खूंटी: रामनवमी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इसको लेकर रांची जोन के डीआईजी अनीश गुप्ता ने कमान भी संभाल ली है. उन्होंने डीसी-एसपी, एसडीओ, डीडीसी के साथ बैठक कर अतिसंवेदनशील इलाकों में जवानों की तैनाती करा दी है. बैठक में संवेदनशील इलाकों और उपद्रवियों को चिन्हित कर नजर रखी जा रही है.
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डीआईजी ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि जिले में शांतिपूर्ण ढंग से रामनवमी मनाई जाएगी. रामनवमी को लेकर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किया गया है. शहर का जायजा लेने के लिए रामनवमी से पूर्व डीसी, एसपी ने शहर में फ्लैग मार्च भी किया. डीआईजी ने बताया कि संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर एहतियात के तौर पर मॉक ड्रिल की जा रही है. जिले के सभी थाना प्रभारी के अलावा वरीय पदाधिकारियों को एक-एक क्यूआरटी दी गई है. वे किसी भी परिस्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए संसाधनों से लैस हैं. सभी स्थानों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी. रामनवमी जुलूस के रूटों पर नजर रखी जा रही है.
डीआईजी ने बताया कि जिलास्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक पूरे जिले की निगरानी कर रहे हैं. संवेदनशील स्थानों पर सादे लिबास में भी पुलिस की तैनाती की गई है. उपद्रव की संभावना पर वे विशेष रूप से गठित क्यूआरटी को इसकी सूचना देंगे, जो बिना समय गंवाए अपनी कार्रवाई शुरू करेगी.
डीआइजी अनीश गुप्ता ने बताया कि खूंटी में जो भी घटना घटी है, उसको लेकर सभी पक्षों से बात की गई है. त्योहार सभी के सहयोग से शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराया जाएगा. रामनवमी जुलूस के पहले दिन से ही खूंटी पुलिस पूरी सतर्कता के साथ काम कर रही है ताकि रामनवमी शांतिपूर्ण सम्पन्न हो. खूंटी, तोरपा और अड़की क्षेत्रांतर्गत अति संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा में 5000 से अधिक जवान के अलावा चलन दस्ता और चलन दस्ते के साथ ड्रोन और जवानों को प्रतिनियुक्ति की गई है. जबकि अलग से उपद्रवियों को रोकने के लिए वाटर कैनन, टियर गैस, टियर सेल कैनन, केन सील्ड, बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट और लाठी जैसे कई उपकरण से लैस जवान व मजिस्ट्रेट मौजूद रहेंगे.
इससे पहले बुधवार को दो गुटों में हुई हिंसक झड़प के बाद खूंटी का माहौल बिगड़ गया था और रामनवमी जुलूस नहीं निकालने की बात कही जा रही थी. लेकिन शुक्रवार शाम केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद रामनवमी जुलूस निकालने पर सहमति बनी.