रांची: झारखंड हॉकी को सम्मान मिला है. खूंटी के बिरसा कॉलेज में निर्मित हॉकी टर्फ मैदान (Khunti Birsa College Hockey Ground) को एफआईएच फील्ड सर्टिफिकेट (FIH Field Certificate) मिल गया है. हर पैमाने पर मैदान की गुणवत्ता परखने के बाद यह सर्टिफिकेट मिलता है. इस दौरान खिलाड़ियों की सुरक्षा और संसाधन का आंकलन होता है. अब खूंटी के हॉकी टर्फ ग्राउंड पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैच भी हो सकता है. इन मानदंडों को पूरा करने के बाद ही एफआईएच फील्ड सर्टिफिकेट प्रदान करने की अनुमति दी जाती है. सर्टिफिकेट प्राप्ति के बाद अब जिला के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान में अभ्यास कर अपनी प्रतिभा को और निखार सकेंगे.
दरअसल, झारखंड को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है. इस क्षेत्र को सबसे पहले जयपाल सिंह मुंडा ने अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी थी. वह भी खूंटी के ही रहने वाले थे. उनके नेतृत्व में टीम ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. बाद के वर्षों में इस राज्य ने एक से बढ़कर एक हॉकी खिलाड़ी दिए. आज भी भारतीय महिला हॉकी टीम में झारखंड का दबदबा है. फिलहाल, भारतीय महिला हॉकी टीम में झारखंड की सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और संगीता के अलावा ब्यूटी डुंगडुंग अहम भूमिका निभा रही हैं. पिछले ओलंपिक की झारखंड की तीन बेटियां अपना जौहर दिखा चुकी हैं.
हाल के दिनों में फुटबॉल में भी झारखंड की लड़कियों ने लोहा मनवाया है. पिछले दिनों ओड़िशा में हुए अंडर 17 फीफा फुटबॉल में भारतीय टीम में झारखंड की छह लड़कियां शामिल थी. टीम का नेतृत्व झारखंड की अष्टम उरांव ने किया था. टूर्नामेंट के बाद रांची लौटने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की थी. मुख्यमंत्री का बार-बार कहना है कि वह झारखंड के खिलाड़ियों को संसाधन के अभाव में हुनर को मरने नहीं देंगे.
इसी का नतीजा है कि खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में खेलने के अनुकूल भी बनाया जा रहा है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी टर्फ मैदान के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है. फिलहाल सिमडेगा, चाईबासा समेत अन्य जिलों में हॉकी टर्फ फील्ड का निर्माण कार्य प्रगति पर है.