खूंटीः झारखंड के अतिनक्सल प्रभावित खूंटी जिला के अड़की प्रखंड क्षेत्र का कस्तूरबा स्कूल बदहाली की कहानी कह रहा है. कस्तूरबा स्कूल के बच्चों को पीने और नहाने के लिए स्कूल कैंपस से बाहर जाना पड़ता है. क्योंकि इसकी नयी इमारत का निर्माण कार्य साल 2006 से शुरू हुआ, पर 2021 तक भी इसका काम अधूरा है. जिससे छात्राओं को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.
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अड़की के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं प्रतिदिन पानी के जुगाड़ में अपना अधिकांश समय गंवा देती हैं. इसकी वजह एक सोलर संचालित लघु जलमीनार है. लेकिन मौसम साफ नहीं रहने से जलमीनार में पानी की सप्लाई बेहतर नहीं होता है. एक बोरिंग भी स्कूल कैंपस में है, पर बरसात के मौसम में भी उस बोरिंग से पानी नहीं मिलता.
स्कूल के बाहर एक बोरिंग है, उससे एकमात्र नल से पानी की आपूर्ति छात्राओं को की जाती है. इससे सुबह, दोपहर शाम हर वक्त छात्राओं को पानी के लिए समय गंवाने के लिए विवश होना पड़ता है. छात्राएं कहती हैं कि उन्हें पानी के लिए बहुत परेशान होना पड़ता है.
इस पर जिला शिक्षक अधीक्षक सह जिला शिक्षा पदाधिकारी महेंद्र पांडेय ने कहा कि विद्यालय भवन निर्माण समेत अन्य चीजों को लेकर हमने विद्यालय का निरीक्षण किया था. लेकिन ना तो किसी शिक्षिका, ना वार्डेन और ना ही छात्राओं ने पानी की समस्या को लेकर कोई जानकारी दी. उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन बिल्डिंग का अवलोकन किया और भवन निर्माण कार्य को जल्द पूरा करवाने संबंधी निर्देश संबंधित विद्यालय समिति को दिया है.
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उन्होंने यह भी कहा कि बिल्डिंग निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं होने से यहां की करीब साढ़े चार सौ छात्राओं को परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि विद्यालय प्रबंधन समिति को मैंने कहा था कि जितना निर्माण कार्य पूर्ण होता है उसकी मापी कर भुगतान के लिए भेजने का दायित्व समिति का है, पर अब तक विद्यालय समिति ने कार्य पूरा नहीं किया है.