खूंटी: जिले में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शहरों के अलावे सुदूरवर्ती जंगलों में भी योगासन की अलग-अलग मुद्राएं की गई. बता दें कि नक्सल विरोधी अभियान में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने जंगलों के बीच ही योगाभ्यास किया. इस मौके पर सीआरपीएफ 157 बटालियन के कोरबा और बीरबांकी के जवानों ने पूरे अनुशासन के साथ योगाभ्यास कर योग के महत्व का संदेश दिया. वहीं, जवानों के साथ-साथ जर्मन शेफर्ड डॉग भी योग की अलग-अलग मुद्राएं करते दिखे.
इस अवसर पर सीआरपीएफ 157 बटालियन के अधिकारियों ने जवानों से कहा कि आज की विपरीत परिस्थिति में योग का महत्व बढ़ गया है. ड्यूटी के दौरान होने वाले तनाव को दूर करने के लिए योग का अभ्यास करना जरूरी है. जवानों को यह भी बताया गया है कि योग का अभ्यास जीवन में हो रहे उतार-चढ़ाव में संतुलित रखता है. शारीरिक और मानसिक संतुलन से ही व्यक्ति ऊर्जावान बनता है और बेहतर तरीके से कोई भी कार्य सम्पन्न होता है.
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इधर, जवानों के साथ-साथ जर्मन शेफर्ड डॉग भी योग की अलग-अलग मुद्राएं करते दिखे. खूंटी के सुदूरवर्ती बीहड़ जंगलों में ऑपरेशन के दरम्यान जर्मन शेफर्ड डॉग कदम से कदम मिलाते हुए साथ निभाते हैं. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में सीआरपीएफ के जवानों के साथ जर्मन शेफर्ड काफी उत्साहित और अनुशासित नजर आए.