आठ सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वेतन पर रोक लगा दी जाएगी.


ये भी पढ़ें-Khunti Court Justice: तीन दिनों में खूंटी कोर्ट ने चार अफीम तस्करों को सुनाई सजा, एक अफीम तस्कर को 12 और तीन तस्करों को पांच-पांच साल की सजा

कोर्ट ने 20 अप्रैल 2023 को किया था सम्मन जारीः प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यपाल ने सम्मन जारी करते हुए कहा कि जीआर केस नं 693/ 2022 धारा 354 /354 (1)(II) / 509 भादवि सरकार बनाम सैयद रियाज अहमद में अभियुक्त सैयद रियाज अहमद की उपस्थिति हेतु न्यायालय द्वारा दिनांक 20 अप्रैल 2023 को सम्मन जारी किया गया था. जिसका तामील कराकर आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है. आप स्पष्ट करें कि आपने अभियुक्त के विरुद्ध निर्गत सम्मन का तामील कराकर प्रतिवेदन अभी तक न्यायालय में क्यों नहीं प्रस्तुत किया है. यह क्यों ना समझा जाए कि आप या तो अभियुक्त के साथ मिले हुए हैं या आप अपने कर्तव्य का पालन करने में अक्षम पुलिस पदाधिकारी हैं और आपने धारा 166ए भादवि के अतंर्गत लोक पदाधिकारी होते हुए विधि के अंतर्गत दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया है. ऐसी स्थिति में आपके द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन न करने के लिए आपका वेतन बंद करने का आदेश क्यों न पारित किया जाए.


आठ सितंबर तक कोर्ट ने थाना प्रभारी को जवाब प्रस्तुत करने का दिया आदेशः कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि संबंधित थानेदार इस स्पष्टीकरण का जवाब आठ सितंबर तक न्यायालय में प्रस्तुत करें. यदि आपने कोई उत्तर नहीं दिया तो यह समझा जाएगा कि आपको अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है और समुचित आदेश पारित कर दिया जाएगा. इस स्पष्टीकरण के साथ पुनः सम्मन की प्रति तामील हेतु भेजी जा रही है.

खूंटी: यौन शोषण के आरोपी आईएएस अधिकारी सैयद रियाज अहमद को कोर्ट में उपस्थित नहीं करने पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्यपाल की अदालत ने नाराजगी जतायी है. इसे लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्यपाल ने खूंटी थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ निर्गत समन का तामील करा कर प्रतिवेदन न्यायालय में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में क्यों न न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए आपका वेतन बंद करने का आदेश पारित किया जाए. कोर्ट ने खूंटी के थाना प्रभारी को आठ सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वेतन पर रोक लगा दी जाएगी.


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कोर्ट ने 20 अप्रैल 2023 को किया था सम्मन जारीः प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यपाल ने सम्मन जारी करते हुए कहा कि जीआर केस नं 693/ 2022 धारा 354 /354 (1)(II) / 509 भादवि सरकार बनाम सैयद रियाज अहमद में अभियुक्त सैयद रियाज अहमद की उपस्थिति हेतु न्यायालय द्वारा दिनांक 20 अप्रैल 2023 को सम्मन जारी किया गया था. जिसका तामील कराकर आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है. आप स्पष्ट करें कि आपने अभियुक्त के विरुद्ध निर्गत सम्मन का तामील कराकर प्रतिवेदन अभी तक न्यायालय में क्यों नहीं प्रस्तुत किया है. यह क्यों ना समझा जाए कि आप या तो अभियुक्त के साथ मिले हुए हैं या आप अपने कर्तव्य का पालन करने में अक्षम पुलिस पदाधिकारी हैं और आपने धारा 166ए भादवि के अतंर्गत लोक पदाधिकारी होते हुए विधि के अंतर्गत दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया है. ऐसी स्थिति में आपके द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन न करने के लिए आपका वेतन बंद करने का आदेश क्यों न पारित किया जाए.


आठ सितंबर तक कोर्ट ने थाना प्रभारी को जवाब प्रस्तुत करने का दिया आदेशः कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि संबंधित थानेदार इस स्पष्टीकरण का जवाब आठ सितंबर तक न्यायालय में प्रस्तुत करें. यदि आपने कोई उत्तर नहीं दिया तो यह समझा जाएगा कि आपको अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है और समुचित आदेश पारित कर दिया जाएगा. इस स्पष्टीकरण के साथ पुनः सम्मन की प्रति तामील हेतु भेजी जा रही है.

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